अब तक त्रासदी में लापता लोगों की ‘मौत’ के लिए नहीं करना पड़ेगा 7 साल का इंतजार
अब तक त्रासदी में लापता लोगों की ‘मौत’ के लिए नहीं करना पड़ेगा 7 साल का इंतजार
Himachal Flood: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, शिमला और मंडी में 31 जुलाई को आई आपदा में कुल 53 लोग लापता हो गए थे, जिनमें से अब तक केवल आधे ही लोगों के शव मिल पाए हैं.
मंडी. हिमाचल प्रदेश में भारी बरसात (Himachal Rains) के कारण आई त्रासदी में जो लोग लापता है, उनके मृत्यु प्रमाण पत्रों के लिए 7 साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. केंद्र सरकार की तरफ से जारी नए दिशा-निर्देशों के तहत ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द मामले की छानबीन करके मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा.
दरअसल, वर्ष 2023 में मंडी जिला में भारी बारिश के कारण आई त्रासदी के चलते 54 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें से 9 लोग अभी तक लापता हैं. इसके अलावा, 31 जुलाई 2024 को भी मंडी के पधर के राजबन गांव में 10 लोगों ने अपनी जान गंवाई. इनमें से 9 शव बरामद हो चुके हैं, जबकि 1 अभी भी लापता है.
प्रशासन जारी करेगा प्रमाण पत्र
तय समय तक सर्च ऑपरेशन चलाने के बाद प्रशासन ने अब अभियान नियमों के तहत बंद कर दिया है, इसलिए लापता लोगों के शवों का मिल पाना अब कोई संयोग ही हो सकता है. नियमों के तहत यदि कोई व्यक्ति 7 साल तक लापता रहता है तो उसके बाद ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है. जब तक मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं होता तब तक परिजनों या कानूनी उत्तराधिकारी को मुआवजा नहीं दिया जा सकता. ऐसे में केंद्र सरकार ने अब यह प्रावधान कर दिया है कि आपदा की स्थिति में लापता लोगों के विषयों में जल्द से जल्द गहनता से सारे मामले की जांच पड़ताल करने के बाद उसका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा.
डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि जिला के जिन-जिन उपमंडलों में त्रासदी के कारण लोग लापता हैं, उनके परिजनों से संबंधित दस्तावेज मांगकर क्षेत्र के एसडीएम की ओर से इस प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है. नियमों के तहत सारी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाएंगे, ताकि परिजनों या कानूनी उत्तराधिकारियों को मुआवजा राशि दी जा सके.
Tags: Himachal Government, Himachal Pradesh Landslide, Mandi newsFIRST PUBLISHED : August 27, 2024, 11:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed