चमेली के इत्र की जानिए क्या होती है खासियत और लोगों को आता है खूब पसंद
चमेली के इत्र की जानिए क्या होती है खासियत और लोगों को आता है खूब पसंद
Perfume in kannauj: उत्तर प्रदेश के कन्नौज का नाम सुनते ही लोगों की जहन में इत्र की खुशबू अपने आप में आने लगती है. ऐसे में यहां के इत्र व्यापारी लगातार उन सभी चीजों से इत्र निकल रहे हैं, जिसमें खुशबू आती है. ऐसे ही एक खास खुशबू है चमेली की. आइये जानते हैं व्यापारियों ने क्या कहा...
अंजली शर्मा/कन्नौज: उत्तर प्रदेश में कन्नौज का नाम सुनते ही लोगों के जहन में इत्र की खुशबू अपने आप आने लगती है, ऐसे में कन्नौज के इत्र व्यापारी लगातार उन सभी चीजों से इत्र निकल रहे हैं, जिसमें खुशबू आती है. ऐसी ही एक खास खुशबू है चमेली की. चमेली के फूल से इत्र बनाना कन्नौज की बहुत प्राचीन पद्धति में है. चमेली का तेल और उसका इत्र लोगों को बहुत पसंद आता है और यह बहुत फायदेमंद भी होता है. इसकी खुशबू सबसे मनमोहक होती है. वहीं, इसका रेट भी लाखों रुपए में पहुंच जाता है.
जानें कहां होता चमेली का फूल
चमेली के फूल की पैदावार भारत के दक्षिण और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा होती है. वहीं, चमेली के तेल का निर्माण होता है, जिसके बाद कन्नौज के इत्र व्यापारी उस तेल से अपने यहां इत्र बना लेते हैं. वहीं, से चमेली का फूल यहां पर भी मगाया जाता है, फिर कन्नौज की सबसे प्राचीन विधि डेग-भभका पद्धति से चमेली का इत्र तैयार कर लिया जाता है.
जानें क्या होती खासियत
चमेली का तेल और इतर दोनों ही बहुत खास होता है. चमेली का तेल बालों के लिए बहुत कारगर होता है तो वहीं, इसके इत्र की खुशबू सबसे अलग होती है. दोनों का ही प्रयोग कॉस्मेटिक में बड़े पैमाने पर किया जाता है. इसके प्रयोग से चेहरे में झाइयां जैसी समस्या कम होती हैं, वहीं, इसके प्रयोग से बालों में सुंदरता आती है.
जानें क्या होता रेट
चमेली के इत्र के रेट की बात की जाए तो इसका रेट 40 हजार रुपए प्रति किलोग्राम से शुरू होता है. वहीं, चमेली की रूह 10 से 12 लाख रुपए किलो तक पहुंच जाती है. ग्राहकों की डिमांड और मानक के अनुरूप इसका रेट ऊपर नीचे भी हो सकता है. चमेली का इत्र बनाते समय जितनी मात्रा में फूलों का प्रयोग होगा और उतनी ही उसकी शुद्धता के मानक पर ये इत्र तैयार किया जाएगा, उसका रेट उस हिसाब से तय होता है.
जानें इत्र के व्यापारियों ने क्या कहा
इत्र व्यापारी निशीष तिवारी ने बताया कि चमेली के तेल का प्रचलन आदिकाल से चल रहा है. इसके बाद इसका इत्र हम लोगों ने बनाया, चमेली का तेल बालों के लिए बहुत कारगर रहता है. वहीं, इसके इत्र की खुशबू सबसे अलग रहती है. चमेली का फूल भारत के दक्षिण क्षेत्र व महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा होता है, वहीं पर ही चमेली के तेल का भी निर्माण होता है, इसके बाद हम लोग इस तेल से इत्र बना लेते हैं.
आज चमेली का तेल और इत्र बहुत सारी चीजों में प्रयोग होता है पूजा पाठ से लेकर कॉस्मेटिक के आइटम में सबसे ज्यादा यह प्रयोग किया जाता है. वहीं, इसकी रूह की कीमत 10 लाख रुपए से ऊपर निकल जाती है, जबकि चमेली के इत्र की कीमत 40 हजार रुपए प्रति किलोग्राम से शुरू होती है.
Tags: Kannauj news, Local18FIRST PUBLISHED : May 21, 2024, 12:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed