बच्चों की मानसिक सेहत बिगाड़ रही फोन की लत उठा रहे आत्मघाती कदम ऐसे सुधारें
बच्चों की मानसिक सेहत बिगाड़ रही फोन की लत उठा रहे आत्मघाती कदम ऐसे सुधारें
How To Get Rid of Child Smartphone Addiction: आजकल बच्चों में मोबाइल की लत बढ़ती जा रही है. इसका असर न सिर्फ उनकी सेहत पर असर पड़ रहा, बल्कि मानसिक सेहत भी बिगड़ रही है. इससे देशभर से बच्चों के आत्मघाती कदम उठाने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के अंबिकापुर से सामने आया है. आइए जानते हैं बच्चों से मोबाइल की लत छुड़ाने के कुछ आसान तरीके-
How To Get Rid of Child Smartphone Addiction: आजकल दिनोंदिन मोबाइल की लत बढ़ती जा रही है. खासतौर पर कम उम्र के बच्चों में. अधिकतर बच्चे स्मार्टफोन, टैबलेट और लैपटॉप समेत कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का जमकर इस्तेमाल करते हैं. इसका असर न सिर्फ उनकी सेहत पर असर पड़ रहा, बल्कि मानसिक सेहत भी बिगड़ रही है. इसके चलते देशभर से बच्चों के आत्मघाती कदम उठाने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं. ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से सामने आया है. जहां मोबाइल रिचार्ज के पैसे न मिलने पर 15 वर्षीय नाबालिग ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया. गंभीर हालत में उसे मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया.
ऐसे में जरूरी है कि पैरेंट्स बच्चों के पालन-पोषण पर अधिक ध्यान दें, लेकिन मोबाइल से दूरी रखें. अब सवाल है कि आखिर मोबाइल की लत बच्चों को कैसे प्रभावित करती है? पैरेंट्स कैसे लाएं बच्चों में सुधार? आइए जानते हैं इन सवालों के बारे में jharkhabar.com को जानकारी दे रहे हैं राजकीय मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सक डॉ. विवेक कुमार-
मोबाइल की लत सेहत को कैसे करती है प्रभावित?
एक्सपर्ट के मुताबिक, एंजाइटी एक परेशान करने वाली भावना है, जिसमें लोगों को हर वक्त लगता है कि कुछ ठीक नहीं है, भले ही सब कुछ ठीक हो. एंजाइटी से पीड़ित होने पर लगता है कि जैसे अचानक कुछ खतरनाक होने वाला है. ऐसी कंडीशन में लोगों के दिल की धड़कन तेज हो जाती है, हथेलियों पर पसीना आ जाता है, शरीर कांपने लगता है और मांसपेशियों में तनाव जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं. अगर वक्त रहते एंजाइटी को कंट्रोल न किया जाए, तो यह डिप्रेशन का रूप ले सकता है. यही वजह है कि आज बच्चों में डिप्रेशन का खतरा बढ़ रहा है.
इस तरह छुड़ाएं बच्चों की मोबाइल की आदत
लिमिट तय करें: सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चों के डिजिटल कंटेंट की लिमिट तय करें, जो चीजें बच्चों की सेहत पर असर डालती हैं, उन्हें बच्चों को न देखने दें. यह पेरेंट्स की जिम्मेदारी है. बच्चों के डिजिटल एक्सपोज़र का टाइम कम कर दें. यह अनुशासन आपके बच्चे में फोन की लत को छुड़ाने में मददगार हो सकता है.
सही डाइट प्लान करें: बच्चों की ओवरऑल हेल्थ सुधारने के लिए उनकी सही डाइट प्लान करें. साथ ही मोबाइल की लत छुड़ाने के लिए बच्चों को बाहर खेलने के लिए ले जाएं. बाहर ले जाकर बच्चों को महत्वपूर्ण गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करें, जिससे उनकी क्रिएटिविटी बढ़ सके.
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भरपूर नींद लेने दें: ज्यादातर बच्चों में देखने में आता है कि वह सोने से पहले देर फोन चलाते हैं. ऐसा करना सेहत के लिए घातक हो सकता है. इससे उनकी नींद प्रभावित हो सकती है. यदि आप इस लत से बच्चे को बचाना चाहते हैं तो रात में सोने से कम से कम 2 घंटे पहले फोन को अलग रख देना चाहिए.
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बच्चों से फ्रेंडली बात करें: बच्चों को प्यार और दुलार से भी मोबाइल की लत छुड़ा सकते हैं. इसके लिए आप बच्चों के मन में झांकने की कोशिश करें और उनसे खुलकर बात करें. ऐसा करने से बच्चे आपसे अपनी परेशानी शेयर कर पाएंगे और आपको पेरेंटिंग में काफी मदद मिल सकेगा. इससे उनकी मेंटल हेल्थ बेहतर होगी.
Tags: Health benefit, Health tips, Lifestyle, Mental diseasesFIRST PUBLISHED : May 18, 2024, 11:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed