हरियाणा में पुरबिया का खेल BJP को नुकसान से उबारा ये फोटो बता रही पूरी कहानी

Haryana Assembly Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांटे की टक्कर है. ऐसे दोनों प्रमुख दल हर एक चाल सोच समझकर चल रहे हैं.

हरियाणा में पुरबिया का खेल BJP को नुकसान से उबारा ये फोटो बता रही पूरी कहानी
Haryana Assembly Election: हरियाणा में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां चरम पर है. भाजपा अपना किला बचाने के लिए हर एक दांव सोच समझकर चल रही है वहीं कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए हर तरफ अपने मोहरे बैठा रही है. वह लोकसभा चुनाव में मिली सफलता से उत्साहित है. कुल मिलाकर राज्य में चुनाव कांटे का होता दिख रहा है. छोटी सी छोटी चूक चुनाव रिजल्ट को पलट सकती है. इस बीच भाजपा ने खुद को एक बड़ा नुकसान होने से बचा लिया है. दरअसल, पिछले दिनों लोकप्रिय भजन गायक कन्हैया मित्तल ने भाजपा छोड़ने की घोषणा की थी. कन्हैया मित्तल वही गायक हैं जिन्होंने लोकप्रिय गीत ‘जो राम को लाए हैं’ गाए थे. इस साल जनवरी में अयोध्या में राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के वक्त यह गीत खूब लोकप्रिय हुई. ऐसी रिपोर्ट है कि कन्हैया मित्तल पंचकूला विधानसभा सीट से भाजपा से टिकट चाह रहे थे. लेकिन, टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने बगावत का रास्ता अपना लिया. पार्टी ने यहां से एक पुराने नेता को मौका दिया है. ऐसे में वह नाराज हो गए और भाजपा छोड़ने का ऐलान कर दिया. लेकिन, उनके भाजपा छोड़ने की घोषणा का उनके चाहने वालों ने कड़ा विरोध किया. फिर उनकी लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा ने अपने रणनीतिकारों को भी उनके पीछे लगाया. ताकि पार्टी को कोई नुकसान का झेलना पड़े. इसमें सबसे अहम नाम दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी का रहा. मनोज तिवारी की पहल और प्रशंसकों के दबाव में कन्हैया मित्तल ने अपना फैसला बदल लिया. उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा है कि वह सनातनियों की सुनेंगे, सनातनियों को चुनेंगे. इस तरह कन्हैया को बगावत से रोककर मनोज तिवारी ने भी एक बार फिर पार्टी के लिए एक अहम रणनीतिकार की भूमिका निभाई है. लोकसभा चुनाव के दौरान मनीष कश्यप भाजपा में शामिल हो गए थे. इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान मनोज तिवारी ने बिहार में यूट्यूबर मनीष कश्यप को भापजा के पाले में लाने में अहम भूमिका निभाई थी. मनीष कश्यप ने घोषणा की थी कि वह वाल्मिकीनगर लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेंगे. ऐसे में उस सीट पर भाजपा को नुकसान होने की आशंका पैदा हो गई. फिर मनोज तिवारी सक्रिय हुए और उन्होंने मनीष को पार्टी के भीतर लाने में सक्रिय भूमिका निभाई. बतौर रणनीतिकार मनोज तिवारी पर भाजपा आलाकमान का भरोसा बढ़ते जा रहा है. उनके योगदानों का नतीजा है कि बीते लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सात में से छह सीटिंग सांसदों को भाजपा ने टिकट नहीं दिया. केवल उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी को रिपीट किया गया. मनोज तिवारी इस सीट से तीसरी बार विजयी हुए. Tags: Assembly elections, Haryana election 2024, Manoj Tiwari BJPFIRST PUBLISHED : September 10, 2024, 16:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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