अस्थमा अटैक का जोखिम होगा कम! फेफड़े होंगे मजबूत यदि सांस रोगी खाए ये चीजें

Asthma Patients Diet: लंबे समय तक चलने वाली अस्थमा एक ऐसी बीमारी है, जो इंसान को अंदर से घायल कर देती है. अस्थमा का अटैक आने से इंसान अंदर से एकदम टूट जाता है. ऐसे में सांस से पीड़ित व्यक्तियों का उचित इलाज के साथ डाइट का ध्यान भी रखना बेहद जरूरी है. आइए डाइटिशियन से जानते हैं अस्थमा रोगियों की कैसी होनी चाहिए डाइट?

अस्थमा अटैक का जोखिम होगा कम! फेफड़े होंगे मजबूत यदि सांस रोगी खाए ये चीजें
Asthma Patients Diet: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहतमंद बने रहना बड़ी चुनौती है. खराब जीवनशैली के चलते तमाम बीमारियां इंसान को अपना शिकार बना रही हैं. अस्थमा ऐसी ही बीमारियों में से एक है. जी हां, लंबे समय तक चलने वाली अस्थमा एक ऐसी बीमारी है, जो इंसान को अंदर से घायल कर देती है. अस्थमा का अटैक आने से इंसान अंदर से एकदम टूट जाता है. ऐसे में अस्थमा रोगियों की ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है. सांस से पीड़ित व्यक्तियों का उचित इलाज के साथ डाइट का ध्यान भी रखना बेहद जरूरी है. ऐसे में सवाल है कि आखिर अस्थमा के रोगियों की डाइट कैसी होनी चाहिए? क्यों आता है अस्थमा अटैक? क्या होती हैं दिक्कतें? इस बारे में jharkhabar.com को जानकारी दे रही हैं अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल लखनऊ की सीनियर डाइटिशियन प्रीती पांडे- अस्थमा अटैक का कारण और दिक्कतें मायोक्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, अस्थमा रोगियों को सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द, खांसी और घरघराहट जैसी कई दिक्कतें होती हैं. वहीं, अगर अस्थमा अटैक की बात करें तो इसका मुख्य कारण शरीर में मौजूद बलगम और संकरी श्वासनली है. लेकिन, इसके अलावा भी अस्थमा अटैक के कई बाहरी कारण हो सकते है. इस तरह की दिक्कतें बढ़ने पर दमे का अचानक अटैक पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में इन रोगियों को इंहेलर लेने की सलाह दी जाती है. कैसी होनी चाहिए अस्थमा के रोगियों की डाइट विटामिन-सी फूड्स: डाइटिशियन प्रीती पांडे के मुताबिक, अस्थमा रोगियों को विटामिन-सी से भरपूर फूड्स का सेवन करना चाहिए. दरअसल, विटामिन सी में एंटी ऑक्सिडेंट उचित मात्रा में होता है, जो फेफड़ों की सुरक्षा करने और उन्हें मजबूत बनाने में मददगार होता है. इसके लिए संतरा, ब्रोकली, कीवी को डाइट में शामिल करें. इन विटामिन सी से युक्त चीजों के सेवन से अस्थमा अटैक के जोखिम कम किया जा सकता है. शहद-दालचीनी: वैसे तो लोगों को शहद और चीनी की सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए. लेकिन, अस्थमा रोगियों के लिए शहद और दालचीनी का सेवन लाभदायक है. इसके लिए रात में सोने से पहले 2 से 3 चुटकी दालचीनी के साथ 1 चम्मच शहद मिलाकर लेना है. ऐसा करने से फेफड़ों को काफी हद तक आराम मिलेगा. तुलसी पत्तियां: अस्थमा में तुलसी की पत्तियां भी फायदेमंद हैं. दरअसल, तुलसी में एंटी ऑक्सीडेंट गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके लिए चाय में 3-4 तुलसी पत्ते डालकर पीने से अस्थमा मरीजों में अटैक का खतरा कम हो सकता है. साथ ही तुलसी इम्यूनिटी बूस्ट करती है, जिससे मौसमी बीमारियों से बचाव होता है. दाल: दालें प्रोटीन के सबसे सोर्सेज में से एक हैं. इसके लिए काला चना, मूंग दाल, सोयाबीन जैसी चीजों का सेवन किया जा सकता है. बता दें कि, ये दालें फेफड़ों को मजबूत बनाने के साथ संक्रमण से बचाव करती हैं. इसके अलावा दालों के सेवन से पाचन शक्ति को भी मजबूती मिलती है. ये भी पढ़ें:  मर्दों की शारीरिक कमजोरी होगी दूर..! डाइट में शामिल करें ये 9 सुपरफूड, अंग-अंग में भर जाएगी एनर्जी ये भी पढ़ें:  डेंगू में पी लें इस हरे पत्ते का जूस, तेजी से बढ़ेंगी प्लेटलेट्स..! कमजोरी भी होगी दूर, जानें 6 और बड़े फायदे हरी सब्जियां: फेफड़ों के लिए हरी सब्जियों का सेवन भी फायदेमंद है. बता दें कि, हरी सब्जियों के सेवन से फेफड़ों में कफ जमा नहीं हो पाता है, जिससे अस्थमा के रोगियों को अटैक आने को जोखिम में कमी आती हैं. इसके अलावा, हरी सब्जियों का सेवन करने से इम्यून सिस्टम भी बेहतर होता है. Tags: Health benefit, Health News, Health tips, Healthy Diet, LifestyleFIRST PUBLISHED : July 29, 2024, 10:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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