बुंदेलखंड में करें इन पीले फूलों की खेतीरखें कुछ खास बातों का ध्यान!

झांसी के प्रगतिशील किसान अमित सिंह लंबे समय से जरबेरा की खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जरबेरा सनफ्लावर फूल की एक वैरायटी है. इसकी खेती करने में गुलाब के मुकाबले काफी कम मेंटेनेंस आता है. इसकी खेती से किसानों को सालाना 10 से 12 लाख रुपए प्रति एकड़ की इनकम हो जाती है.

बुंदेलखंड में करें इन पीले फूलों की खेतीरखें कुछ खास बातों का ध्यान!
शाश्वत सिंह/झांसी. फूल जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. फूलों कि खुशबू और रंग लोगों के जीवन में ऊर्जा और उत्साह का संचार करते हैं. फूल दिखने में जितने सुंदर होते हैं, उनकी खेती उतनी ही जटिल होती है. ऐसा ही एक खास फूल है जरबेरा. सन फ्लावर के परिवार से आने वाले जरबेरा फूल की खेती करना काफी मुश्किल होता है. बुंदेलखंड की जलवायु में फूलों की खेती करना काफी कठिन होता है. अगर किसान कुछ खास बातों का ध्यान नहीं रखते हैं तो काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. झांसी के प्रगतिशील किसान अमित सिंह लंबे समय से जरबेरा की खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जरबेरा सनफ्लावर फूल की एक वैरायटी है. इसकी खेती करने में गुलाब के मुकाबले काफी कम मेंटेनेंस आता है. उन्होंने बताया कि जरबेरा की खेती करते समय इल्ली का खास ध्यान रखना पड़ता है. हरी इल्ली जरबेरा के पौधे पर बहुत जल्दी हमला करती है. फूल की खेती के लिए बनाए जाने वाले पॉलीहाउस में यह समस्या होती है कि यहां इल्ली जितनी जल्दी कंट्रोल होती है, उतनी ही जल्दी फैलती भी है. हार्वेस्टिंग के दौरान इन बातों का रखें ध्यान अमित सिंह ने बताया कि जरबेरा की खेती के दौरान जो पत्तियां पुरानी हो जाएं, उन्हें तुरंत हटा देना चाहिए. फूल कि हार्वेस्टिंग के दौरान इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए की फूल का ब्रांच अपने क्राउन समेत बाहर निकला जाए. क्राउन पर लगा रेशा अगर नहीं निकलता है तो यह पौधे को काफी नुकसान पहुंचा सकता है. इसकी वजह से बैक्टेरिया और फंगस भी जरबेरा के पौधे पर हमला कर सकते हैं. हर साल 12 लाख तक की कमाई जरबेरा का फूल 85 से 90 दिन में तैयार हो जाता है. 90 दिनों के अंदर किसान इसकी हार्वेस्टिंग कर सकते हैं. एक सीजन में एक वर्ग मीटर के क्षेत्रफल से 200 से 250 फूल मिल जाते हैं. 10 से 15 फूलों का बंडल बनाकर किसान इसे बेच सकते हैं. इसकी खेती से किसानों को सालाना 10 से 12 लाख रुपए प्रति एकड़ की इनकम हो जाती है. जरबेरा फूलों की डिमांड मुंबई, कोलकाता, नागपुर, हैदराबाद, दिल्ली, विशाखापट्टनम सहित अन्य महानगरों में अधिक है. Tags: India agriculture, Jhansi news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : May 22, 2024, 20:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed