फ्लिपकार्ट से मंगाया मोबाइल मिला डिब्बाकोर्ट पहुंचा शख्स तो खुली किस्मत
फ्लिपकार्ट से मंगाया मोबाइल मिला डिब्बाकोर्ट पहुंचा शख्स तो खुली किस्मत
Flipkart Ordered To Pay Compensation: चंडीगढ़ के एक ग्राहक सुमित स्याल ने फ्लिपकार्ट से मोबाइल फोन ऑर्डर किया था. उनको पार्सल में फोन के बदले एक डमी फोन मिला था. जिसके बाद फ्लिपकार्ट ने उसे बदलने या मोबाइल का दाम लौटाने से इनकार कर दिया. सुमित स्याल ने फिर कंज्यूमर कोर्ट का रुख किया.
चंडीगढ़. चंडीगढ़ के एक शख्स ने फ्लिपकार्ट से मोबाइल ऑर्डर किया था. फ्लिपकार्ट से उसे जो पैकेट मिला, जिसे खोलते ही उसके होश होड़ गए. उस पैकेट के भीतर एक डमी फोन था. चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय इलाके में रहने वाले सुमित स्याल ने इसकी शिकायत फ्लिपकार्ट से की. फ्लिपकार्ट ने इसके बारे में कोई जवाब नहीं दिया. फ्लिपकार्ट अपनी जवाबदेही से साफ मुकर गई. इसके बाद सुमित स्याल के सामने कोर्ट जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था. अब चंडीगढ़ की जिला कंज्यूमर कोर्ट ने फ्लिपकार्ट को सुमित स्याल को 10,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है.
इसके साथ ही चंडीगढ़ के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने शिकायत करने वाले सुमित स्याल सालाना 9 फीसदी ब्याज के साथ मोबाइल का 29,890 रुपये दाम भी वापस करने का आदेश दिया है. आयोग के सामने अपनी शिकायत में सुमित स्याल ने कहा कि उन्होंने फ्लिपकार्ट के जरिये ऑनलाइन मोबाइल फोन ऑर्डर किया था. 25 सितंबर, 2019 को उन्होंने 29,890 रुपये का पेमेंट किया था. जब उन्होंने पार्सल खोला, तो अंदर एक डमी मोबाइल फोन देखकर दंग रह गए. उन्होंने डमी फोन की फोटो ली और फ्लिपकार्ट से शिकायत की, लेकिन इस समस्या का हल नहीं निकला.
फ्लिपकार्ट का जिम्मेदारी से इनकार
जबकि दूसरी ओर फ्लिपकार्ट और ईकार्ट लॉजिस्टिक्स अपने वकील के जरिये आयोग के सामने पेश हुए. उन्होंने दावा किया कि सुमित स्याल की शिकायत विचार करने लायक नहीं है. फ्लिपकार्ट ने कहा कि यह ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है. जो थर्ड पार्टी सामान बेचने वालों और ग्राहकों के बीच बिक्री लेनदेन को सुविधाजनक बनाने के लिए मीडिएटर के रूप में काम करता है. इसलिए किसी भी गड़बड़ी के लिए फ्लिपकार्ट को जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता है. फ्लिपकार्ट इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000 की धारा 2 (1) (डब्ल्यू) के तहत एक ‘मीडिएटर’ की परिभाषा में आता है.
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कंज्यूमर कमीशन ने दिया फ्लिपकार्ट को झटका
सभी दलीलों को सुनने के बाद आयोग ने कहा कि शिकायत करने वाला शख्स एक बैंक में असिस्टेंट मैनेजर के रूप में काम करता है और एक इज्जतदार इंसान है. इसके अलावा रिकॉर्ड से पता चलता है कि 29,890 रुपये की रकम वापस नहीं लौटाई गई, न ही डमी फोन बदला गया. इससे शिकायत करने वाले का उत्पीड़न हुआ और उसे मानसिक पीड़ा हुई. जिसके लिए उसे मुआवजा दिया जाना चाहिए. इसलिए विरोधी पक्षों को भुगतान हासिल करने की तारीख से रकम वापसी की असली तारीख तक 9 फीसदी सालाना ब्याज के साथ मोबाइल का दाम वापस करने का निर्देश दिया जाता है. आयोग ने उन्हें इस आदेश की कॉपी मिलने की तारीख से 45 दिनों के भीतर 10,000 रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया.
Tags: Chandigarh news, Flipkart sale, Online business, Online fraudFIRST PUBLISHED : September 8, 2024, 09:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed