क्या बार-बार दूध गर्म करने से होता है नुकसान साइंस की नजर से जान लीजिए

दूध फटने से बचाने के लिए लोग तरह-तरह के उपाए करते हैं. जैसे, दूध की केतली या भगोना में सूखी साबूत मिर्च डालना, ताकि दूध फटे नहीं. अगर दूध फटने से बच भी जाता है तो लोगों के मन में सवाल उठने लगता है कि इसको कब तक इस्तेमाल करें ताकि दूध दोबारा से न फटे? दूध से जुड़े हर सवाल का जवाब जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट

क्या बार-बार दूध गर्म करने से होता है नुकसान साइंस की नजर से जान लीजिए
Milk News: दूध को लेकर लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां रच बस गई हैं. पहला, क्या दूध को उबालकर पीना चाहिए या बिना उबाले भी दूध पी जा सकती है? दूसरा, दूध उबालने के बाद कितने दिनों तक पीने लायक रहता है? तीसरा, दूध कितने घंटे तक पीने लायक रहता है, चाहे उबाले या बिना उबाले?चौथा, दूध फटने से पहले क्या कुछ संकेत मिलने लगते हैं? पांचवां, दूध को उबाल कर एक बार फ्रीज में रखने के बाद दोबारा निकालने पर क्या दूध को पूरी तरह से फिर से उबालना या खौलाना चाहिए या हल्का गर्म करना ही सही रहता है? आइए इन सावालों का साइंस और आहार विशेषज्ञ के नजरिए से जवाब. लोगों के मन में हमेशा डर सताता रहता है कि दूध जल्दी खत्म नहीं होगा तो कल सुबह या शाम तक कहीं फट न जाए?  दूध को लेकर भारतीय आहार विशेषज्ञ और विदेशी के आहार विशेषज्ञों की राय भी अलग-अलग हैं. विदेशी आहार विशेषज्ञों का मानना है कि दूध बिना गर्म कर ही पीना ज्यादा सही रहता है. वहीं, भारतीय आहार विशेषज्ञ इसका वैज्ञानिक कारण के साथ उदाहरण देते हैं. गोपाल कांडा की तकदीर में क्या इस बार भी लिखा है किंगमेकर बनना? जानें निर्दलीय हरियाणा चुनाव में कितना असरदार साबित होंगे? हालांकि, इसमें कोई दो राय नहीं कि दूध को बार-बार गर्म करने से पोषक तत्व की हानि हो जाती है. इसके बावजूद भारतीय आहार विशेषज्ञ दूध को गर्म कर पीने को कहते हैं. जबकि, विदेशों में लोग दूध पैकेट से सीधे गिलास में निकाल कर ही दूध पी लेते हैं. जबकि, भारत में दूध को उबाल कर पीना ही सही माना जाता है. दूध खौलाकर पीना चाहिए या बिना खौलाए? डॉक्टर और साइंस दोनों का अलग-अलग थ्योरी है. दोनों एक-दूसरे के तर्क को काटते हैं. हालांकि, विदेशों की तरह भारत के गावों में भी लोग गाय या भैंस का ताजा दूध बिना उबाले ही बच्चों को पीने दे देते हैं. अभी भी बिहार, यूपी और हरियाणा के गावों में किसान अपने बच्चों को गाय या भैंस का ताजा दूध निकालने के तुरंत बाद पिला देते हैं. कहा जाता है कि यह ताजा दूध पीने से पेट और हाजमा दोनों ठीक रहता है. लेकिन, शहरों में तो बिना उबाले दूध पीना बच्चों को पसंद नहीं है. क्या कहते हैं आहार विशेषज्ञ गाजियाबाद की आहार विशेषज्ञ डॉ खुशबू कहती हैं, ‘दूध में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी2, विटामिन बी12, फॉस्फोरस, आयोडीन और पोटैशियम पाए जाते हैं. सभी लोगों की पाचन शक्तियां एक जैसी नहीं होती हैं. कुछ लोग दूध को उबाल कर पीना ज्यादा पसंद करते हैं तो कुछ लोग बिना उबाले ही पी लेते हैं. बाजार में कई तरह की दूध की श्रेणियां उपलब्ध हैं. जैसे स्किम मिल्क, फुल क्रीम दूध, टोन दूध, लैक्टोज मुक्त दूध. ऐसे में आप कौन सा दूध आसानी से पचा लेते हैं, यह आप पर निर्भर करता है.’ खुशबू आगे कहती हैं, ‘हां, विदेशों में ज्यादातर लोग दूध को बिना उबाले ही पीते हैं. जहां तक दूध को बार-बार उबालने की बात है, इससे दुध के पौष्टिकता में कमी आती है. इसलिए दूध को पूरी तरह से न उबाल कर हल्का गर्म कर बच्चों को पीने के लिए दें. कोशिश करें कि 72 घंटे तक रखा दूध अगले 12 घंटे के अंदर खत्म कर दें. इसके बाद अगर यह दूध पीते हैं तो एक बार पूरी तरह से फिर से खौल दें. अगर दूध नहीं फटता है तो आप इस्तेमाल कर सकते हैं.’ Tags: Health benefit, Health NewsFIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 21:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed