Opinion: दिव्यांगों की सहायता पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प
Opinion: दिव्यांगों की सहायता पीएम नरेंद्र मोदी का संकल्प
27 दिसंबर 2015 को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने देश से यह अपील की थी कि विकलांग जनों को पूरा देश विकलांग की जगह दिव्यांग बोलें. तब से जब दुनिया विश्व विकलांग दिवस मनाती है तो भारत में विश्व दिव्यांग दिवस का आयोजन होता है.
जब पूरी दुनिया 3 दिसंबर को ‘विश्व विकलांग दिवस’ मनाती है तो 2015 के बाद से भारत में इस दिन को ‘विश्व दिव्यांग दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. इसका कारण है कि 27 दिसंबर 2015 को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने देश से यह अपील की थी कि विकलांग जनों को पूरा देश विकलांग की जगह दिव्यांग बोले.
पीएम मोदी ने तब कहा था कि जो विकलांग जन हैं उनमें कोई एक ऐसी विशेषता होती है जो उन्हें अन्य लोगों से भिन्न बनाती है. यह विशेषता शारीरिक बल या तीक्ष्ण बुद्धि हो सकती है. इसलिए उनकी कमी को उजागर ना करते हुए उनके इस विशेषता पर बल दिया जाना चाहिए. इसलिए इन्हें ‘दिव्यांग’ कहना उचित होगा. और, देश ने इसे सहर्ष स्वीकार किया था.
दिव्यांगों के प्रति पीएम नरेंद्र मोदी का विशेष लगाव
ऐसे कई अवसर रहे हैं जब दिव्यांगों के प्रति पीएम नरेंद्र मोदी का विशेष लगाव सबके सामने आया है. पर विशेष रूप से जिस प्रकार उन्होंने दिव्यांग खिलाड़ियों का साथ दिया है उसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है. हम यहाँ ऐसे तीन खिलाड़ियों और उनके अनुभवों को साझा कर रहे हैं जब नरेंद्र मोदी द्वारा किये गए कार्यों ने इन्हें भाव-विभोर कर दिया.
नरेंद्र मोदी ने ही बढ़ाई थी सरकारी सुविधाएं और राशि
पैरालिम्पियन भाविना पटेल बताती हैं कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे उस समय उन्होंने दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए बहुत सी विशेष सुविधाएं दी थी. प्रैक्टिस की बेहतर सुविधा के साथ ही सरकार से उन्हें मिलने वाली राशि को भी नरेंद्र मोदी ने बढ़ाया था. भाविना बताती हैं कि इस राशि से उन्हें प्रैक्टिस में काफी मदद मिली और उनका खेल बेहतर हुआ. इसके साथ ही साथ किसी स्पर्धा में जाने से पहले और आने के बाद खिलाड़ियों से मुलाकात करना और उनका हौसला बढ़ाने में भी मोदी कभी पीछे नहीं रहे.
मीडिया के सामने लेकर खुद पहुंचे थे नरेंद्र मोदी
पर भाविना के लिए एक भावनात्मक पल तब आया जब उन्हें कामनवेल्थ खेलों के बाद मुख्यमंत्री से मिलने के लिए सर्किट हाउस में बुलाया गया था. जब भाविना वहां पहुंची तो मोदी पहले से ही उनसे मिलने के लिए उनकी प्रतीक्षा कर रहे थे. सिर्फ इतना ही नहीं जब मीडिया के सामने जाना हुआ तो भाविना की व्हीलचेयर को वो खुद आगे लेकर गए. भाविना बताती हैं कि उस समय उनकी आँखों में आंसू थे और वे यही सोच रही थी कि कोई मुख्यमंत्री अगर उनके बारे में इतना ध्यान रखते हैं तो उन्हें अब सिर्फ अपने खेल पर ध्यान देना चाहिए और देश के लिए ज्यादा से ज्यादा मैडल जीतना चाहिए.
दिव्यांग खिलाड़ी और उनके परिजनों से मिले पीएम मोदी
भारत के डबल पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता देवेंद्र झाझरिया बताते हैं कि टोक्यो पैरालंपिक में जाने से पहले प्रधानमंत्री का विशेष कार्यक्रम रखा गया था जिसमे वे सभी पैरालिम्पियन और उनके परिवार वालों से मिलने वाले थे. उस समय पीएम मोदी ने करीब 6 मिनट तक देवेंद्र झाझरिया के परिजनों से मुलाकात की और विशेष रूप से उनकी बेटी के साथ काफी मजेदार बातचीत की. पर देवेंद्र झाझरिया बताते हैं कि पीएम से बातचीत ने उनके जीवन के लक्ष्य को बदल देने का काम किया था. टोक्यो जाने के समय झाझरिया की उम्र 40 की हो गई थी और उन पर मैडल जीतने का दबाव बनता जा रहा था. ऐसे समय में वे काफी दबाव में थे. जब उनकी पीएम मोदी से मुलाकात हुई तो मोदी ने उनसे कहा कि लोग ऐसा बोल रहे हैं कि देवेंद्र अब 40 के हो गए हैं लेकिन आपको इसके दबाव में नहीं आना है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आप सिर्फ अपना खेल जारी रखें मैडल जीतने कि चिंता ना करें. झाझरिया बताते हैं उनके इन शब्दों ने उन्हें उत्साह से इतना भर दिया कि वे खुश मन से स्पर्धा में भाग लेने गए और वहां उन्होंने देश के लिए मैडल जीता.
महिलाओं की तरफ से पहला पैरालंपिक मैडल जीतने वाली दीपा मलिक को नाम से पुकारा
पैरालिम्पियन दीपा मलिक ने भारत के लिए रियो पैरालंपिक में महिलाओं की तरफ से पहला पैरालंपिक मैडल जीत देश का गौरव बढ़ाया था. वे बताती हैं कि रियो पैरालंपिक से वापस आने के बाद उन्हें प्रधानमंत्री आवास पर पीएम से मिलने के लिए बुलाया गया था. जब वे वहां पहुंची तो पीएम मोदी ने उन्हें उनके नाम से पुकारा. दीपा बताती हैं कि ये क्षण उनके लिए काफी गौरवपूर्ण था क्योंकि पिछले 10 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ था कि मैडल जीतने के बाद उन्हें प्रधानमंत्री से मिलने का मौका मिले और साथ ही यह अनुभव कि प्रधानमंत्री उन्हें उनके नाम से बुलाएं.
पीएम मोदी ने खुद आगे बढ़ कर दीपा को मदद की
पीएम मोदी से मिलने का क्षण याद करते हुए दीपा काफी भावुक हो जाती हैं. वे बताती हैं कि जब पीएम मोदी उनसे मिलने के लिए आगे बढ़े तो और लोग उनके व्हीलचेयर के पीछे से उनके ऊपर से हाथ बढ़ाकर पीएम से हाथ मिलाने की कोशिश करने लगे. इस पर पीएम मोदी खुद आगे बढ़ते हुए दीपा की पीठ पर हाथ रखा और सबसे निवेदन किया कि वे लोग दीपा कि पीठ पर ज्यादा भार न दें क्योंकि हाल ही में उनका ऑपरेशन हुआ है. इतना ही नहीं, पीएम मोदी ने अपने सुरक्षाकर्मियों से सभी को थोड़ा पीछे करने का आग्रह किया. दीपा कहती हैं कि पीएम मोदी का उनके प्रति यह स्नेह देखकर उनकी आँखें नम हो गई. इस मुलाकात का हवाला देते हुए दीपा कहती हैं कि कुछ दिन पहले ही उनका ऑपरेशन हुआ था और मुलाकात के समय उनके टाँके लगे हुए थे, पर ध्यान देने वाली बात यह है कि ये चीज पीएम नरेंद्र मोदी को याद थी.
(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए up24x7news.comHindi किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है)
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Tags: Pm narendra modiFIRST PUBLISHED : December 02, 2022, 17:35 IST