कोई सवाल ही पैदा नहीं होता राजनीति से संन्यास पर मायावती का ट्वीट
कोई सवाल ही पैदा नहीं होता राजनीति से संन्यास पर मायावती का ट्वीट
राजनीति से संन्यास लेने के अटकलों के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि सक्रिय राजनीति से मेरा सन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है.
लखनऊः बहुजन समाज पार्टी में नए अध्यक्ष को लेकर मंगलवार को चुनाव होने वाला है. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि बसपा सुप्रीमो मायावती की जगह किसी और को मौका मिल सकता है और इस नए चेहरे के सुर्खियों के बीच आकाश आनंद का नाम सबसे आगे चल रहा है. हालांकि इस बीच मायवाती ने सोमवार को सिलसिलेवार कई ट्वीट किए, जिसमें उन्होंने अपने संन्यास को लेकर चल रहे संभावनाओं पर भी स्पष्टीकरण दिया है.
मायावती ने ट्वीट कर कहा, ‘बहुजनों के अम्बेडकरवादी कारवाँ को कमजोर करने की विरोधियों की साजिशों को विफल करने के संकल्प हेतु बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी की तरह ही मेरी जिन्दगी की आखिरी सांस तक बीएसपी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेन्ट को समर्पित रहने का फैसला अटल.’ उन्होंने दूसरा ट्वीट करते हुए कहा, ‘अर्थात सक्रिय राजनीति से मेरा सन्यास लेने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है. जबसे पार्टी ने श्री आकाश आनन्द को मेरे ना रहने पर या अस्वस्थ विकट हालात में उसे बीएसपी के उत्तराधिकारी के रूप में आगे किया है तबसे जातिवादी मीडिया ऐसी फेक न्यूज प्रचारित कर रहा है जिससे लोग सावधान रहें.’
मायावती ने ट्वीट कर कहा, ‘हालाँकि पहले भी मुझे राष्ट्रपति बनाए जाने की अफवाह उड़ाई गयी, जबकि मान्यवर श्री कांशीराम जी ने ऐसे ही आफर को यह कहकर ठुकरा दिया था कि राष्ट्रपति बनने का मतलब है सक्रिय राजनीति से सन्यास लेना जो पार्टी हित में उन्हें गवारा नहीं था, तो फिर उनकी शिष्या को यह स्वीकारना कैसे संभव?’
वहीं गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘सपा जिसने 2 जून 1995 में बीएसपी द्वारा समर्थन वापिसी पर मुझ पर जानलेवा हमला कराया था तो इस पर कांग्रेस कभी क्यों नहीं बोलती है? जबकि उस दौरान् केन्द्र में रही कांग्रेसी सरकार ने भी समय से अपना दायित्व नहीं निभाया था. तभी फिर मान्य. श्री कांशीराम जी को अपनी बीमारी की गम्भीर हालत में भी हॉस्पिटल छोड़कर रात को इनके मा. गृह मन्त्री को भी हड़काना पड़ा था तथा विपक्ष ने भी संसद को घेरा, तब जाकर यह कांग्रेसी सरकार हरकत में आई थी. क्योंकि उस समय केन्द्र की कांग्रेसी सरकार की भी नीयत खराब हो चुकी थी, जो कुछ भी अनहोनी के बाद यहाँ यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाकर, पर्दे के पीछे से अपनी सरकार चलाना चाहती थी, जिनका यह षड़यन्त्र बीएसपी ने फेल कर दिया था.’
Tags: BSP chief Mayawati, UP newsFIRST PUBLISHED : August 26, 2024, 12:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed