फतेहपुर विधानसभा सीटः फिर सक्रिय हुये भाजपा के उपाध्यक्ष कृपाल परमार चुनाव लड़ने का ऐलान किया
फतेहपुर विधानसभा सीटः फिर सक्रिय हुये भाजपा के उपाध्यक्ष कृपाल परमार चुनाव लड़ने का ऐलान किया
BJP Leader Kripal Singh Parmar: साल 2017 के चुनावों में बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़कर कृपाल परमार को हार का मुंह देखना पड़ा था और बीच में हुए उपचुनावों में भाजपा ने कृपाल परमार का टिकट काटकर बलदेव ठाकुर को थमा दिया था और यही कृपाल परमार भाजपा से इस्तीफ़ा दे गये थे.
धर्मशाला. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों की आहट के साथ ही अब चुनाव लड़ने के चहवानों ने अपनी अपनी विधानसभा मे डेरा डालना शुरू कर दिया है. आगामी चुनावों को देखते हुए जहां प्रदेश सरकार के मंत्री अपनी-अपनी विधानसभा मे किसी न किसी बहाने से जनता से सम्पर्क साध रहे हैं . वहीं विधानसभा फतेहपुर में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व राज्यसभा सांसद कृपाल परमार अगामी विधानसभा की तैयारियों में जुट गए हैं. पिछले दिन परमार ने उम्मीद से ज़्यादा युवा शक्ति के साथ तलाडा़ मे बाईक रैली निकालकर एक बडी़ जनसभा कर अपने लिए समर्थन जुटाया, तो वहीं अब फतेहपुर का गढ़ माने जाने वाले रैहन कस्वा में रैली निकाल कर छत्र मे जनसभा कर अपने लिए समर्थन मांगा.
कार्यक्रम मे जहां भारी युवा शक्ति देखी गयी तो वहीं महिला शक्ति ने भी बढ़-चढ़ कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित की. गौर रहे की अभी हाल ही में परमार ने यह साफ-साफ कह दिया की “उनकी तैयारी है हम चुनाव लडेगें.” और परमार लगातार जनता के बीच भी जा रहे हैं. साथ ही अपना पक्ष मजबूत कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले चार सालो मे जो फतेहपुर का विकास हुआ है,वो भाजपा की ही देन है. मुख्यमंत्री की देन है।. हमने सरकार से अपने लिए कुछ नहीं मांगा, जो भी मांगा जनता के लिए मांगा और जनता की मांगों को पूरा करने मे लगे रहे. उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं , परमार फतेहपुर का बेटा नहीं है, पर पिछले चार साल मे जनता के बीच रह कर साबित करके दिखा दिया कि मैं फतेहपुर का बेटा ही नहीं, सेवक भी हूँ. आज राजा का तलाब और रे की सब तहसील एक प्रत्यक्ष प्रमाण हैं. फतेहपुर में इस तरह के विकास में हमारे लिये प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री का विशेष योगदान रहा है.
दे दिया था इस्तीफा, लेकिन मान गए थे
काबिलेगौर है कि साल 2017 के चुनावों में बीजेपी की टिकट से चुनाव लड़कर कृपाल परमार को हार का मुंह देखना पड़ा था और बीच में हुए उपचुनावों में भाजपा ने कृपाल परमार का टिकट काटकर बलदेव ठाकुर को थमा दिया था और यही कृपाल परमार भाजपा से इस्तीफ़ा दे गये थे, मगर पार्टी में वरिष्ठ नेता होने के साथ साथ प्रधानमंत्री मोदी के भी ख़ास होने के चलते इन्हें दोबारा भाजपा में ही लेकर इनका इस्तीफ़ा स्वीकार नहीं किया गया था. यही वजह है कि इस बार ये पहले ही मैदान में जुट चुके हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 26, 2022, 09:15 IST