पहले की तरह दिल्ली उधमपुर या जम्मू से वोट डाल सकेंगे कश्मीरी प्रवासी नियमों में कोई बदलाव नहीं: J&ampK प्रशासन

जम्मू-कश्मीर सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय (DIPR-J&K) द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि कश्मीरी प्रवासियों को उनके नामांकन के स्थान पर या पोस्टल बैलेट के माध्यम से या जम्मू, उधमपुर, दिल्ली आदि में विशेष रूप से स्थापित मतदान केंद्रों के माध्यम से मतदान का विकल्प दिया जाता रहेगा.

पहले की तरह दिल्ली उधमपुर या जम्मू से वोट डाल सकेंगे कश्मीरी प्रवासी नियमों में कोई बदलाव नहीं: J&ampK प्रशासन
हाइलाइट्सकश्मीरी प्रवासी पोस्टल बैलेट या जम्मू, उधमपुर, दिल्ली में स्थापित मतदान केंद्रों से मतदान कर सकेंगेयह व्यवस्था उन युवाओं के लिए है, जो खुद को मतदाता के रूप में पंजीकृत कराने के योग्य हो गए हैंनिवास स्थान बदलने वाला व्यक्ति भी नए पते पर खुद को मतदाता के रूप में पंजीकृत करा सकता है श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर की मतदाता सूची में गैर.स्थानीय मतदाताओं को शामिल करने पर विवाद के बीच प्रशासन ने शनिवार को स्पष्ट किया कि कश्मीरी प्रवासियों के लिए उनके मूल निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में नामांकन के लिए विशेष प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. जम्मू-कश्मीर सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय (DIPR-J&K) द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि कश्मीरी प्रवासियों को उनके नामांकन के स्थान पर या पोस्टल बैलेट के माध्यम से या जम्मू, उधमपुर, दिल्ली आदि में विशेष रूप से स्थापित मतदान केंद्रों के माध्यम से मतदान का विकल्प दिया जाता रहेगा. इसमें आगे स्पष्ट किया गया है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की सरकार में संपत्ति की खरीद और नौकरियों के संबंध में नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है और इसका मतदाताओं के प्रतिनिधित्व या अन्यथा से कोई संबंध नहीं है. आदेश में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार मतदाता सूची का संक्षिप्त पुनरीक्षण किया जाता है. डीआईपीआर की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, ‘यह व्यवस्था उन युवाओं को सक्षम बनाने के लिए है, जो खुद को मतदाता के रूप में पंजीकृत कराने के योग्य हो गए हैं. इसके अलावा, यह उस व्यक्ति को भी अनुमति देता है, जिसने अपने सामान्य निवास स्थान बदल दिया है और पुराने स्थान की मतदाता सूची से अपना नाम हटवाकर नए स्थान पर मतदाता के रूप में नामांकन कराना चाहता है.’ इसने आगे कहा कि 2011 में जम्मू-कश्मीर के विशेष सारांश संशोधन वोटर लिस्ट में प्रकाशित मतदाताओं की संख्या 66,00,921 थी और अब यह बढ़कर 76,02,397 हो गई है. यह वृद्धि मुख्य रूप से नए मतदाताओं के कारण है, जिन्होंने 18 वर्ष की आयु प्राप्त की है. प्रशासन ने उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया, जिनमें दावा किया गया था कि मतदाता सूची संशोधन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद जम्मू-कश्मीर की मतदाता सूची में 25 लाख से अधिक नाम जोड़े जाएंगे. जम्मू-कश्मीर सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘यह तथ्यों की गलत बयानी है, जिसे निहित स्वार्थों के लिए फैलाया जा रहा है. मतदाता सूची में यह संशोधन केंद्र शासित प्रदेश जम्मू.कश्मीर के मौजूदा निवासियों को कवर करेगा और उन मतदाताओं की संख्या में वृद्धि होगी, जिन्होंने 1.10.2022 या उससे पहले 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली है.’ जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी हृदेश कुमार ने बुधवार को कहा था कि अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के बाद पहली बार मतदाता सूची के विशेष सारांश संशोधन के बाद गैर-स्थानीय लोग अब केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव में मतदान कर सकेंगे. जम्मू-कश्मीर की मतदाता सूची में बाहरी मतदाताओं को शामिल करने के मुद्दे पर नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने 22 अगस्त को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Jammu and kashmirFIRST PUBLISHED : August 20, 2022, 11:27 IST