हरियाणा के 3 लाल के सहारे BJP की होगी नैया पार मिल गई उम्मीदों की किरण

हरियाणा में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. बताया जा रहा है कि किरण चौधरी के बीजेपी में जाने से कम से कम 6 सीटों पर जाट वोट बैंक पर असर पड़ेगा.

हरियाणा के 3 लाल के सहारे BJP की होगी नैया पार मिल गई उम्मीदों की किरण
हरियाणा की राजनीति में एक बड़ा चेहरा किरण चौधरी कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए बीजेपी में शामिल हो गई हैं. किरण साथ उनकी बेटी और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है. किरण चौधरी 5 बार की विधायक हैं और 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने तोशाम से जीत हासिल की थी. वे हरियाणा सरकार में दो बार कैबिनेट मंत्री और विपक्ष की नेता भी रह चुकी हैं. किरण चौधरी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की बहू भी हैं. यानी किरण चौधरी के साथ ही हरियाणा के तीन मशहूर तीन लाल- देवीलाल, भजनलाल और बंसीलाल के परिवार के सदस्य अब बीजेपी में हैं. भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई और देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला पहले से बीजेपी में हैं. किरण चौधरी के बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस के अंदर की गुटबाजी भी सामने आ गई है. माना जा रहा है कि भूपिंदर सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के कांग्रेस में बढ़ते प्रभाव से किरण चौधरी परेशान थीं. कांग्रेस छोड़ने से पहले श्रुति चौधरी हरियाणा कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष भी थीं. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में किरण चौधरी ने अपनी बेटी के लिए हिसार लोकसभा सीट से टिकट मांगा था लेकिन टिकट नहीं मिला तो वो पार्टी से नाराज चल रही थीं. लेकिन अब बड़ा सवाल ये कि क्या किरण चौधरी को पार्टी में शामिल कराने से बीजेपी को फायदा मिलेगा? दरअसल इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हरियाणा में बड़ा झटका लगा. 10 में कांग्रेस ने उससे 5 सीटें छीन ली. 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 10 में से 10 सीट मिली थीं. लेकिन इस बार उसे आधी सीटों पर ही संतोष करना पड़ा. हरियाणा में जाट बीजेपी से नाराज चल रहे हैं. ऐसे में बीजेपी उनकी नाराजगी दूर करने के लिए किसी जाट को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है. नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति होनी है. बीजेपी किसी जाट को अध्यक्ष बना सकती है. कैप्टन अभिमन्यु भी रेस में हैं. विधानसभा चुनाव का चैलेंज इस साल अक्टूबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं. 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में इस समय बीजेपी का कब्जा है. लेकिन लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. वैसे भी इस बार के चुनाव में बीजेपी के सामने 10 साल की इनकंबेंसी की भी चुनौती है. इसी से निपटने के चक्कर में बीजेपी ने साढ़े नौ साल बाद मनोहर लाल को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाकर नायब सिंह सैनी को सीएम बनाया था. लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजे से बीजेपी के सारा गणित बिगड़ गया. जाट वोट बैंक पर नजर हरियाणा में जाट बीजेपी से नाराज चल रहे हैं, लोकसभा चुनाव के नतीजे से इस पर मुहर भी लग गई. बीजेपी जाटों की नाराजगी दूर करने के लिए किसी जाट को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है. मगर इससे पहले बीजेपी ने जाटों को लुभाने के लिए चौधरी बीरेंद्र सिंह को भी पार्टी में शामिल किया था लेकिन उसका कोई असर जाट समुदाय पर पड़ा नहीं था. लोकसभा चुनाव से पहले चौधरी बीरेंद्र सिंह और उनके सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह ने बीजेपी को छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया. ऐसे में बीजेपी विधानसभा चुनाव से पहले जाटों की नाराजगी का क्या तोड़ निकालेगी ये देखना दिलचस्प होगा क्योंकि सच तो ये भी कि पिछले दो विधानसभा चुनाव में जाटों के विरोध के बावजूद बीजेपी सरकार बनाने में सफल रही थी. Tags: BJP, Congress, Haryana newsFIRST PUBLISHED : June 19, 2024, 19:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed