हिमाचल प्रदेशः पब्लिक टॉयलेट शुल्क नहीं लेगी सुक्खू सरकार फैसले पर यू-टर्न
हिमाचल प्रदेशः पब्लिक टॉयलेट शुल्क नहीं लेगी सुक्खू सरकार फैसले पर यू-टर्न
Shimla Toilet Charges: हिमाचल प्रदेश के शिमला शहहर के सार्वजनिक शौचालयों में पुरुषों से शुल्क वसूलने मामले पर महापौर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और निगम की तरफ से सफाई दी है.
कपिल ठाकुर
शिमला. हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पहले टॉयलेट टैक्स पर घिरी थी. अब शिमला में पब्लिक टॉयलेट्स में पुरुषों से शुल्क लेने के मामले में भी किरकिरी हुई. अब नगर निगम ने मामले में यू टर्न लिया है. किरकिरी के बाद शिमला नगर निगम ने सफाई पेश की है. कांग्रेस शासित निगम के मेयर ने इस मामले पर मंगलवार को पूरे विवाद पर सफाई दी है.
महापौर सुरेंद्र चाहौन ने शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस ने कहा कि हम लोगों ने किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं लगाया है. निगम में केवल चर्चा हुई थी. हम ना महिला और ना ही पुरुष से किसी तरह से चार्ज लेंगे. महापौर सुरेन्द्र चौहान ने कहा कि शहर के किसी भी सुलभ शौचालयों में शुल्क नहीं लिया जाता था. हमने सुलभ शौचालय चलाने वालों को टैंडर दिया है और नगर निगम का इनसे कोई संबंध नहीं है.
मेयर ने कहा कि नगर निगम की तरफ से ना कोई ऐसा प्रस्ताव नहीं था और न ही फैसला लिया. केवल सुलभ इंटरनेशनल कोर्ट गया था और उसमें उन्होंने मांग की थी कि हमें यूजर चार्जिज लेने का हक दें. मेयर ने कहा कि इस विषय को वेवजह तूल दिया गया और इसी वजह से वह सफाई दे रहे हैं. निगम के टॉयलेट में बिल्कुल फ्री सुविधा है. बाकायदा लिखा गया है. हम किसी भी महिला-पुरुष पर शुल्क नहीं लेंगे. उन्होंने बताया कि 2 लाख 57 हजार रुपये सुलभ इंटरनेशनल को निगम की ओर से दिए जा रहे हैं. अब निगर निगम इस प्रस्ताव को रुफ्यूज करेगा. मेयर ने कहा कि हमारी तरफ से कोई कोर्ट नहीं गया था. अगली सुनवाई में उसमें हम कहेंगे कि हमारी तरफ से ऐसा कोई प्रपोजल नहीं है. साल के लिए टैंडर किया जाता है. सुलभ ने ही कोर्ट से मांग की थी कि उन्हें शुल्क लगाने के लिए मंजूरी दी जाए. मेयर ने कहा कि इस तरह के मुद्दों से शहर का नाम बदनाम होता है.
क्या था मामला
हिमाचल प्रदेश के शिमला में 130 के करीब शौचालय हैं. इनमें से 30 में टॉयलेट करने के लिए शुल्क लगाने की तैयारी थी. नगर निगम की बैठक में इस पर चर्चा हुई थी. सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि इन शौचालयों में महिलाओं से पांच रुपये लिए जाते हैं और पुरुषों के लिए यह सुविधा मुफ्त है. ऐसे में इस पर सोमवार को विवाद हो गया. हाईकोर्ट में यह मामला चल रहा है. जुलाई में सुलुभ हाईकोर्ट गया था.
FIRST PUBLISHED : December 31, 2024, 14:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed