बॉम्बे ब्लड ग्रुप की जगह चढ़ा दिया O निगेटिव RMLIMS के डॉक्टरों ने बचाई जान
बॉम्बे ब्लड ग्रुप की जगह चढ़ा दिया O निगेटिव RMLIMS के डॉक्टरों ने बचाई जान
Lucknow News: डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुब्रत चंद्रा ने बताया कि रायबरेली से एक 25 वर्षीया प्रेग्नेंट महिला रेफर होकर संस्थान में पहुंची थी. महिला के यूरिन में ब्लड पास होना, सांस फूलना और गर्भ में पल रहे बच्चे का मूवमेंट कम होने की शिकायत थी.
हाइलाइट्स लखनऊ के डॉ राम मनोहर लोहिया मेडिकल साइंसेज के डॉक्टरों की सतर्कता से महिला की बची जान महिला का ब्लड बॉम्बे ग्रुप का था, लेकिन रायबरेली के अस्पताल में उसे O निगेटिव ब्लड चढ़ा दिया गया
लखनऊ. राजधानी लखनऊ के डॉ राम मनोहर लोहिया मेडिकल साइंसेज के डॉक्टरों की सतर्कता से एक महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की जान बच गई. दरअसल, महिला का ब्लड बॉम्बे ग्रुप का था, लेकिन रायबरेली के अस्पताल में उसे O निगेटिव ब्लड चढ़ा दिया गया. हालात बिगड़ने पर उसे लखनऊ के डॉ राम मनोहर लोहिया संस्थान रेफर किया गया. यहां समय रहते डॉक्टरों ने महिला के रेयर ब्लड ग्रुप की पहचान कर उसकी और गर्भ में पल रहे बच्चे की जान बचा ली. इतना ही नहीं महिला का सफल प्रसव भी करा दिया। जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ बताये जा रहे हैं.
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुब्रत चंद्रा ने बताया कि रायबरेली से एक 25 वर्षीया प्रेग्नेंट महिला रेफर होकर संस्थान में पहुंची थी. महिला के यूरिन में ब्लड पास होना, सांस फूलना और गर्भ में पल रहे बच्चे का मूवमेंट कम होने की शिकायत थी. जिसके बाद उसके खून की जांच की गई तो पता चला कि उसका ब्लड बॉम्बे ग्रुप का है . ऐसे मरीज को सिर्फ बॉम्बे ग्रुप का ही ब्लोड्ड चढ़ाया जा सकता है, लेकिन ओ निगेटिव ब्लड चढ़ने से उसकी तबीयत बिगड़ गई थी. चूंकि यह अनुवांशिक होता है, लिहाजा परिवार के अन्य लोगों की भी जांच की गई तो भाई का ब्लड भी बॉम्बे ग्रुप का निकला. जिसके बाद भाई रक्तदान किया और महिला और उसके बच्चे की डिलीवरी करवा दी गई. अब दोनों स्वस्थ हैं.
बॉम्बे ब्लड ग्रुप भारत में दस हजार में करीब एक व्यक्ति में पाया जाता है
प्रोफेसर सुब्रत चंद्रा ने बताया कि यह काफी रेयर ब्लड ग्रुप है जो भारत में दस हजार में करीब एक व्यक्ति में पाया जाता है. जिसके कारण इस ब्लड ग्रुप के मरीज को केवल Hh बॉम्बे ब्लड ग्रुप का ही रक्त लिया या दिया जा सकता है. इतना ही नहीं इस ब्लड ग्रुप की जांच भी बड़ी चुनौती होती है, अक्सर बॉम्बे ब्लड ग्रुप के मरीज को ओ निगेटिव ग्रुप का मरीज समझ लिया जाता है. इस मामले में भी यही हुआ.
Tags: Lucknow news, UP latest newsFIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 09:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed