बगल में बैठे थे यूसुफ पठान और कीर्ति आजाद देने लगे क्रिकेट पर ज्ञान
बगल में बैठे थे यूसुफ पठान और कीर्ति आजाद देने लगे क्रिकेट पर ज्ञान
क्रिकेटर से नेता बने कीर्ति आजाद ने बजट सत्र के दौरा संसद में जमकर चौके-छक्के लगाए. महिला पहलवानों से लेकर, नीरज चोपड़ा और पीवी सिंधु तक का जिक्र कर सरकार को घेरा. तेंदुलकर-ब्रेटली का जिक्र कर बाउंसर फेंके. कहा-आज लोग मुझे सिखाने लगे हैं कि क्रिकेट कैसे खेला जाता है.
‘वर्षों पहले खिलाड़ी ट्रेन की थर्ड लास्ट बोगी में जाया करते थे, सामान टायलेट में होता था. आज भी स्थिति नहीं बदली है. हमारे हमारे एथलीट्स आज भी उसी हालत में हैं. जनरल डिब्बों में जाते हैं. टायलेट के सामने बैठकर जाते हैं. उबड़ खाबड़ मैदानों पर खेलते हैं. खाने के लिए ढंग से मिलता नहीं…’ कीर्ति आजाद ने कुछ इसी अंदाज में सरकार को संसद में घेरा. क्रिक्रेटर यूसुफ पठान की मौजूदगी में उन्होंने सरकार को क्रिकेट की बारीकियां समझाने की कोशिश की. खिलाड़ियों का दर्द बताया. भरी संसद में तेंदुलकर-ब्रेटली का जिक्र कर सरकार पर बाउंसर भी फेंके.
बजट सत्र के पहले दिन जब कीर्ति आजाद बोलने के लिए खड़े हुए तो फुल फार्म में थे. कहा-जब से टीवी पर क्रिकेट आने लगा है, लोग मुझे सिखाने लगे हैं कि क्रिकेट कैसे खेला जाता है. उन्हें मालूम नहीं, जब थॉम्पसन 100 की स्पीड में बॉलिंंग करता था. सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर सामने होते थे. थॉम्पसन एक तरफ और ब्रेटली दूसरी तरफ, तो सिर्फ .42 सेकेंड लगता था गेंद को बल्लेबाज तक पहुंचने में… और सिर्फ .38 सेकेंड्स में बल्लेबाज को तय करना होता था कि किस तरह खेलूं. बैकफुट जाऊं, फ्रंटफुट खेलूंं. कट करूं, पुल करूं या क्या करूं. हम उस वक्त के खेले हुए हैं. लेकिन लोग आज हमें सिखाते हैं.
स्पेशल स्टेटस पर नीतीश कुमार को मिला ‘ठेंगा’, अब किस करवट बैठेगी जेडीयू की राजनीति?
कीर्ति आजाद ने महिला पहलवानों का जिक्र करते हुए सरकार पर बाउंसर फेंके. कहा, मुझे खुशी है कि हमारी महिला पहलवान जब जीतकर आईं तो प्रधानमंत्री उनसे मिले, उनका स्वागत किया. लेकिन तब दुख हुआ, जब उनके साथ अत्याचार हुआ और प्रधानमंत्री उनके साथ खड़े नहीं हुए. हम एक तरफ बोलते हैं कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, लेकिन बाहर से मेडल जीतकर आने वाली अपनी बेटियों को हम संरक्षण नहीं दे सकते.
खिलाड़ियों के लिए सरकार ने क्या किया?
जैवलिन थ्रोवर नीरज चोपड़ा का जिक्र करते हुए कीर्ति आजाद ने कहा, आज बात नीरज चोपड़ा की होती है. खूब तारीफ की जाती है. लेकिन जब तक नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक नहीं जीता, तब तक उसके लिए सरकार ने क्या किया. अभिनव बिंद्रा जिसने शूटिंग में पहला स्वर्ण पदक जीता, जीतने से पहले सरकार ने उसके लिए क्या किया? शूटिंग फेडरेशन ने क्या किया? कर्णम मल्लेश्वरी के लिए क्या किया? मैं जानना चाहता हूं कि एशियन गेम्स, वर्ल्ड चैंपियनशिप और ओलंपिक्स में भेजने से पहले आपने हमारे खिलाड़ियों के लिए क्या किया?
2028 ओलंपिक्स के बारे में आज बात करनी होगी
कीर्ति आजाद ने कहा, जीत के आने के बाद आप उनके लिए न जाने क्या-क्या करते हैं, लेकिन जीतने से पहले आप उनके लिए क्या करते हैं. एक अच्छा खिलाड़ी बनाने के लिए, एक अच्छी टीम बनाने के लिए आपने क्या किया. एक नीरज चोपडा, पीवी सिंधु बनाने के लिए सरकार क्या कर रही है. अगर आपको 2028 ओलंपिक्स के बारे में बात करनी है, तो आज बात करनी होगी. उनके लिए क्या तैयारी है, ये आज बताना होगा. खेलो इंडिया आपने शुरू किया, अच्छी बात है, लेकिन साईं आज हमारे खिलाड़ियों के लिए क्या कर रहा है.
Tags: Budget session, Cricket new, Sachin tendulkarFIRST PUBLISHED : July 22, 2024, 17:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed