दृष्टिहीन लोगों की आंख बनेगा ये AI स्मार्ट चश्मा हर कदम पर देगा पूरी जानकारी
दृष्टिहीन लोगों की आंख बनेगा ये AI स्मार्ट चश्मा हर कदम पर देगा पूरी जानकारी
AI Smart Goggles: दृष्टिबाधित लोग अब पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन जाएंगे. ऐसा संभव हुआ है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के स्मार्ट चश्मे की वजह से. इसे चेन्नई की हेल्प द ब्लाइंड फाउंडेशन ने लखनऊ के डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय को दिए हैं. अभी 30 दृष्टि बाधित बच्चों को ये चश्मा दिया गया है.
लखनऊ /अंजलि सिंह राजपूत: दृष्टिहीन लोग अब पढ़ सकेंगे. कंप्यूटर चला सकेंगे. मोबाइल चला सकेंगे और तो और यह तक देख सकेंगे कि उनके सामने बैठा शख्स महिला है या पुरुष. उसके हाथों में क्या है, वह क्या कर रहा है. इसके अलावा अब ये किताब भी पढ़ सकेंगे. यानी दृष्टिबाधित लोग अब पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन जाएंगे. ऐसा संभव हुआ है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के स्मार्ट चश्मे की वजह से. इसे चेन्नई की हेल्प द ब्लाइंड फाउंडेशन ने लखनऊ के डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय को दिए हैं. अभी 30 दृष्टि बाधित बच्चों को ये चश्मा दिया गया है. इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है, इसकी ट्रेनिंग भी दी जा रही है. इस चश्मे की खासियत यह है कि इसका बैटरी बैकअप लगभग दो घंटे का है.
डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के दृष्टिबाधित विभाग के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट डॉक्टर विजय शंकर शर्मा ने बताया कि AI स्मार्ट विजन चश्मे में कैमरा और बैटरी लगी है. इस चश्मे को मोबाइल के ब्लूटूथ या वाईफाई से कनेक्ट करना होता है. इसकी एक एप्लीकेशन भी अलग से बनाई गई है, जो गूगल प्ले स्टोर पर है.
ऐसे करता है काम
जब फोन और चश्मा कनेक्ट हो जाता है, तो इसके बाद चश्मे का कैमरा अपने सामने की हर चीज को बताने लगता है. यह सारी चीज वॉइस ओवर के जरिए बताई जाती है. इससे दृष्टिबाधित लोग सुनकर जान जाते हैं. चलने में भी यह काफी मदद करता है. क्योंकि, इसे ऑन करने के बाद जैसे-जैसे दृष्टि बाधित लोग अपने कदम बढ़ाते हैं वैसे-वैसे एक-एक फोटो लेकर यह बताता जाता है कि सामने दरवाजा है या नहीं है. कितने कदम पर आपको मुड़ना है. इसके अलावा कंप्यूटर की ट्रेनिंग भी चल रही है. ताकि दृष्टिबाधित बच्चे कंप्यूटर सीख सकें. अपना फॉर्म खुद भर सकें और कंप्यूटर का अच्छे से इस्तेमाल कर सकें.
AI चश्मे से जिंदगी हो गई आसान
दो दृष्टिबाधित बच्चे जिन्होंने इसकी ट्रेनिंग पूरी कर ली है. जिसमें अनिल कुमार और अजय कुमार से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि इसका इस्तेमाल करना बहुत आसान है. इससे कोई दिक्कत भी नहीं होती है. और अब किसी के ऊपर निर्भर होने की जरूरत भी नहीं है. क्योंकि, इस चश्मे के जरिए दृष्टिबाधित लोग चल भी सकते हैं. एक तरह से यह चश्मा दृष्टिबाधित लोगों को आत्मनिर्भर बनाता है.
Tags: Artificial Intelligence, Local18, Lucknow newsFIRST PUBLISHED : June 20, 2024, 15:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed