यूपी की ये महिला किसान ट्रैक्टर की जगह बैल से करती हैं खेती

गेहूं-धान के अलावा भी किसानों के पास खेती के कई विकल्प होते हैं. जैसे सब्जी की खेती. इससे किसानों की आय भी बढ़ती है. अमेठी में एक महिला किसान सब्जियों की खेती में अच्छा खासा मुनाफा कमा रही हैं. महिला किसान सिर्फ सब्जियों की खेती ही नहीं, बल्कि मेड और समूह सखी का भी काम करती हैं.

यूपी की ये महिला किसान ट्रैक्टर की जगह बैल से करती हैं खेती
अयोध्या: इन दिनों गणेश उत्सव की धूम चारों ओर छाई हुई है. मोहल्लों, इलाकों और घरों में गणपति की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं. इस पर्व का समापन गणेश मूर्ति के विसर्जन के साथ होता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह विसर्जन की परंपरा कैसे शुरू हुई? क्या छोटी मूर्तियों को हमेशा के लिए घर में रखा जा सकता है? गणेश विसर्जन की परंपरा सबसे पहले महाराष्ट्र में शुरू हुई. इसके पीछे धार्मिक मान्यता और लोक परंपराओं का मेल है. भगवान गणेश को “विघ्नहर्ता” के रूप में पूजा जाता है, और विसर्जन के माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि भगवान गणेश सभी विघ्नों को समाप्त करके अपने लोक में लौट जाते हैं. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि 1893 में लोकमान्य तिलक ने गणेशोत्सव को सार्वजनिक रूप से मनाने की शुरुआत की, ताकि समाज को एकजुट किया जा सके और ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीयों में जागरूकता फैलाई जा सके. तब से यह परंपरा हर साल गणेशोत्सव के बाद मूर्ति विसर्जन के साथ पूरी होती है. धार्मिक दृष्टिकोण से माना जाता है कि भगवान गणेश धरती पर कुछ समय के लिए आते हैं और फिर अपने लोक में वापस लौट जाते हैं. क्या छोटी मूर्तियों को घर में स्थायी रूप से रखा जा सकता है? कई लोग सवाल करते हैं कि क्या छोटी गणेश मूर्तियों को विसर्जित करना आवश्यक है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, धार्मिक दृष्टिकोण से गणेश मूर्ति की स्थापना एक निश्चित समय के लिए की जाती है और इसे विधिवत रूप से विसर्जित करना जरूरी होता है. घर में स्थायी रूप से मूर्ति रखने के दोष और लाभ यदि गणेश मूर्ति की धार्मिक रूप से स्थापना की गई है, तो उसे निश्चित समय के बाद विसर्जित करना आवश्यक है. अगर ऐसा नहीं किया जाता, तो यह धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दोष का कारण बन सकता है. हालांकि, यदि मूर्ति को केवल सजावट या सामान्य पूजन के उद्देश्य से रखा जाता है और विधिवत स्थापना या विसर्जन नहीं की जाती, तो इसे धार्मिक दृष्टिकोण से दोषपूर्ण नहीं माना जाता. विसर्जन की धार्मिक प्रक्रिया गणेश मूर्ति विसर्जन का धार्मिक महत्व यह है कि पूजा पूरी होने के बाद भगवान गणेश को जल में विसर्जित किया जाता है, जो जीवन के चक्र—प्रारंभ और अंत—का प्रतीक है. विसर्जन यह संदेश देता है कि संसार में हर वस्तु अस्थायी है, और अंततः हमें परमात्मा में विलीन होना है. Tags: Ganesh Chaturthi, Local18FIRST PUBLISHED : September 11, 2024, 10:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed