कैलाश- मानसरोवर यात्रा फिर शुरू होगी मोदी-जिनपिंग की बात से खुलेंगे रास्ते

Kailash Mansarovar Yatra: पीएम नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद कयास लगाए जाने लगे कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा को फिर से शुरू किया जा सकता है. इसे दोनों पक्षों की ओर से भरोसा बहाली के उपायों में शामिल किया जा सकता है.

कैलाश- मानसरोवर यात्रा फिर शुरू होगी मोदी-जिनपिंग की बात से खुलेंगे रास्ते
नई दिल्ली. विदेश मंत्रालय ने संकेत दिया कि हिंदुओं और अन्य धर्मों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थस्थल कैलाश मानसरोवर यात्रा को भारत और चीन के बीच चल रहे भरोसा-बहाली उपायों में शामिल किया जा सकता है. दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि दोनों देश कई मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं और इसमें कैलाश मानसरोवर यात्रा पर भी बातचीत हो सकती है. पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठक हुई. जिसमें दोनों नेताओं ने सीमा विवाद सहित कई मुद्दों पर बातचीत की. एक प्रेस कांफ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि जहां तक भरोसा बहाली के उपायों का सवाल है और क्या कैलाश मानसरोवर यात्रा को इसमें शामिल किया जाएगा? इस पर जैसा कि मैंने कहा कि आज नेताओं ने दोनों देशों के बीच विभिन्न आधिकारिक और अन्य द्विपक्षीय तंत्रों को सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं. मुझे यकीन है कि यह उन मुद्दों में से एक होगा जो नेताओं के बीच उन चर्चाओं के एजेंडे में होंगे. कैलाश मानसरोवर यात्रा क्या है? कैलाश-मानसरोवर यात्रा एक बहु-धर्म तीर्थयात्रा है जो तिब्बती पठार से होकर गुजरती है. हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म में सबसे पवित्र यात्राओं में से एक मानी जाने वाली यह यात्रा कैलाश पर्वत के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे भगवान शिव का निवास माना जाता है. कैलाश पर्वत चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में स्थित है. कैलाश मानसरोवर जाने के कई रास्ते कैलाश मानसरोवर जाने के लिए यात्री कई मार्गों में से चुन सकते हैं. इनमें नेपाल में काठमांडू, नेपाल में सिमिकोट और तिब्बत में ल्हासा शामिल हैं. भारत की ओर से चोटी पर जाने के लिए दो मार्ग हैं. पहला लिपुलेख दर्रे (उत्तराखंड) से होकर जाने वाला मार्ग और दूसरा नाथू ला दर्रे (सिक्किम) से होकर जाने वाला मार्ग. यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्री झीलों की परिक्रमा करते हैं, जो एक चुनौतीपूर्ण काम है. जिसके बारे में माना जाता है कि यह पापों को धो देता है और सौभाग्य लाता है. तीर्थयात्रा का एक और मुख्य पहलू मानसरोवर झील के क्रिस्टल-क्लियर पानी में पवित्र डुबकी लगाना भी है. जिसके बारे में माना जाता है कि इससे रोगों को दूर करने में मदद मिलती है. Tags: Adi Kailash Yatra, India china, India china border dispute, PM ModiFIRST PUBLISHED : October 23, 2024, 22:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed