इस विदेशी फल की खेती से UP का किसान मालामाल लागत से दोगुना हो रहा मुनाफा
इस विदेशी फल की खेती से UP का किसान मालामाल लागत से दोगुना हो रहा मुनाफा
उत्तर प्रदेश का बाराबंकी जिला अब एक नए कृषि ट्रेंड का गवाह बन रहा है. यहां के किसान अब पारंपरिक खेती छोड़ ड्रैगन फ्रूट की खेती में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जो न केवल बाजार में बेहद मांग वाला फल है, बल्कि किसानों को भी अच्छा मुनाफा दे रहा है.
आगरा: छत्रपति शिवाजी महाराज ने 17 अगस्त 1666 को मुगल शासक औरंगजेब की कैद से भागकर अपनी युद्ध कौशल और रणनीतिक क्षमता का अद्भुत प्रदर्शन किया था. शिवाजी ने हजारों मुगल सैनिकों को गुमराह करते हुए आगरा से सुरक्षित निकलने में सफलता प्राप्त की थी. इस वीरता की गाथा से युवाओं को परिचित कराने के लिए समर्थ गुरु रामदास और छत्रपति शिवराय प्रतिष्ठान आगरा, शिवाजी के सेनापतियों के 14वें वंशजों के साथ, आगरा से राजगढ़ तक एक “गरुड़क्षेप यात्रा” का आयोजन कर रहे हैं.
17 अगस्त को आगरा के लाल किला स्थित छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा स्थल पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसके बाद, सैकड़ों समर्थक मशाल जुलूस के साथ राजगढ़ की ओर कूच किया. धाकरान चौराहा, एमजी रोड पर आयोजित एक प्रेस वार्ता में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि युवाओं को छत्रपति शिवाजी की वीरता, युद्ध कौशल, और हिंदुत्व की भावना से प्रेरित करने के लिए कोठी मीना बाजार में भव्य शिवाजी स्मारक के साथ लगभग 100 फुट ऊंची शिवाजी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी.
शिवाजी स्मारक का निर्माण और पर्यटन स्थल का विकास
कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के स्तर पर सहमति बन चुकी है, और जल्द ही कोठी मीना बाजार में शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां ताजमहल और लाल किला देखने आने वाले पर्यटक भी इस स्मारक क्षेत्र का भ्रमण कर सकेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि 17 अगस्त 1666 को शिवाजी महाराज ने अपनी कुशलता, युद्ध क्षमता, और वीरता के बल पर औरंगजेब की कैद से मुक्त होकर आगरा से बाहर निकलने में सफलता प्राप्त की थी.
यात्रा की विशेषताएं और स्वागत समारोह
शिवाजी के सेनापतियों के 14वें वंशज पिछले दो वर्षों से इस दिन को स्मृति दिवस के रूप में मना रहे हैं. इस क्रम में शनिवार को लाल किले के सामने स्थित शिवाजी प्रतिमा स्थल से पुणे तक लगभग 1250 किलोमीटर की “गरुड़क्षेप मुहिम यात्रा” निकाली जाएगी. कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि आगरा के सेवला जाट के पास सराय मलूक चंद नामक स्थान पर मशाल जुलूस का भव्य स्वागत किया जाएगा. यह स्थान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि शिवाजी महाराज आगरा से जाते समय यहां एक रात विश्राम के लिए रुके थे.
युद्ध कौशल का प्रदर्शन और सांस्कृतिक कार्यक्रम
गरुड़क्षेप मुहिम के अध्यक्ष, महाराष्ट्र से आए मारुति गोले ने बताया कि 1250 किलोमीटर लंबी इस यात्रा को पूरा करने में लगभग 13 दिन का समय लगेगा. इस यात्रा में 1000 धावक, 100 साइकिल सवार, और मशाल जुलूस शामिल होंगे. इस यात्रा का स्वागत आगरा की समर्थ गुरु रामदास एवं छत्रपति शिवराय प्रतिष्ठान संस्था द्वारा किया जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय यात्रा का शुभारंभ छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर करेंगे.
मराठी कलाकार प्राचीन युद्ध कला का प्रदर्शन करेंगे, जिसमें शिवाजी महाराज द्वारा दर्शाई गई युद्ध कला और शौर्य प्रतिभा का अनुकरण किया जाएगा. इस बार गरुड़क्षेप यात्रा में गोवा से आए कलाकार नृत्य, संगीत, और विभिन्न कलाओं का प्रदर्शन करेंगे, जो इस यात्रा को और भी भव्य बनाएंगे.
Tags: Chatrapati Shivaji, Local18FIRST PUBLISHED : August 20, 2024, 14:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed