नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन जंग के बीच पीएम मोदी अपने दोस्त पुतिन से मिलने मॉस्को जा रहे हैं. करीब पांच साल बाद पीएम मोदी रूस दौरे पर जा रहे हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को न्योता दिया है. पीएम मोदी आठ और नौ जुलाई को मॉस्को में रहेंगे. वह 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. पीएम मोदी की इस रूस यात्रा पर पूरी दुनिया की नजर है. रूस तो पीएम मोदी का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. पीएम मोदी की इस यात्रा से पुतिन पश्चिम के प्लान पर पानी फेरने की प्लानिंग में हैं. खुद रूस का मानना है कि पीएम मोदी और पुतिन के मिलन से पश्चिम को खूब जलन होगी.
मोदी का रूस दौरा क्यों अहम
दरअसल, पीएम मोदी का मॉस्को दौरा रूस के लिए यह बड़ा अवसर है. अमेरिका समेत पश्चिम देश रूस को अलग-थलग करने की कोशिश में है. ऐसे में पीएम मोदी की यात्रा से रूस पश्चिम को चिढ़ा सकता है कि वह अकेला नहीं है. यूक्रेन जंग के बाजवूद उसके साथ भी दुनिया के कई देश खड़े हैं. मोदी की यह इस यात्रा से रूस पश्चिम के प्लान पर पानी फेरने के प्लान में है. रूस राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत और मुलाकात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अति महत्वपूर्ण यात्रा का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. क्रेमलिन ने कहा कि पश्चिम इस यात्रा को जलन यानी ईर्ष्या भरी नजरों से देख रहा है.
पश्चिम के प्लान पर रूस फेरेगा पानी?
रूस-यूक्रेन जंग को दो साल से अधिक हो गए. रूस अब भी यूक्रेन पर ताबड़ताड़ अटैक कर रहा है. वहीं, अमेरिका समेत पश्चिमी देश रूस को तोड़ने की कोशिशों में लगे हैं. रूस को दुनिया से अलग-थलग करना चाहते हैं. मगर पुतिन भी हैं कि मानने को तैयार नहीं हैं. वह भी पश्चिम को लगातार जवाब दे रहे हैं. कभी चीन को साध कर तो कभी नॉर्थ कोरिया का दौरा करके तो कभी वियतनाम को अपने साथ मिलाकर, रूस यह बता रहा है कि पश्चिम भले ही उस पर पाबंदी लगा ले, मगर उसके साथ भी दुनिया के कई देश हैं. रूस मोदी की इस यात्रा को अवसर के रूप में देख रहा है. पीएम मोदी रूस-यूक्रेन जंग के बीच में मास्को जा रहे हैं. मोदी की इस यात्रा से रूस दुनिया को संदेश देना जा रहे हैं. साथ ही वह पश्चिम के अलग-थलग करने वाले प्लान पर भी पानी फेर रहे हैं.
यूक्रेन जंग के बाद पहली यात्रा
बता दें कि पीएम मोदी आज से रूस के दौरे पर जा रहे हैं. वह 8 और 9 जुलाई को पुतिन के आमंत्रण पर इंडिया-रसिया एनुअल समिट में भाग लेंगे. रूस-यूक्रेन जंग के बाद से पीएम मोदी की यह पहली यात्रा है. रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 में जंग की शुरुआत हुई थी. पश्चिम के दबाव के बाद भी भारत ने पुतिन का साथ दिया और उससे तेल खरीदना जारी रखा. इसकी वजह से रूस को युद्ध के हालात में भी पैसों की कमी नहीं हुई. हालांकि, भारत रूस को स्पष्ट कर चुका है कि वह शांति के पक्ष में है. पीएम मोदी कई बार दोहरा चुके हैं कि रूस-यूक्रेन जंग का एकमात्र उपाय शांति-वार्ता ही है.
Tags: PM Modi, Russia, Russia ukraine war, Vladimir PutinFIRST PUBLISHED : July 8, 2024, 06:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed