भारत में बनी दवा का लोहा अमेरिकी वैज्ञानिकों ने भी माना कोरोना से हुए हार्ट डैमेज को ठीक करने में बेहद कारगर

drug 2DG can reduce heart damage: भारत में बनी दवा का दुनिया ने लोहा माना है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने भारत में बनी दवा 2डीजी को कोरोना के कारण हार्ट डैमेज के लिए परफेक्ट दवा माना है.

भारत में बनी दवा का लोहा अमेरिकी वैज्ञानिकों ने भी माना कोरोना से हुए हार्ट डैमेज को ठीक करने में बेहद कारगर
हाइलाइट्सकोविड-19 से ठीक चुके लोगों में हार्ट की मांसपेशियों में सूजन, स्ट्रोक, दिल के दौरे आदि का जोखिम रहता है.सबसे अच्छी बात यह है कि 2डीजी दवा बेहद सस्ती होती है. 2 DG medicine cure heart damage: अमेरिकी वैज्ञानिकों ने भारत में बनी दवा का लोहा माना है. दरअसल, कोरोना से उबर चुके लोगों में कई बीमारियों का हमला हो रहा है. इनमें हार्ट डैमेज भी प्रमुख है. कोरोना वायरस ने हार्ट की कोशिकाओं को कुछ मामले में क्षतिग्रस्त किया है. अमेरिकी शोधकर्ताओं की टीम ने पाया है कि कोरोना वायरस के एक खास प्रोटीन ने हार्ट के टिशू को क्षतिग्रस्त किया है. शोधकर्ताओं ने इसे ठीक करने के लिए भारत में कोरोना मरीजों को इमरजेंसी में दी जाने वाली दवा 2डीजी का डोज दिया तो इसके चमात्कारिक परिणाम सामने आए. वैज्ञानिकों ने माना है कि भारत की यह दवा कोरोना के कारण डैमेज हुए हार्ट को ठीक करने में बेहद कारगर है. हालांकि अमेरिकन फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने अभी इस दवा को मंजूरी नहीं दी है. इसे भी पढ़ें- Uric acid: यूरिक एसिड कितना भी बढ़ जाए बिना पैसा खर्च किए इस तरह शरीर से बाहर निकालें प्रोटीन के टॉक्सिन प्रभाव को खत्म कर देती है 2डीजी इकोनोमिक्स टाइम्स की खबर के मुताबिक पिछले साल डॉ रेड्डी लेबोरेटरी ने 2 डिऑक्सी-डी-ग्लूकोच (2-deoxy-D-glucose-2DG) दवा को बाजार में उतारा था. कोरोना के मरीजों में इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए इस दवा को लॉन्च किया गया है. डॉ रेड्डी के सहयोग से इस दवा को इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसीन एंड एलाइड साइंसेंज (INMAS) और डीआआरडीओ ने विकसित किया था. अब अमेरिकी के यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसीन के शोधकर्ता 2 डीजी का इस्तेमाल क्षतिग्रस्त हार्ट को ठीक करने में कर रहे हैं. कोरोना वायरस से निकला प्रोटीन हार्ट पर टॉक्सिन प्रभाव डाल रहा है जिसके कारण हार्ट के टिशूज डैमेज हो रहे है. 2डीजी दवा इस प्रोटीन के टॉक्सिन इफेक्ट को खत्म कर देती है. शोधकर्ताओं ने कहा कि कोविड-19 से ठीक चुके लोगों में कम से कम एक साल तक हार्ट की मांसपेशियों में सूजन, हृदय के असामान्य रूप से धड़कने, रक्त के थक्के, स्ट्रोक, दिल के दौरे और हृदय गति रुकने का जोखिम रहता है. यह सब कोरोना वायरस के प्रोटीन के टॉक्सिन इफेक्ट का नतीजा है. 2 डीजी प्रोटीन के विषाक्त प्रभाव को उलटने में बेहद कारगर साबित हुआ है. अध्ययन की रिपोर्ट नेचर कम्युनिकेशंस बायलॉजी में प्रकाशित हुई है. बेहद सस्ती है दवा सबसे अच्छी बात यह है कि 2डीजी दवा बेहद सस्ती होती है. शोधकर्ताओं ने कहा कि सौभाग्य से 2डीजी सस्ती है और नियमित रूप से लैब में अनुसंधान के दौरान इसका उपयोग किया जाता है. अध्ययन में कहा गया है कि हालांकि 2डीजी को अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा बीमारी के इलाज के लिए मंजूरी नहीं दी गई है, लेकिन इस दवा का भारत में कोविड-19 के इलाज के लिए चिकित्सीय ​​परीक्षण चल रहा है. फिलहाल कोरोना के गंभीर मरीजों में इस्तेमाल किया जाता है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Corona, Health, Health News, Health tips, LifestyleFIRST PUBLISHED : November 09, 2022, 14:45 IST