1 खेत में एक साथ करें 2 सब्जियों की खेती दोनों को उत्पादन होगा बंपर

प्रभारी कृषि अधिकारी शिवशंकर वर्मा बताते हैं कि "रिले क्रॉपिंग"एक कृषि तकनीक है. जिसमें एक ही खेत में एक फसल की कटाई से पहले दूसरी फसल की बुवाई की जाती है. इसका उद्देश्य खेत का अधिकतम उपयोग करना और फसल उत्पादन को बढ़ाना है.

1 खेत में एक साथ करें 2 सब्जियों की खेती दोनों को उत्पादन होगा बंपर
रायबरेली. अगर आप भी एक साथ कई सब्जियों की खेती करके कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. आज हम सब्जियों की खेती से जुड़ी एक ऐसी खास विधि के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका उपयोग करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इस खास तकनीकी के जरिए खेती करने वाले किसान एक साथ कई सब्जियों की खेती आसानी से कर सकते हैं. जिससे उन्हें कम लागत में बेहद अच्छा मुनाफा मिल जाएगा. रायबरेली के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्रभारी कृषि अधिकारी शिवशंकर वर्मा बताते हैं कि “रिले क्रॉपिंग”एक कृषि तकनीक है. जिसमें एक ही खेत में एक फसल की कटाई से पहले दूसरी फसल की बुवाई की जाती है. इसका उद्देश्य खेत का अधिकतम उपयोग करना और फसल उत्पादन को बढ़ाना है. रिले क्रॉपिंग में फसलों को इस तरह उगाया जाता है कि एक फसल की वृद्धि और विकास के साथ ही दूसरी फसल उगाई जा सके. जिससे भूमि का उपयोग निरंतर बना रहे. खास फसलों की करें एक साथ खेती शिवशंकर वर्मा बताते हैं कि रिले क्रॉपिंग विधि का उपयोग करके भिन्न-भिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती एक साथ की जा सकती है. इस विधि में फसलों का संयोजन और समय प्रबंधन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. इस विधि से कुछ खास सब्जियों की खेती एक साथ की जा सकती है जिनमे प्रमुख रूप से.. 1. टमाटर और धनिया: पहले टमाटर की बुवाई करें. जब टमाटर की फसल पकने लगे, तब धनिया की बुवाई कर दें. धनिया जल्दी उगता है और टमाटर की कटाई होते-होते पकने के लिए तैयार हो जाता है. 2. मूली और पालक: मूली की फसल जल्दी तैयार हो जाती है. मूली के साथ पालक की बुवाई कर सकते हैं. मूली के तैयार होने तक पालक की पौध भी विकसित हो जाती है. 3. बैंगन और मिर्च: बैंगन की फसल का जीवन चक्र लंबा होता है. इसे मिर्च के साथ उगा सकते हैं. पहले बैंगन की बुवाई करें.जब बैंगन की पौध तैयार हो जाए.तब मिर्च की बुवाई करें. 4. प्याज और गाजर: प्याज की फसल के साथ गाजर की बुवाई करें.गाजर की जड़ें प्याज की फसल को नुकसान नहीं पहुंचातीं और दोनों फसलों की बुवाई और कटाई का समय अच्छा तालमेल बैठता है. 5. लहसुन और टमाटर: पहले लहसुन की बुवाई करें. जब लहसुन की पौध अच्छी तरह से उग जाए .तब टमाटर की बुवाई करें. लहसुन की जड़ें मिट्टी में नमी बनाए रखती हैं जो टमाटर की फसल के लिए फायदेमंद होती है. 6. गाजर और मूली: गाजर और मूली दोनों ही जल्दी उगने वाली फसलें हैं. आप पहले गाजर की बुवाई कर सकते हैं. और गाजर के बढ़ने के साथ-साथ मूली की बुवाई कर सकते हैं. 7. भिंडी और लौकी: भिंडी की बुवाई पहले करें, और जब भिंडी की फसल तैयार हो जाए, तब लौकी की बुवाई करें. लौकी की बेल भिंडी के पौधों को छाया प्रदान कर सकती हैं जिससे दोनों फसलों को फायदा होता है. 8. शिमला मिर्च और धनिया: पहले शिमला मिर्च की बुवाई करें, और जब पौधे अच्छी तरह से स्थापित हो जाएं, तब धनिया की बुवाई करें. धनिया जल्दी तैयार हो जाता है और शिमला मिर्च की फसल को लाभ पहुंचाता है. Tags: Agriculture, Local18, Rae Bareli News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 24, 2024, 19:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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