शहर या गांव कहां के लोगों में स्ट्रेस झेलने की शक्ति ज्यादा साइकेट्रिस्ट ने

गांव और शहर का अपना-अपना जीवन है. इन दोनों ही जगहों की अलग लाइफस्‍टाइल है, लेक‍िन एम्‍स के साइकेट्र‍िस्‍ट डॉ. नंद कुमार का कहना है क‍ि शहरों में रहने और वहां की प्रोटेक्‍ट‍िव लाइफ स्‍टाइल के चलते यहां के बच्‍चे और युवा भले की पढ़ाई और करि‍यर में अव्‍वल हों लेकिन जिंदगी में टूट जाते हैं..

शहर या गांव कहां के लोगों में स्ट्रेस झेलने की शक्ति ज्यादा साइकेट्रिस्ट ने