आज रात पृथ्वी से दिखेगा बृहस्पति 59 साल बाद बना ये संयोग जानें कैसे और कब देख सकेंगे आप
आज रात पृथ्वी से दिखेगा बृहस्पति 59 साल बाद बना ये संयोग जानें कैसे और कब देख सकेंगे आप
लगभग 60 वर्षों के बाद हमारे सौरमंडल में आज एक अत्यंत दुर्लभ घटना घटने वाला है, जब बृहस्पति पृथ्वी सबसे करीब आएगा. बृहस्पति की पृथ्वी से अधिकतम दूरी 600 मिलियन मील है. आज ये पृथ्वी के सबसे करीब 367 मिलियन मील की दूरी पर होगा.
हाइलाइट्सबृहस्पति लगभग 60 सालों के बाद पृथवी के नजदीक होगा. इसे ऊंचाई से अँधेरा और सूखे वाले क्षेत्रों में देखा जा सकेगा. इसके बाद बृहस्पति 107 साल बाद 2129 में पृथ्वी के करीब होगा.
नई दिल्ली: लगभग 60 वर्षों के बाद हमारे सौरमंडल में आज एक अत्यंत दुर्लभ घटना घटने वाला है, जब बृहस्पति पृथ्वी सबसे करीब आएगा. बृहस्पति की पृथ्वी से अधिकतम दूरी 600 मिलियन मील है. आज ये पृथ्वी के सबसे करीब 367 मिलियन मील की दूरी पर होगा. अगली बार ये ग्रह पृथ्वी के नजदीक पूरे 107 साल बाद यानि 2129 में आएगा.
बृहस्तपति को सूर्य के एक पूरा चक्कर लगाने में पूरे 11 वर्ष लग जाते हैं. इसी परिक्रमण के दौरान बृहस्पति सूर्य के विपरीत दिशा दिशा में पहुंच जाता है और ये पृथ्वी से भी दिखाई देने लगता है. इस सूर्य–पृथ्वी -बृहस्पति की अवस्थिति को जुपिटर@अपोजिट कहा जाता है. दिलचस्प बात यह है कि आज बृहस्पति अपनी कक्षा में एक अनूठी व्यवस्था में होगा जो इसे 59 वर्षों के बाद पृथ्वी के सबसे करीब आ जायेगा. Stargazers: Jupiter will make its closest approach to Earth in 59 years! Weather-permitting, expect excellent views on Sept. 26. A good pair of binoculars should be enough to catch some details; you’ll need a large telescope to see the Great Red Spot. https://t.co/qD5OiZX6ld pic.twitter.com/AMFYmC9NET
— NASA (@NASA) September 23, 2022
सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह आकाश में -2.9 परिमाण के साथ दिखाई देगा, जिससे यह और भी अधिक चमकीला और बड़ा दिखाई देगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ग्रह आज शाम 5:29 बजे से कल सुबह 5:31 बजे तक पूरी रात आसमान में रहेगा.
इस दुर्लभ घटना को कैसे देख सकेंगे आप
अच्छी दूरबीन के साथ जिससे तीन या चार गैलीलियन उपग्रह (चंद्रमा) दिखाई दे सकें. यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि गैलीलियो ने इन चंद्रमाओं को 17वीं शताब्दी के प्रकाशिकी के साथ देखा था. अलबामा के हंट्सविले में नासा के मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर के एक शोध खगोल भौतिक विज्ञानी एडम कोबेल्स्की ने कहा, “आपके द्वारा उपयोग की जाने वाली किसी भी प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण जरूरतों में से एक ‘स्थिर माउंट’ होगा.”
बृहस्पति के ग्रेट रेड स्पॉट (Great Red Spot) और बैंड को अतिरिक्त विवरण के साथ देखने के लिए, कोबेल्स्की ने 4 इंची या उससे बड़े टेलीस्कोप की प्रयोग की सिफारिश की है. उन्होंने कहा कि हरे से नीले रंग की रेंज में कुछ फिल्टर का उपयोग करने से इसकी विशेषताओं को और महत्वपूर्ण बनाने में मदद मिलेगी.
एस्ट्रोफिजिसिस्ट के अनुसार, इस दुर्लभ घटना को उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्र से देखा जा सकता है जो अंधेरा और सूखा हो. उन्होंने कहा, “घटना को 26 सितंबर के पहले और बाद भी देखा सकता है.”
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Tags: Astrology, Earth, Jupiter, NasaFIRST PUBLISHED : September 26, 2022, 23:20 IST