फेसबुक पर भड़काऊ पोस्ट मामलाः मद्रास हाईकोर्ट से बावा बेहरुद्दीन को मिला बेल
फेसबुक पर भड़काऊ पोस्ट मामलाः मद्रास हाईकोर्ट से बावा बेहरुद्दीन को मिला बेल
High Court grants bail to man over Facebook posts: फेसबुक पर कथित भड़काऊ पोस्ट लिखने के कारण राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने एक व्यक्ति पर यूएपीए लगाया. उस व्यक्ति पर हिन्दुओं के खिलाफ आपत्तिजनक और अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने का आरोप है. मद्रास हाईकोर्ट ने इस व्यक्ति की जमानत याचिका मंजूर कर ली है.
नई दिल्ली. फेसबुक पर कथित भड़काऊ पोस्ट लिखने के कारण यूएपीए एक्ट के तहत गिरफ्तार एक व्यक्ति को मद्रास हाईकोर्ट ने जमानत दे दी. साथ ही उसे अपराधिक अपील की भी अनुमति दे दी. इस व्यक्ति पर Unlawful Activities (Prevention) Act यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम लगाया गया था. इस व्यक्ति पर फेसबुक पोस्ट के माध्यम से हिन्दुओं और विभिन्न समुदाय के बीच सांप्रदायिक सौर्हाद्र को बिगाड़ने के लिए मुसलमानों को भड़काने का आरोप है. बावा बेहरुद्दीन ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी.
बेहरुद्दीन पर देशद्रोह का आरोप
लाइव लॉ के मुताबिक अपीलकर्ता बावा बेहरुद्दीन पर देशद्रोह, आपराधिक षडयंत्र रचने, हिंसा फैलाने को लेकर विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज है. इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने बेहरुद्दीन की जमानत याचिका रद्द कर दी थी. हाईकोर्ट में भी उसके खिलाफ यही आरोप लगाया गया है. जस्टिस एस वैद्यनाथन और जस्टिस एडी जगदीश चंदिरा ने अपने वक्तव्य में कहा कि याचिकाकर्ता पर किसी भी तरह की हिंसा में शामिल होने का कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है. उसपर सिर्फ फेसबुक पोस्ट के माध्यम से लोगों को भड़काने का आरोप है.
क्या है मामला
एम रविद्रन की शिकायत पर सब इंस्पेक्टर ने एक व्यक्ति मोहम्मद इकबाल उर्फ शेंथिलकुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया. इसमें आरोप लगाया कि उसने अपने फेसबुक अकाउंट से हिन्दुओं को बदनाम करने वाली आपत्तिजनक और अपमानजनक सामग्री पोस्ट किया. साथ ही उसने हिन्दुओं के खिलाफ मुसलमानों को भड़काया जिससे सांप्रदायिक सौर्हाद्र बिगाड़ने की कोशिश की और इससे सार्वजनिक शांति भंग हुई. इनमें से एक पोस्ट मुख्य रूप से अपीलकर्ता के मुख्य पोस्ट से आया था. आगे की जांच में पाया गया कि अपीलकर्ता तमिलनाडु में हिज्ब-उत-तरीर का सक्रिय नेता है और वह इस्लामिक स्कॉलर के वेष में मुस्लिम युवाओं को शरिया कानून के तहत इस्लामिक राज्य बनाने का आह्वान करता है. और शरिया पर आधारित दीन अल नभानी के इस्लामिक संविधान को युवाओं में फैलाते हैं. इसी आधार पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अपीलकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
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FIRST PUBLISHED : July 17, 2022, 17:24 IST