कांग्रेस की लगातार हार से कैसे ममता को फायदा कहां से दरकने लगा विपक्ष

Mani Shankar Aiyar News: मणिशंकर अय्यर ने कहा कि कांग्रेस को इस बात के लिए तैयार रहना चाहिए कि वह गठबंधन का नेतृत्व ना करे. पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र... तमाम जगहों पर कांग्रेस को करारी हार मिली. इसके बाद से ही इंडिया गठबंधन में नेतृत्व को लेकर सवाल खड़ा हो रहा है.

कांग्रेस की लगातार हार से कैसे ममता को फायदा कहां से दरकने लगा विपक्ष
हाइलाइट्स मणिशंकर अय्यर ने कहा कि कांग्रेस गठबंधन का नेता न बने. कांग्रेस की लगातार हार से इंडिया गठबंधन में उठापठक. ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का नेता बनाने की मांग. नई दिल्ली: इंडिया गठबंधन में उठापठक जारी है. इस गठबंधन में सबसे बुरा हाल अगर किसी का है तो कांग्रेस है. हाल के दिनों में विपक्ष के बड़े-बड़े नेताओं ने ममता बनर्जी के बारे में कहा कि ममता को इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करना चाहिए. लालू यादव से लेकर अखिलेश यादव तक ने ममता के समर्थन में सुर में सुर मिलाय. और अब कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने खुद माना है कि कांग्रेस से ज्यादा ममता बनर्जी या इंडिया गठबंधन के अन्य नेताओं में नेतृत्व करने की क्षमता है. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर सवाल खड़ा हो रहा है. मणिशंकर अय्यर ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक इंटरव्यू में कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह कोई प्रासंगिक सवाल है. मुझे लगता है कि कांग्रेस को इस बात के लिए तैयार रहना चाहिए कि वह गठबंधन का नेता न बने. जो नेता बनना चाहता है, उसे नेता बनने दें. ममता बनर्जी में योग्यता है… गठबंधन में अन्य लोगों में योग्यता है.’ पढ़ें- राहुल से मोहभंग, ममता पर मेहरबान…क्यों शत्रुघ्न सिन्हा के रास्ते पर मणिशंकर अय्यर, कांग्रेस से कैसी नाराजगी? राहुल के नेतृत्व पर मणिशंकर ने क्या कहा मणिशंकर अय्यर ने इंटरव्यू में आगे कहा, ‘मुझे परवाह नहीं है कि कौन नेता बनता है क्योंकि मुझे लगता है कि कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस नेता की स्थिति हमेशा एक प्रमुख पद रहेगी. यह केवल एक ही नहीं होना चाहिए. यह इंडिया गठबंधन में प्रमुख पद होगा. मुझे यकीन है कि राहुल के साथ गठबंधन के अध्यक्ष के रूप में जितना सम्मान किया जाएगा, उससे कहीं अधिक सम्मान के साथ व्यवहार किया जाएगा.’ कहां से दरकने लगा विपक्ष? विपक्ष के दरकने की शुरुआत साल 2020 में तब हुआ जब G-23 चर्चा में आया. अगस्त 2020 में जब पहली बार इन नेताओं का समूह चर्चा में आया तब इसमें 23 नेता शामिल थे. इसलिए इन्हें G-23 कहा गया. समूह में शामिल रहे जितिन प्रसाद बाद में भाजपा में शामिल हो गए. कपिल सिब्बल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. सिब्बल अब सपा के समर्थन से राज्यसभा सांसद हैं. सिब्बल के बाद गुलाम नबी आजाद ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपनी खुद की पार्टी बनाई. कई विधानसभा चुनाव में बिखर गया विपक्ष पंजाब से लेकर गुजरात और हरियाणा विधानसभा चुनाव में विपक्षी एकता में दरार आ गई. पंजाब चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा. हरियाणा में भी ऐसा ही हुआ. महाराष्ट्र में भी शुरू में आपसी तकरार साफ देखी जा रही थी, लेकिन बाद किसी तरह से एकता बरकरार रखी गई. हालांकि कांग्रेस इन तमाम जगहों पर कांग्रेस को बुरी हार मिली. पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र… तमाम जगहों पर कांग्रेस को करारी हार मिली. इसके बाद से ही इंडिया गठबंधन में नेतृत्व को लेकर सवाल खड़ा होने लगा. लोकसभा 2024 की हार के बाद इंडिया गठबंधन में राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर सवाल और तेज हो गया. जिसका नतीजा यह हुआ कि ममता ने खुद नेतृत्व के लिए ताल ठोक दिया. इसके बाद विपक्ष के तमाम नेता ममता के नेतृत्व में काम करने की बात कहने लगे. Tags: Congress, INDIA Alliance, Mamta Banarjee, Rahul gandhiFIRST PUBLISHED : December 24, 2024, 09:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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