विटिलिगो से पीड़ित कंटेस्टेंट ने मिस यूनिवर्स में रचा इतिहास जानें क्या है यह

Logina Salah in Miss Universe 2024: मिस्र की कंटेस्टेंट लोगिना सलाह ने मिस यूनिवर्स 2024 प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर इतिहास रच दिया है. वे विटिलिगो से जूझ रही हैं और इस बीमारी के साथ इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली पहली कंटेस्टेंट बनी हैं.

विटिलिगो से पीड़ित कंटेस्टेंट ने मिस यूनिवर्स में रचा इतिहास जानें क्या है यह
Miss Universe 2024 Pageant: जब किसी व्यक्ति को बीमारी हो जाती है, तब वह मानसिक रूप से परेशान हो जाता है और अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश छोड़ देता है. हालांकि कई लोग अपनी मंजिल पर पहुंचकर ही दम लेते हैं. एक ऐसा ही नजारा 17 नवंबर को मैक्सिको सिटी में आयोजित हुई मिस यूनिवर्स 2024 प्रतियोगिता में देखने को मिला. मिस्र (Egypt) की लोगिना सलाह (Logina Salah) ने विटिलिगो डिजीज से जूझने के बाद भी इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर इतिहास रच दिया. मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के इतिहास में पहली बार किसी कंटेस्टेंट ने विटिलिगो से पीड़ित होने के बावजूद हिस्सा लिया और टॉप 30 में पहुंचने का कारनामा कर दिया. पूरी दुनिया में उनकी जमकर तारीफ हो रही है. मिस यूनिवर्स के 72वें संस्करण में लोगिना सलाह ने हिस्सा लेकर न केवल सुंदरता के पारंपरिक मानकों को चुनौती दी, बल्कि ऐसे लोगों को भी मैसेज दिया, जो किसी परेशानी के कारण मिस यूनिवर्स जैसी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने से झिझकते हैं. लोगिना सलाह का नाम अब केवल एक मिस यूनिवर्स प्रतियोगी के रूप में नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में भी लिया जा रहा है. उन्होंने यह साबित कर दिया है कि सुंदरता केवल बाहरी रूप में नहीं, बल्कि सेल्फ कॉन्फिडेंस और व्यक्तिगत संघर्षों से भी जुड़ी होती है. लोगिना सलाह विटिलिगो की बीमारी से जूझ रही हैं. इसे सफेद धब्बों की बीमारी कहा जाता है. View this post on Instagram A post shared by Logina Salah (@loginasalah)

क्या है विटिलिगो की बीमारी?

कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. युगल राजपूत ने jharkhabar.com को बताया कि विटिलिगो एक स्किन डिजीज है, जिसमें शरीर के कुछ हिस्सों में स्किन पर सफेद धब्बे (पैचेस) बन जाते हैं. इससे स्किन को नेचुरल कलर देने वाले पिगमेंट मेलेनिन का प्रोडक्शन प्रभावित होने लगता है. यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन आमतौर पर यह 20 से 30 साल की उम्र के बीच शुरू होती है. विटिलिगो के प्रभाव से त्वचा के अलावा, आंखों, बालों और मुंह के अंदर भी सफेद धब्बे हो सकते हैं. विटिलिगो का प्रभाव पूरी स्किन पर भी हो सकता है.

क्या है इस बीमारी का इलाज?

हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया कि इस बीमारी के सटीक कारणों का पता नहीं लग सकता है. माना जाता है कि विटिलिगो एक ऑटोइम्यून डिजीज है. इसका मतलब है कि शरीर की इम्यूनिटी अपनी ही कोशिकाओं पर हमला करने लगती है. कुछ आनुवंशिक कारक भी विटिलिगो की वजह बन सकते हैं. अगर किसी व्यक्ति के परिवार में विटिलिगो या अन्य ऑटोइम्यून बीमारियां हैं, तो उसे इस बीमारी का खतरा ज्यादा हो सकता है. तनाव, त्वचा पर चोट लगना और सूरज की अत्यधिक धूप भी विटिलिगो के विकसित होने के कारण हो सकते हैं. विटिलिगो का कोई परमानेंट इलाज नहीं है, लेकिन कुछ क्रीम से राहत मिल सकती है.

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