गढ़ भेदने वाले के हाथ में सत्ता! लोकसभा में कांग्रेस ने तोड़ा भाजपा का करिश्मा

Maharashtra Chunav: महाराष्ट्र के विदर्भ से मुंबई की सत्ता का रास्ता निकलता है. इलाके में विधानसभा की 62 सीटें हैं. 2014 में इनमें से 44 पर अकेले भाजपा का कब्जा था, लेकिन बीते लोकसभा में वह काफी कमजोर हो गई.

गढ़ भेदने वाले के हाथ में सत्ता! लोकसभा में कांग्रेस ने तोड़ा भाजपा का करिश्मा
Maharashtra Chunav: विधानसभा सीटों के हिसाब से महाराष्ट्र देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है. एक नंबर पर उत्तर प्रदेश है. बड़ा राज्य होने की वजह से यह कई क्षेत्रों में बंटा है. इसमें एक सबसे बड़ा क्षेत्र है विदर्भ. यह क्षेत्र 2019 तक भाजपा का गढ़ था. लेकिन, बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा का यह किला उसके हाथ से फिसल गया. पार्टी को इलाके में बुरी हार मिली. इसी इलाके से राज्य के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा के चेहरा देवेंद्र फडणवीस आते हैं. यहीं से वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी आते हैं. इतना ही नहीं विदर्भ का सबसे बड़ा शहर नागपुर है. यहीं पर संघ का मुख्यालय है. प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बवानाकुले भी इसी इलाके से आते हैं. विदर्भ में राज्य के 11 जिले आते हैं. यहां लोकसभा की 10 और विधानसभा की कुल 62 सीटें हैं. 1990 के दशक से इस पूरे इलाके में भाजपा का जबर्दस्त प्रभाव रहा है. आप इसी से अनुमान लगा सकते हैं कि 2014 में इस इलाके की 62 में से 44 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी और देवेंद्र फडणवीस सीएम बने थे. हालांकि 2019 के विधानसभा में यहां भाजपा का गणित बिगड़ गया और उसे 29 सीटों पर ही जीत मिली. लेकिन, इस साल मई-जून में हुए लोकसभा चुनाव में पूरे इलाके में भाजपा को भारी झटका लगा. यहां की 10 में से सात लोकसभा सीटों पर महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवार विजयी हुए. कांग्रेस ने कायम किया दबदबा इसी इलाके के कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले आते हैं. इसके साथ ही विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय नांदेवराव वाडेत्तिवार का क्षेत्र भी यही इलाका है. 2024 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इस क्षेत्र से बड़ी उम्मीद है. इस कारण इलाके की सीटों को लेकर महाविकास अघाड़ी में खूब खींचतान भी चला था. 2024 में यहां की 62 में से 36 सीटों पर सीधे भाजपा और कांग्रेस के बीच टक्कर है. विदर्भ का पूरा इलाका कृषि प्रधान क्षेत्र है. यहां मुख्य रूप से कपास की खेती है. यह देश में कॉटन बेल्ट के नाम से जाना जाता है. इस इलाके के जिलों के नाम हैं- नागपुर, चंद्रपुर, अमरावती, अकोला, गढ़चिरौली, भंडारा, बुलढाना, गोंदिया, वर्धा, वाशिम और यावतमल. नागपुर पर सबकी निगाहें इस इलाके का सबसे बड़ा शहर नागपुर है. यहां विधानसभा की 12 सीटें हैं. 2014 में 12 में से 11 सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया था. लेकिन, 2019 में भाजपा थोड़ी कमजोर हुई और यहां की केवल छह सीटों पर उसे जीत मिली. 2024 के लोकसभा में यहां एक बार फिर नितिन गडकरी विजयी हुए. यहां इस चुनाव में भाजपा अपने संगठन और स्थानीय नेताओं के दम पर फिर से वापसी करने की तैयारी में जुटी है वहीं कांग्रेस ने डीएमके फॉर्मूला अपनाया है. वह डीएमके यानी दलित, मुस्लिम, और कुंबी वोटर्स को साधने में जुटी है. लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने इस फॉर्मूले को अपनाया था और उसे बड़ी सफलता मिली थी. उसने इलाके की 10 में से पांच सीटों पर अपने दम जीत हासिल की. शिवसेना उद्धव गुट को एक और एनसीपी शरद गुट को एक सीट मिली थी. भाजपा को केवल दो और शिवसेना शिंदे गुट के एक सीट पर जीत मिली थी. Tags: Devendra Fadnavis, Maharashtra election 2024, Maharashtra Elections, Nana PatoleFIRST PUBLISHED : November 10, 2024, 12:44 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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