इस देश में इलाज के अभाव में किसी गरीब व्यक्ति की मौत नहीं होनी चाहिए आयुष्मान भारत गेमचेंजरः मनसुख मंडाविया
इस देश में इलाज के अभाव में किसी गरीब व्यक्ति की मौत नहीं होनी चाहिए आयुष्मान भारत गेमचेंजरः मनसुख मंडाविया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, आयुष्मान भारत को मजबूत करने के बाद, हम देश के 22 एम्स में आयुष्मान भारत केंद्र स्थापित करके स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे का विस्तार करने पर विचार करेंगे. सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा मुफ्त है और गरीबों को किसी न किसी योजना के तहत कवर किया जाता है.
नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने द इंडियन एक्सप्रेस के स्पेशल इंटरव्यू सीरीज ‘एक्सप्रेस अड्डा’ के नवीनतम संस्करण में, भारत के विशाल वैक्सीन अभियान, प्रिवेंटिव मॉड्यूल और डिजिटल हेल्थ मिशन के जरिए कैसे उपचार को सुलभ और सस्ता बनाया जा सकता है, इन विषयों पर बात की. भारत के COVID-19 टीकाकरण अभियान की सफलता पर उन्होंने कहा, मैं इस सफलता को केवल 18 महीने में 200 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने के चश्मे से नहीं देखता. भारत के कोविड टीकाकरण अभियान की सफलता की कहानी वैक्सीन के रिसर्च, उसके डेवलपमेंट और प्रोडक्शन, स्वदेशी संसाधनों के विकास, वितरण और प्रशासन पर बनी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, संक्षेप में यह आत्मनिर्भर भारत को परिभाषित करता है. जब 17 सितंबर, 2021 को मध्यरात्रि तक कोविड वैक्सीन की 2.5 करोड़ से अधिक खुराकें दी गईं, तो यह एक दिन का सर्वोच्च टीकाकरण बन गया. यह एक व्यक्तिगत मील का पत्थर था. मैं एक गांव से हूं, जहां वैक्सीन के बारे में सुनना अपने आप में एक बड़ी बात थी. इतनी विशाल आबादी का टीकाकरण करवाना एक बड़ी चुनौती थी. आज गांवों में टीके उपलब्ध हैं. लगभग 73 प्रतिशत ग्रामीण आबादी का टीकाकरण किया जा चुका है.
मॉडर्ना और फाइजर को भारत में लॉन्च क्यों नहीं किया गया?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने अमेरिकी वैक्सीन निर्माता कंपनियो Moderna और Pfizer के भारत में नहीं आने के बारे में कहा, हमने किसी को देश में आने से नहीं रोका. हमने उनसे सिर्फ अपने टीके बेचने के लिए भारत में पंजीकरण कराने के लिए कहा था, लेकिन उन्हें आपत्ति थी. वे क्षतिपूर्ति और संप्रभु गारंटी संबंधी नियमों में छूट चाहते थे. लेकिन हमने स्थानीय नियमों और कानूनों के अनुपालन पर जोर दिया. इसके अलावा, तब तक भारतीय कंपनियों ने बड़े पैमाने पर कोविड वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर दिया था, इसलिए उन्होंने दौड़ जीत ली.
आयुष्मान भारत के तहत पात्र नहीं होने वालों के लिए उपाय?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, आयुष्मान भारत को मजबूत करने के बाद, हम देश के 22 एम्स में आयुष्मान भारत केंद्र स्थापित करके स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे का विस्तार करने पर विचार करेंगे. सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा मुफ्त है और गरीबों को किसी न किसी योजना के तहत कवर किया जाता है. लेकिन योजनाएं सीधे तौर पर काम नहीं करती हैं. समय के साथ, हमें सुधार की आवश्यकता होगी. इस देश में किसी गरीब की मौत इलाज के अभाव में नहीं होनी चाहिए.
डिजिटल हेल्थ आईडी पर
मनसुख मंडाविया ने कहा, मोदी जी ने शुरू से ही डिजिटल इंडिया पर फोकस किया है। जन-धन खातों ने लोगों को कोविड-तनाव वाले समय के दौरान सीधे नकद हस्तांतरण प्राप्त करने में मदद की है. इसी तरह, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के तहत, एक महत्वपूर्ण एलिमेंट डिजिटल अकाउंट या आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) है. यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि चिकित्सक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य से संबंधित सभी जानकारी और उसकी मेडिकल हिस्ट्री तक आसानी से पहुंच सकते हैं. और इसे एक्टिवेट करने के लिए केवल एक ओटीपी की जरूरत होगी. डेटा सिक्योरिटी का भी ध्यान रखा गया है. एक नया ओटीपी जनरेट होने तक डॉक्टर किसी व्यक्ति का डिजिटल हेल्थ अकाउंट फिर से नहीं ओपन कर सकता है. यह गेम चेंजर होने जा रहा है, क्योंकि अब तक20 करोड़ से अधिक लोगों ने ABHA अकाउंट खोला है. यह एक बहुत बड़ा अभियान है और विश्व में अपनी तरह का पहला भी. मैं लोगों से इस मिशन से जुड़ने का अनुरोध करता हूं.
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Tags: Ayushman Bharat, Health Minister Mansukh Mandaviya, Mansukh MandaviyaFIRST PUBLISHED : August 05, 2022, 07:13 IST