यूपी में बाबा ने कर दिया आवारा पशुओं का जुगाड़ सड़क पर नहीं होंगे इनसे हादसे

राज्य के पशुपालन विभाग ने एक निजी फर्म को छोटे शहरों में लगभग 10,000 मवेशियों पर और बड़े शहरों में 15,000 से 20,000 मवेशियों पर पट्टी चिपकाने का काम सौंपा है.

यूपी में बाबा ने कर दिया आवारा पशुओं का जुगाड़ सड़क पर नहीं होंगे इनसे हादसे
हाइलाइट्स यूपी में आवारा पशुओं पर रिफ्लेक्टर लगाने का किया गया फैसला. लखनऊ, गाजियाबाद और नोएडा में पायलट प्रोजेक्ट होगा शुरू. लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आवारा मवेशियों के चलते होने वाली सड़क हादसों की समस्या से निपटने के लिए बड़ा कदम उठाया है. सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं के सींग व गर्दन पर रिफ्लेक्टर लगाए जाने का फैसला किया गया है ताकि वाहन चालकों को अंधेरे में भी सड़क पर घूम रहे जानवर नजर आ जाएं, जिन पशुओं के सींग नहीं हैं, उनकी गर्दन पर रिफ्लेक्टर लगाए जाएंगे. 5 साल पहले 10 लाख से ज्यादा आवारा पशु थे हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पांच साल पहले राज्य में लगभग 1.18 मिलियन आवारा मवेशी थे. बैल इतने बूढ़े थे कि उनका खेती-बाड़ी के कामकाज के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. वहीं गायें और भैंस की प्रजनन उम्र निकल चुकी थी और मौजूदा समय में इन छुटे जानवरों की संख्या बहुत अधिक होने की संभावना है. क्योंकि सरकार ने गोवंशों के वध पर रोक भी लगा रखा है, जिससे सूबे में उनकी संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है और जब वो सड़कों पर घूमते हैं, तो गंभीर हादसों की वजह बनते हैं. जानवरों की सींग पर चिपकाए जा रहे हैं रिफ्लेक्टर राज्य के पशुपालन विभाग ने एक निजी फर्म को छोटे शहरों में लगभग 10,000 मवेशियों पर और बड़े शहरों में 15,000 से 20,000 मवेशियों पर पट्टी चिपकाने का काम सौंपा है. कुछ स्थानीय अधिकारियों ने पहले से ही अपने अधिकार क्षेत्र में मवेशियों को इन टेपों से टैग करना शुरू कर दिया है. प्रत्येक सींग की नोक की ओर एक पट्टी चिपका दी गई है. पहले लखनऊ, नोएडा और गाजियाबाद में काम होगा शुरू पशुपालन विभाग के एक अधिकारी ने एक निजी फर्म द्वारा की गई प्रस्तुति का हवाला देते हुए नाम न छापने की शर्त पर कहा, बिना सींग वाले जानवरों की गर्दन पर गोल पट्टी लगाई जाएगी. विभाग के अधिकारियों ने कहा कि योजना को पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लखनऊ, नोएडा और गाजियाबाद जैसे शहरों में लागू किया जाएगा और टेस्टिंग सफल होने पर इसे छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों तक बढ़ाया जाएगा, जहां आवारा पशुओं से खतरा ज्यादा है. बजट की रूपरेखा होगी तैयार उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग के निदेशक पीएन सिंह ने कहा, परियोजना के लिए एक बजट की रूपरेखा तैयार की जाएगी, जिसके लिए विशेषज्ञों को शामिल किया गया है. यह कदम राज्य के प्रमुख परिवहन सचिव चंद्रभूषण सिंह द्वारा अतिरिक्त मुख्य पशुपालन सचिव को पत्र लिखकर “दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करने के लिए” विचार का प्रस्ताव देने के बाद उठाया गया है। Tags: UP news, Yogi governmentFIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 10:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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