क्या मंकीपॉक्स से उबरने के बाद लांग कोविड की तरह दिखाई दे सकते हैं पोस्ट मंकीपॉक्स लक्षण जानें
क्या मंकीपॉक्स से उबरने के बाद लांग कोविड की तरह दिखाई दे सकते हैं पोस्ट मंकीपॉक्स लक्षण जानें
Post Monkeypox Symptoms: दिल्ली एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. मिश्र बताते हैं कि डब्ल्यूएचओ की ओर से मंकीपॉक्स के कॉम्प्लीकेशंस को लेकर जानकारी दी गई है कि मंकीपॉक्स के सेकेंडरी संक्रमण में ब्रोन्कोपमोनिया, सेप्सिस, एन्सेफलाइटिस और आंख के कॉर्निया में इन्फेक्शन के साथ आंखों की रोशनी भी जा सकती है.
नई दिल्ली. पिछले दो सालों से कोरोना महामारी से जूझ रहे भारत में अब कोरोना के साथ-साथ मंकीपॉक्स के मामले भी चिंता का कारण बन रहे हैं. देश में अब तक मंकीपॉक्स के 9 मरीज सामने आ चुके हैं जो केरल और दिल्ली में मिले हैं. वहीं एक मरीज की मौत भी हो चुकी है. कोरोना की तरह ही एक वायरल संक्रमण होने के कारण इससे बचाव के लिए केंद्र सरकार लगातार सलाह भी दे रही है वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगातार कोविड के दौरान अपनाए गए बचाव के तरीकों को अपनाने के लिए कह रहे हैं साथ ही दूरी बरतने की सलाह दे रहे हैं. मंकीपॉक्स के संक्रामक रोग होने के चलते एक बड़ा सवाल यह भी है कि क्या लांग कोविड की तरह पोस्ट मंकीपॉक्स इफैक्ट भी सामने आ सकते हैं ?
इस बारे में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्र कहते हैं कि कोरोना एक महामारी की तरह पूरे विश्व में फैला था. लोगों को संक्रमित करने, उनके रिकवर होने के कई महीनों के बाद एकाएक कोविड के लांग कोविड या पोस्ट कोविड इफैक्ट देखने को मिले थे. इनमें शारीरिक के अलावा मानसिक परेशानियां, सिंड्रोम या डिसऑर्डर भी सामने आए. वहीं अब मंकीपॉक्स भी एक संक्रामक रोग है, हालांकि इसकी तुलना कोरोना से नहीं की जा सकती. यह स्मॉलपॉक्स और चिकनपॉक्स परिवार का रोग है और एक जूनोटिक वायरल इन्फेक्शन है.
डॉ. मिश्र कहते हैं कि मंकीपॉक्स के पोस्ट मंकीपॉक्स या लांग मंकीपॉक्स का क्या प्रभाव रहता है, या नहीं पड़ता है, यह स्पष्ट रूप से तो तभी सामने आएगा जब इस बीमारी को कुछ समय गुजर जाएगा लेकिन फिर भी स्मॉलपॉक्स की तरह कुछ चीजें सामने आ सकती हैं. जैसे मंकीपॉक्स के संक्रमण के दौरान शरीर की त्वचा पर जगह-जगह पस भरे फफोले या फुंसियां हो जाती हैं. जब ये ठीक होने को होती हैं तो इनमें खुजली जैसा महसूस हो सकता है, उस स्थिति में अगर ये फूट जाएं तो इस बीमारी से ठीक होने के बाद भी शरीर पर इसके निशान या दाग रह सकते हैं. ऐसा चेचक या स्मॉलपॉक्स के दौरान भी देखा गया था.
डॉ. मिश्र बताते हैं कि डब्ल्यूएचओ की ओर से मंकीपॉक्स के कॉम्प्लीकेशंस को लेकर जानकारी दी गई है कि मंकीपॉक्स के सेकेंडरी संक्रमण में ब्रोन्कोपमोनिया, सेप्सिस, एन्सेफलाइटिस और आंख के कॉर्निया में इन्फेक्शन के साथ आंखों की रोशनी भी जा सकती है. जैसा कि स्मॉलपॉक्स के दौरान देखा गया था कि चेहरे पर फुंसियां निकलती हैं और आंखों के आसपास भी निकल आती हैं. आंखों के ज्यादा करीब संक्रमण होने के चलते आंखों के कॉर्निया पर असर पड़ सकता है और आंखों की रोशनी को नुकसान होता है. डॉ. मिश्र कहते हैं कि यह बीमारी दो से चार हफ्तों में यह बीमारी ठीक हो जाती है लेकिन कई मरीजों में संक्रमण गंभीर भी हो सकता है. इसकी वजह से परेशानियां बढ़ सकती हैं.
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Tags: Monkeypox, Post covidFIRST PUBLISHED : August 05, 2022, 13:19 IST