आपका बच्चा देखता है रील्स चलाता है इंस्टाग्राम-यूट्यूब जान लें सही उम्र

Screen Guidelines for parents: छोटे बच्‍चों को फोन चलाने के लिए दे देना खतरनाक हो सकता है. शायद आपको पता नहीं होगा कि सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म्स के इस्‍तेमाल के लिए न्‍यूनतम उम्र तय की गई है, आइए जानते हैं क्‍या कहती हैं गाइडलाइंस?

आपका बच्चा देखता है रील्स चलाता है इंस्टाग्राम-यूट्यूब जान लें सही उम्र
अगर आप भी अपने बच्‍चे को फोन पकड़ाकर अपने काम में मशगूल हो जाते हैं और बच्‍चा घंटों फोन में रील्‍स देखता है, यूट्यूब या इंस्‍टाग्राम चलाता है तो ये सिर्फ उसकी आंखों और दिमाग के लिए ही खराब नहीं है, बल्कि इसके चलते कई ऐसी मुसीबत पीछे लग सकती हैं कि आपका और बच्‍चे का जीना मुहाल हो सकता है. आजकल बहुत से बच्‍चे बिना फोन के खाना नहीं खाते और खाना खाते वक्‍त रील्‍स या यूट्यूब वीडियोज देखते रहते हैं. आपको भी लगता होगा कि कुछ गलत तो देख नहीं रहे, फिर क्‍या दिक्‍कत है? तो आपको बताया दें कि सोशल मीडिया के हर प्‍लेटफॉर्म को इस्‍तेमाल करने की एक न्‍यूनतम उम्र तय है, अगर आपका बच्‍चा इससे छोटा है तो आप पर कभी भी मुसीबतों का पहाड़ टूट सकता है. बता दें कि इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्‍स की ओर से पेरेंट्स के लिए स्‍क्रीन टाइम गाइडलाइंस बनाई गई हैं, जिनमें बच्‍चों को सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म्स के इस्‍तेमाल की अनुमति देने या न देने को लेकर भी स्‍पष्‍ट निर्देश दिए गए हैं. साथ ही आजकल सबसे ज्‍यादा पॉपुलर कई सोशल मीडिया साइट्स की परमिसिबल एज भी बताई गई है. आइए जानते हैं.. ये भी पढ़ें  करीब दो किलो का बच्‍चा, दिल में था छेद, बिना सर्जरी डॉक्‍टरों ने कर दिया बंद, अब मां-बाप दे रहे दुआएं क्‍या कहती हैं गाइडलाइंस? आज का ये सबसे बड़ा और जरूरी सवाल है जिसे लेकर पेरेंट्स भी लापरवाह हो गए हैं कि उन्‍हें अपने बच्‍चों को किस उम्र में इन प्रमुख सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म्स का इस्‍तेमाल करने की अनुमति देनी चाहिए? गाइडलाइंस कहती हैं कि अगर बच्‍चे की उम्र इस पैरामीटर के अनुसार नहीं है तो उसे फोन देना अवॉइड कर दें नहीं तो बच्‍चे के साथ-साथ आपको भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म और जायज उम्र फेसबुक, स्‍नैपचैट, इंस्‍टाग्राम, ट्विटर और गूगल प्‍लस – 13 साल कम से कम व्‍हाट्सएप- 16 साल यूट्यूब- 18 साल, 13 से 18 साल में पेरेंट्स की अनुमति से पबजी- 18 साल, 13 से 18 साल तक समय की पाबंदी, 13 साल से नीचे के बच्‍चों को पेरेंट्स की अनुमति से क्‍लैश ऑफ क्‍लैन्‍स- 13 साल बच्‍चों को हो सकती हैं ये परेशानियां अगर आपका बच्‍चा छोटा है, इसके बावजूद इन सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म्स का इस्‍तेमाल करता है तो उसको कई नुकसान हो सकते हैं. . बच्‍चा गलत वेबसाइट, फेक न्‍यूज या खराब और पोर्न कंटेंट की तरफ जा सकता है. . बच्‍चे को सोशल मीडिया एंग्‍जाइटी हो सकती है. . गलत या फ्रॉड लोगों से दोस्‍ती होने पर वह रिस्‍की ऑनलाइन व्‍यवहार को अपना सकता है. . बच्‍चा साइबरबुलिंग का शिकार हो सकता है. . सेक्‍सुअल मेटेरियल या चैटिंग प्‍लेटफॉर्म्स की तरफ बच्‍चा मुड़ सकता है. . बच्‍चा प्राइवेट चीजों को लीक कर सकता है जैसे बैंक अकाउंट डिटेल्‍स, क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड डिटेल्‍स आदि और बड़ा फ्रॉड हो सकता है. पेरेंट्स करें ये काम गाइडलाइंस कहती हैं क‍ि अपने बच्‍चों को सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म या वीडियो गेम देने से पहले आप खुद उसे देखें, खेलें और फिर एनालाइज करें कि क्‍या इस उम्र के आपके बच्‍चे के लिए ये ठीक है या नहीं. इतना ही नहीं बच्‍चों से सोशल मीडिया इस्‍तेमाल करने के उनके कारणों के बारे में भी सुनें और उन्‍हें ऑनलाइन सेफ्टी के बारे में बताएं. ये भी पढ़ें  झारखंड पुलिस भर्ती में 12 मौतों का किससे है कनेक्‍शन? हैरान डॉक्‍टर बोले, पहली बार ऐसी घटना, ये चीजें हो सकती हैं वजह Tags: Health News, Instagram video, Lifestyle, Social mediaFIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 14:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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