जब अखिलेश ने दिया था ऑफर 100 विधायक लेकर आ जाएं केशव मौर्य
जब अखिलेश ने दिया था ऑफर 100 विधायक लेकर आ जाएं केशव मौर्य
UP Politics: बीजेपी संगठन और सरकार के बीच मचे इस आंतरिक कलह को लेकर अब विपक्ष भी मुखर है. खासकर कांग्रेस और सपा की तरफ से सोशल मीडिया पर कटाक्ष किये जा रहे हैं. लेकिन यह पहला अवसर नहीं है, जब केशव प्रसाद मौर्य और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर विपक्ष हमलावर हुआ है.
हाइलाइट्स यूपी में लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद से ही बीजेपी में हाहाकार की स्थिति है पार्टी और सरकार लगातार हार को लेकर मंथन कर रही है
लखनऊ. यूपी में लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद से ही बीजेपी में हाहाकार की स्थिति है. पार्टी और सरकार लगातार हार को लेकर मंथन कर रही है. शीर्ष नेतृत्व को हार के कारणों का पूरा पुलिंदा भी भेजा जा चुका है. जिसमें आंतरिक गुटबाजी, अतिआत्मविश्वास, संविधान और आरक्षण के मुद्दे पर स्थिति साफ न कर पाना जैसे तमाम मुद्दे शामिल हैं. लेकिन गत रविवार को प्रदेश बीजेपी की कार्यसमिति की बैठक में जिस तरह से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आमने सामने आए. उसके बाद से सूबे के सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि सब कुछ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की मौजूदगी में हुआ. इतना ही नहीं 24 घंटे के भीतर ही केशव प्रसाद मौर्य और भूपेंद्र चौधरी की दिल्ली में जेपी नड्डा से अलग-अलग मुलाक़ात भी हुई.
बीजेपी संगठन और सरकार के बीच मचे इस आंतरिक कलह को लेकर अब विपक्ष भी मुखर है. खासकर कांग्रेस और सपा की तरफ से सोशल मीडिया पर कटाक्ष किये जा रहे हैं. लेकिन यह पहला अवसर नहीं है, जब केशव प्रसाद मौर्य और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर विपक्ष हमलावर हुआ है. अगर बात करें तो इसकी शुरुआत 2017 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत के साथ ही हो गई थी. तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में बीजेपी ने 311 सीटें हासिल की थी. उसके बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर जो घमासान मचा था वह किसी से छिपा नहीं है. सीएम की कुर्सी योगी आदित्यनाथ के हाथ लगी और उनके साथ संतुलन बनाने के लिए दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए.
अखिलेश 2017 से लगातार डाल रहे हैं डोरे
इसके बाद से ही समाजवादी पार्टी के मुखिया लगातार केशव प्रसाद मौर्य की उपेक्षा का आरोप लगाते रहे हैं. उन्होंने एक से अधिक बार केशव प्रसाद मौर्य को ऑफर तक दिया कि वे 100 विधायक तोड़कर लाएं और मुख्यमंत्री बन जाएं. हालांकि हर बार केशव प्रसाद मौर्य अखिलेश यादव को करारा जवाब देते रहे और पार्टी के प्रति अपनी आस्था दिखाते रहे. आखिरी बार सितंबर 2022 में अखिलेश यादव ने उन्हें विधायकों को तोड़ने और मुख्यमंत्री बनने का ऑफर दिया था.
एक बार फिर दिया है ऑफर
अब एक बार फिर अखिलेश यादव यही ऑफर दे रहे हैं और बीजेपी को उसी के दांव से चित करना चाहते हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि बिहार की तरह ही केशव प्रसाद मौर्य विधायक तोड़ें और मुख्यमंत्री बन जाएं. आज जो यूपी में जो हो रहा है वो बिहार में हो चुका है. 100 विधायक तोड़कर लाएं हम उन्हें विधायक बना देंगे. बुधवार को भी अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया और लिखा कि बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं है. बीजेपी कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में फंसी है. जिसकी वजह से जनता की सोचने वाला कोई नहीं है.
Tags: Lucknow news, UP latest newsFIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 14:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed