बब्बूगोशा या नाशपाती गुणों में कौन है सेब से भी आगे 3 महीने में ही
बब्बूगोशा या नाशपाती गुणों में कौन है सेब से भी आगे 3 महीने में ही
बब्बूगोशा और नाशपाती दोनों एक ही परिवार से आते हैं. एक महंगा है तो दूसरा सस्ता लेकिन गुणों की बात करें तो नाशपाती सेब पर भी भारी है. इसमें ऐसे न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं जो कुछ ही महीनों में सेहत को लाजवाब बना देते हैं.
Babbugosha VS Pear: भारत ऋतुओं के मामले में ही नहीं फलों के मामले में भी धनी है. एक मौसम बदलता है तो दूसरा आता है, ऐसे ही फलों का एक सीजन खत्म होता है तो दूसरा शुरू हो जाता है. तरबूज-खरबूज और आम का सीजन खत्म होने के साथ ही अब नाशपाती, बब्बूगोशा, जामुन जैसे फलों का सीजन शुरू हो गया है. बब्बूगोशा और नाशपाती वैसे तो एक ही परिवार के दो फल हैं, लेकिन इनमें एक महंगा है तो दूसरा बेहद सस्ता, एक नरम है तो दूसरा कठोर. लेकिन स्वाद और कीमत से आपको भी लगता होगा कि बब्बूगोशा नाशपाती से ज्यादा बेहतर है, लेकिन आपको बता दें कि नाशपाती ज्यादा पोषण तत्वों से भरी हुई है और इसे देवताओं का फल भी कहा जाता है क्योंकि गुणों के मामले में यह सेब को भी मात देती है.
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क्या होती है नाशपाती
बब्बूगोशा और नाशपाती वैसे तो एक ही परिवार से हैं. लेकिन स्थानीय रूप से नाशपाती के नाम से जाना जाने वाला यह फल भारत में उगाया जाता है. नाशपाती यहीं की जलवायु में पैदा होती रही है, उसका छिलका थोड़ा मोटा होता है और वह थोड़ी खस्ता और कम नर्म होती है. हालांकि यह बहुत रसीली होती है. इसे ज्यादा दिनों तक स्टोर करके रखा जा सकता है और यह जल्दी खराब भी नहीं होती. हालांकि पूरे विश्व में नाशपाती की 3 हजार से ज्यादा किस्में पाई जाती हैं.
क्या होता है बब्बूगोशा
जबकि बब्बूगोशा भी नाशपाती के ही परिवार का फल है जो यूरोपीय दूशों में उगाया जाता है. यह भारतीय नाशपाती से ज्यादा नर्म और मीठा होता है. इसमें रस से ज्यादा गूदा होता है. इसे पेड़ पर ही पकाया जाता है, हालांकि नाशपाती के मुकाबले यह कम दिनों तक ही स्टोर किया जा सकता है, भारत में इसे ही बब्बूगोशा के नाम से जानते हैं.
दोनों के गुणों में क्या है अंतर
अब दोनों के गुणों की बात करें तो बब्बूगोशा फाइबर रिच फल है. इसमें फाइबर, विटामिन के, पोटेशियम, विटामिन सी और फलेवोनॉयड जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें कैलोरी बहुत कम होती है. ऐसे में यह कब्ज में राहत देने के साथ ही पाचन में बेहतर और वजन घटाने में भी बेहतर फल है. यह कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी कम करता है और कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों से रक्षा करता है.
जबकि नाशपाती की बात करें तो इसमें विटामिन सी की जबर्दस्त मात्रा से लेकर अमीनो एसिड्स, प्रोटीन, विटामिन बी कॉम्पलेक्स, थायमिन, फॉलेट, एंटी ऑक्सीडेंट्स, खनिज, मैग्नीशियम, कॉपर आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. कहा जाता है कि यह इतनी फायदेमंद होती है कि इसे देवताओं की देन कहा जाता है. साथ ही इतनी सस्ती होती है कि एक किलो सेब की कीमत में कई किलो नाशपाती आ जाए. इसमें सेब से भी ज्यादा पोषण तत्व होते हैं, इसलिए इसे गरीबों का सेब भी कहा जाता है.
3 महीने में ही साल भर का भंडार
न्यूट्रिशनिस्ट की मानें तो जुलाई-अगस्त से लेकर अक्टूबर तक आने वाली नाशपाती को अगर कोई 3 महीने तक खा ले तो उसके शरीर में पोषण तत्वों का भंडार जमा हो जाता है जो उसे पूरे साल भर स्वस्थ और तंदुरुस्त रखने में मदद करता है. इसलिए इन 3 महीनों में बब्बूगोशा खा पाएं या नहीं लेकिन नाशपाती का सेवन जरूर करना चाहिए.
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Tags: Fruits sellers, Health News, Lifestyle, Trending newsFIRST PUBLISHED : July 27, 2024, 20:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed