IIT कानपुर का फिर कमाल एस्ट्रोसैट के डाटा से खोजा न्यूट्रॉन तारों का रहस्य

IIT Kanpur: इस शोध को एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित भी किया गया है. इस शोध से पता चला है कि जो न्यूट्रॉन तारे होते हैं वह विशाल तारों के ढहे हुए कोर से बनते हैं. और सूर्य के द्रव्यमान से भी अधिक द्रव्यमान को मात्र 10 किलोमीटर चौड़े गले में समेट लेते हैं.

IIT कानपुर का फिर कमाल एस्ट्रोसैट के डाटा से खोजा न्यूट्रॉन तारों का रहस्य
अखंड प्रताप सिंह/कानपुर: आईआईटी कानपुर के नाम एक और कीर्तिमान जुड़ गया है. आईआईटी कानपुर ने अब तारों की आंतरिक संरचना के बारे में स्टडी की है, जिसमें कई अहम जानकारियां मिली हैं. दरअसल, आईआईटी कानपुर ने अंतर विश्वविद्यालय खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी केंद्र पुणे और अशोक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर यह स्टडी की है. इस डाटा को एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित भी किया गया है. भारत देश की पहली अंतरिक्ष खगोलीय वेधशाला एस्ट्रोसैट से डाटा निकाल कर यह महत्वपूर्ण सफलता आईआईटी कानपुर के हाथ लगी है. इस डाटा के आधार पर ब्रह्मांड में न्यूट्रॉन तारों की आंतरिक संरचना के बारे में कई जरूरी जानकारियां वैज्ञानिकों को मिली है. यह किस प्रकार से बने हैं, इनका क्या स्ट्रक्चर है, क्या ढांचा है इसके बारे में पहली बार इतनी जानकारी मिली है. न्यूट्रॉन तारों के बारे में मिली जानकारी इस शोध को एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित भी किया गया है. इस शोध से पता चला है कि जो न्यूट्रॉन तारे होते हैं वह विशाल तारों के ढहे हुए कोर से बनते हैं. और सूर्य के द्रव्यमान से भी अधिक द्रव्यमान को मात्र 10 किलोमीटर चौड़े गले में समेट लेते हैं. इतना ही नहीं, यह अत्यधिक घनत्व एक शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र बनता है. और तारों के भीतर दबाव और घनत्व के बीच संबंध को जटिल अनसुलझे समीकरण की ओर ले जाता है. देश की पहली अंतरिक्ष वेधशाला एस्ट्रोसैट से मिली जानकारी आईआईटी कानपुर के स्पेस विभाग के प्रभारी प्रोफेसर पंकज जैन ने बताया कि आईआईटी कानपुर के लिए यह गर्व की बात है कि दुनिया भर के प्रसिद्ध खगोलीय वैज्ञानिकों के साथ मिलकर यह स्टडी की गई है. जिसमें कई अनसुलझी चीज सामने आई है. इसमें न्यूट्रॉन तारों के बारे में हमारी समझ को आगे लेकर जाती है. इसके साथ ही भौतिकी के मौलिक सिद्धांतों की खोज के लिए भी इस स्टडी के बाद कई रास्ते खुले हैं यह स्टडी अभी आगे जारी रहेगी. हमें उम्मीद है कि अंतरिक्ष से जुड़ी कई और चीज भी इस स्टडी के माध्यम से सामने आएंगी. Tags: Iit kanpur, Kanpur news, Local18, Science newsFIRST PUBLISHED : June 18, 2024, 13:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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