बैंक अकाउंट खुलवाने के दौरान रहें सावधान! जरा सी लापरवाही से पहुंच जाएंगे जेल
बैंक अकाउंट खुलवाने के दौरान रहें सावधान! जरा सी लापरवाही से पहुंच जाएंगे जेल
साइबर ठग भोले-भाले व्यक्तियों को ₹3000 का लालच देकर उनसे उनके ही नाम से बैंक अकाउंट खुलवाते थे और उनके बैंक पासबुक और अन्य दस्तावेज अपने पास रख लेते थे.
कन्नौज: अगर आपको विदेश में नौकरी लगाने का कोई कॉल आए, तो तुरंत सावधान हो जाएं. ऐसा न हो कि नौकरी के झांसे में आपको अपनी जमा पूंजी गंवानी पड़ जाए. कन्नौज में पुलिस ने साइबर ठगों के एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसका अजब और नायाब तरीका जानकर खुद पुलिस भी हैरान रह गई.
साइबर ठग भोले-भाले व्यक्तियों को ₹3000 का लालच देकर उनसे उनके ही नाम से बैंक अकाउंट खुलवाते थे और उनके बैंक पासबुक और अन्य दस्तावेज अपने पास रख लेते थे. इसके बाद ये ठग ऑनलाइन विदेशी नौकरी का झांसा देकर लोगों से ठगी का पैसा इन मासूम लोगों के खातों में जमा करवाते थे. कन्नौज में यह गिरोह स्लीपर सेल की तरह ऑपरेट कर रहा था, जो गांव-गांव जाकर लोगों को गुमराह करके उनकी मासूमियत का फायदा उठाता था और फिर करोड़ों रुपए के ट्रांजैक्शन उनके खातों में करके निकाल लेता था.
कैसे खुला मामला?
बीती 25 जुलाई को झारखंड निवासी एहसान और कुशीनगर निवासी रामलाल सिंह कन्नौज के तिर्वा पहुंचे. उन्होंने तिर्वा कोतवाली पुलिस को एक शिकायत की कि उन्हें विदेश में नौकरी लगाने के नाम पर 1,80,000 रुपए उनके खाते से निकाल लिए गए. उन्होंने संबंधित अकाउंट नंबर दिया, जिसकी जांच हुई तो पता चला यह खाता कैनरा बैंक में है. पुलिस ने तुरंत एक मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी. इसके बाद कार्रवाई में ऐसी पोल खुली कि पुलिस के भी होश उड़ गए. कई खातों में तो करोड़ों रुपए की रकम का लेनदेन किया गया था.
विदेश में नौकरी का झांसा
इन शातिर ठगों की एक गैंग दिल्ली में कॉल सेंटर ऑपरेट कर रही थी. ये लोग कॉल सेंटर के माध्यम से लोगों को फोन करके विदेशों में नौकरी लगाने का झांसा देते थे और उनसे पैसे ग्रामीण जनता के खातों में जमा करवाते थे. खातों की जानकारी सही होती थी जिससे लोगों को विश्वास हो जाता था.
क्या हुआ बरामद
इस गैंग के पास से 176 पासबुक, 160 से ज्यादा लोगों की फोटो, 16 एंड्राइड मोबाइल, 30 सिम कार्ड, 2 एटीएम, 2 चेक बुक, फोन एसेसरीज, और बैंक की रसीदें बरामद हुई हैं.
छोटे कस्बे का मास्टरमाइंड
कन्नौज के तिर्वा कस्बे का रहने वाला कौशल इस पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड है. कौशल ने अपने अंडर में करीब 20 से 25 युवाओं को इस जाल में उलझा रखा है. स्लीपर सेल की तरह ये युवा काम करते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर ये लोग ग्रामीणों को ₹3000 का लालच देकर उनका बैंक अकाउंट खुलवाते हैं. इसके बाद ये लोग उनके बैंक के पासबुक और अन्य कागजात लेकर अपने पास रख लेते हैं. ठगी का पैसा इन खातों में जमा करवाया जाता है ताकि उन पर कोई आंच न आए.
पुलिस जांच में हैरान
जैसे ही मामला पुलिस के संज्ञान में आया, कन्नौज के एसपी अमित कुमार आनंद ने तत्काल 8 पुलिस टीमें गठित कर दीं. साइबर थाने की इसमें मदद ली गई. जांच के दौरान यह मामला खुलता चला गया, जिसमें तिर्वा कस्बे का मास्टरमाइंड कौशल मुख्य आरोपी पाया गया. कौशल के साथ यशु ठाकुर, अर्पित द्विवेदी, अनुज कुमार, प्रशांत गुप्ता, पीयूष यादव, सिंह, शैलू ठाकुर, लव कुश सिंह, नवीन यादव, गौरव यादव, अभिषेक यादव, चैतन्य, ऋषभ राठौर सहित 20 से 25 लोग इस गैंग में काम करते थे.
Tags: Big crime, Local18FIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 12:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed