Manipur Violence: उपद्रव में भी जो गांव नहीं जले वहां अब क‍िसने फैलाई आग

मण‍िपुर के उन इलाकों में हिंसा कैसे फैली, जहां पहले कभी विवाद नहीं हुआ? आख‍िर बराक नदी में कैसे बहने लगीं लाशें? जानें मण‍िपुर वायलेंस की इनसाइड स्‍टोरी.

Manipur Violence: उपद्रव में भी जो गांव नहीं जले वहां अब क‍िसने फैलाई आग
पूर्वोत्‍तर का बेहद खूबसूरत राज्‍य मण‍िपुर एक बार फ‍िर सुलग रहा है. गांवों में लोग एक दूसरे के खून के प्‍यासे हो गए हैं. प्रशासन की बात मानने को तैयार नहीं हैं. व‍िधायकों-मंत्र‍ियों के घरों-गाड़‍ियों को निशाना बना रहे हैं. चिंता की बात ये है क‍ि अब उपद्रव उन इलाकों में हो रहा है, जहां इससे पहले कभी कुछ नहीं हुआ. पिछले साल भारी बवाल में भी जहां एक भी घर नहीं जले. वहां घर जलाए जा रहे हैं. बच्‍चों-मह‍िलाओं को मारकर बराक नदी में फेंका जा रहा है. आख‍िर ये हुआ कैसे, बेहद शांत इस इलाके में आग कौन फैला रहा है? खुफ‍िया व‍िभाग के सूत्रों ने CNN-jharkhabar.com को जो जानकारी दी है, वह बेहद डरावनी है. उनके मुताबिक, एक टूल‍क‍िट काम कर रहा है, जिसके जर‍िये पूरे पूर्वोत्‍तर में आग फैलाने की कोश‍िश है. इनका मकसद, वहां डेवलपमेंट रोकना, लीडरश‍िप का संकट पैदा करना और हथ‍ियारों की सप्‍लाई करना है, ताक‍ि पूरा पूर्वोत्‍तर फ‍िर अशांत हो जाए. क‍िडनैप‍िंग, रेप और मर्डर पहले इसका ह‍िस्‍सा नहीं था, लेकिन अब ये सब कराया जा रहा है, ताक‍ि आग और भड़काई जा सके. इस टूलक‍िट को इस तरह डिजाइन क‍िया गया है ताक‍ि ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों में गुस्‍सा फैला, नफरत पैदा हो. इसके जर‍िए पूरे पूर्वोत्‍तर को गृहयुद्ध की आग में झोंकने का इरादा है. इसके पीछे ड्रग्स का गोल्डन ट्राइंगल- लाओस, थाईलैंड और म्यांमार को बताया जा रहा है. खुफ‍िया सूत्रों के मुताबिक, ड्रग माफ‍िया इन सबके ल‍िए मोटा पैसा पानी की तरह बहा रहे हैं. लेकिन बात सिर्फ इतनी नहीं है. कहानी कुछ और भी है. पहले शांत रहता था ये पूरा इलाका नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी के श‍िक्षाविद प्रसेनजीत बिस्वास ने डेक्‍कन हेरॉल्‍ड में इसके बारे में विस्‍तार से बताया है. उन्‍होंने कहा, ज‍िर‍िबाम के ज‍िस इलाके में इस बार ह‍िंसा फैल रही है, वहां पहले कभी हिंसा नहीं फैली. यह पूरा इलाका बेहद शांत रहता है. मई 2023 में जब राज्‍य के ज्‍यादातर ह‍िस्‍से में हिंसा फैली हुई थी, तब भी ज‍िर‍िबाम इलाके में शांत‍ि थी. लेकिन 8 नवंबर को उग्रवाद‍ियों के एक ग्रुप में हमार आद‍िवास‍ियों के घरों में आग लगा दी. इनमें एक मह‍िला की मौत हो गई. तीन दिन बाद सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए. दावा क‍िया गया क‍ि वे गांव की रक्षा करने वाले स्‍वयंसेवक थे. उसी द‍िन बोरोबेक्रा गांव से तीन मह‍िलाओं और तीन बच्‍चों का अपहरण कर ल‍िया गया. 15 नवंबर की रात एक मह‍िला और दो बच्‍चों के शव बराक नदी से निकाले गए. लोगों ने मह‍िला और बच्‍चों के शव देखे तो हिंसा भड़क उठी, जो अब तक नहीं थमी. 16 नवंबर को तीन और लोगों के शव बरामद क‍िए गए. कैसे फैल रही हिंसा -दोनों गुटों की ओर से फर्जी सूचनाएं फैलाई जा रही हैं. दावा क‍िया जा रहा है क‍ि दूसरे गुट के लोगोंं ने उनके लोगों को मार द‍िया. -जब सुरक्षाबलों के साथ झड़प में गोली चलती है, तो खबर फैला दी जाती है क‍ि पुल‍िस दूसरे गुट से मिलकर हमले कर रही है. -अगर कोई मह‍िला इसमें घायल हो जाती है, तो इसे और तेजी से फैलाया जाता है क‍ि दूसरे गुट के लोगों ने उसके साथ रेप क‍िया. नया क्‍या पहले हिंसा इंफाल घाटी, चूड़ाचांदपुर जिले और मणिपुर की दक्षिणी पहाड़ियों तक ही सीमित थी. वहां मैतेई-कुकी भ‍िड़ते रहते थे. जिरीबाम, बोरोबेक्रा में रहने वाले हमार आदिवासी लोगों का इससे पहले कभी मैतेई लोगों के साथ संघर्ष नहीं होता था. पहली बार इन इलाकों में भी हमार आद‍िवासी और मैतेई के बीच विवाद चल रहा है. हिंसक बवाल हो रहा है. चुराचांदपुर जिले के मोनबुंग गांव में कुकी और मैतेई के बीच पहले जब संघर्ष हुआ था तो सीएम ने खुद पहुंचकर शांत करा द‍िया था. लेकिन झूठी सूचना फैलाकर इस इलाके को एक बार फ‍िर आग में झोंकने की कोश‍िश हो रही है. Tags: Manipur News, Manipur Police, Manipur violenceFIRST PUBLISHED : November 18, 2024, 16:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed