कृत्रिम गर्भाधान पशुपालकों के लिए है फायदेमंद बछिया ही लेती है जन्म

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि पशुपालन और कृषि महाराजगंज जिले का प्रसिद्ध व्यवसाय है. जिले में जो कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चल रहे हैं. उनमें सभी स्वदेशी नस्लों के लिए वर्गीकृत सीमन का प्रयोग किया जा रहा है. इससे 90 प्रतिशत बछिया का जन्म होगा और गायों के फीमेल पापुलेशन में वृद्धि होगी.

कृत्रिम गर्भाधान पशुपालकों के लिए है फायदेमंद बछिया ही लेती है जन्म
महाराजगंज. उत्तर प्रदेश का महाराजगंज जिला एक ग्रामीण परिवेश वाला जिला है. यहां के अधिकतर लोग खेती करते हैं और इनमें से ज्यादातर किसान पशुपालन का भी काम करते हैं. हालांकि प्राचीन समय से ही कृषि और पशुपालन यह दोनों ही व्यवसाय एक दूसरे के पूरक माने जाते हैं. महाराजगंज जिले में भी बहुत से किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन का काम करते हैं और इनमें से ज्यादातर गाय पालन करते हैं. किसानों को खेती के साथ-साथ पशुपालन करने से आर्थिक उपार्जन का एक अलग स्रोत भी मिल जाता है. बछिया के जन्म से पशुपालक को होता है फायदा एक पशुपालक के लिए बछिया का जन्म होना आर्थिक रूप से फायदेमंद होता है. इसी से उसे आगे चलकर दूध और उससे आमदनी भी होती है. इसलिए, पशुपालक यह चाहता है कि उसके यहां बछिया का जन्म हो. महाराजगंज जिले के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनोद कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि जिले में जो कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चल रहे हैं. उनमें सभी स्वदेशी नस्लों के लिए वर्गीकृत सीमन का प्रयोग किया जा रहा है. इससे नब्बे प्रतिशत बछिया का जन्म होगा और गायों के फीमेल पापुलेशन में वृद्धि होगी. कृत्रिम गर्भाधान से बढ़ेगी गायों की फीमेल पॉपुलेशन गायों से बछिया के जन्म के लिए कृत्रिम गर्भाधान का प्रयोग किया जा सकता है. इस गर्भाधान प्रक्रिया से अधिकांश बछिया का जन्म होता है और पशुपालक को फायदा होता है. सामान्य गर्भाधान में 50-50 का चांस होता है, लेकिन कृत्रिम गर्भाधान में वर्गीकृत सीमन का प्रयोग किया जाता है जिससे 90 फीसदी बछिया का जन्म होता है. इससे आने वाले समय में गायों के फीमेल पापुलेशन में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी और पशुपालकों को इसका आर्थिक फायदाभी मिलेगा. Tags: Animal husbandry, Local18, Maharajganj News, UP newsFIRST PUBLISHED : September 8, 2024, 16:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed