5 किमी तक कंधे पर दो भाई ढोते रहे बहन का शव बाढ़ की वजह से नहीं मिला इलाज
5 किमी तक कंधे पर दो भाई ढोते रहे बहन का शव बाढ़ की वजह से नहीं मिला इलाज
Lakhimpur Kheri Flood News: यूपी के लखीमपुर खीरी में बाढ़ की भयावह स्थिति के बीच एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसने सभी को झकझोर कर रख दिया. बाढ़ की वजह से बेहतर इलाज न मिल पाने की वजह से एक किशोरी की मौत हो गई. उसके बाद अपनी बहन के शव को दो भाई कंधे पर ढोते हुए नजर आए.
हाइलाइट्स यूपी के लखीमपुर खीरी में शारदा और घाघरा नदी ने अपना रौद्र रूप धारण किया हुआ है बाढ़ की विभीषिका के बीच ऐसी तस्वीर सामने आई जो किसी का भी कलेजा चीर देगा
रिपोर्ट: मनोज शर्मा
लखीमपुर खीरी. यूपी के लखीमपुर खीरी में शारदा और घाघरा नदी ने अपना रौद्र रूप धारण किया हुआ है. पूरा जिला बाढ़ की विभीषिका झेल रहा है, ऐसे में एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसे देख सभी का कलेजा छाती फाड़ कर बाहर आ गया. तस्वीर यह थी कि दो भाई अपनी बहन के शव को बारी-बारी से अपने कंधों पर लेकर रेलवे लाइन के किनारे रोते हुए चले आ रहे थे. थक जाते थे तो बहन के शव को जमीन पर रखकर रोने लगते थे. फिर शव को उठाकर चल देते थे, यह दृश्य जिसने भी देखा उसकी आंखों से आंसू निकल गए.
मृतक लड़की के भाई सरोज ने बताया कि मृतका शिवानी की उम्र 15 वर्ष थी और वे एलनगंज महाराज नगर थाना मैलानी में रहते हैं. बड़े भाई मनोज ने बताया हम तीनों भाई बहन पलिया में रुक कर पढाई करते हैं. बहन शिवानी कक्षा 12 की छात्र है. बहन की तबीयत 2 दिन पहले खराब हुई थी. डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने जांच लिख दी. जांच में शिवानी को टाइफाइड की बीमारी निकली. जिसके बाद शिवानी को डॉक्टर ने दवा देकर अस्पताल में एडमिट कर लिया. शिवानी की हालत बिगड़ने लगी. इस बीच बरसात के चलते पलिया शहर टापू में तब्दील हो गया. चारों तरफ बाढ़ का पानी था, जिसकी वजह से सड़क और रेल मार्ग सभी कट गए. जिसकी वजह से हम लोग अपनी बहन को बेहतर इलाज नहीं दिला पाए. जिसके चलते बहन की मौत हो गई. आज हम लोग नाव के सहारे नदी पार करके अपनी बहन के शव को अपने गांव लेकर जा रहे हैं, मां का रो-रो के बुरा हाल है.
तस्वीर खोल रही प्रशासन के दावों की पोल
पिता देवेंद्र ने बताया कि जिन भाइयों को बहन की डोली को कंधा देना था आज वही भाई अपने कंधों पर बहन की लाश को लेकर 5 किलोमीटर तक पैदल चलकर अपने गांव आए है. भाई के कंधे पर बहन का शव प्रशासन के मुंह पर वह तमाचा था जो अपनी पीठ ठोकते हुए लाखों दावे कर रहा था कि उसने हर बाढ़ पीड़ित के जख्मों पर मरहम लगाई है. अगर प्रशासन बाढ़ पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगता तो एक भाई के कंधे पर बहन का शव ना होता और राखी के त्योहार से पहले उन्हें जिंदगी भर का गम नहीं मिलता.
Tags: Lakhimpur News, UP latest newsFIRST PUBLISHED : July 12, 2024, 06:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed