10K के चक्कर में पकड़ा गया 35 करोड़ का खजाना कैसे मिला ED को नोटों का पहाड़

Jharkhand cash seizure: ईडी के सूत्रों ने बताया कि मंत्री से जुड़े ठिकानों से 32 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की गई, वहीं कुछ अन्य परिसर में की गई तलाशी में अलग से तीन करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद की गई.

10K के चक्कर में पकड़ा गया 35 करोड़ का खजाना कैसे मिला ED को नोटों का पहाड़
रांची: झारखंड की राजधानी रांची में ईडी को नोटों का पहाड़ मिला है, जिसकी गिनती करते-करते न केवल अफसर थक जा रहे थे, बल्कि मशीनें भी जवाब दे जा रही थीं. ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के सचिव से कथित रूप से जुड़े एक घरेलू सहायक के कई परिसरों पर रेड के दौरान 35.23 करोड़ रुपये की ‘बेहिसाबी’ नकदी और कई आधिकारिक दस्तावेज बरामद किए. ईडी के सूत्रों ने बताया कि मंत्री से जुड़े ठिकानों से 32 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की गई, वहीं कुछ अन्य परिसर में की गई तलाशी में अलग से तीन करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद की गई. अब सवाल उठता है कि आखिर ईडी को इस बेहिसाब कैश की जानकारी कैसे मिली? दरअसल, अगर इस पूरे मामले को देखा जाए तो महज 10 हजार रुपए के चक्कर में आरोपियों के 32 करोड़ के खजाने तक ईडी पहुंची है. जब ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल फरवरी में झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया था, तो अधिकारियों को भी यह अनुमान नहीं था कि भविष्य में इतने बड़े खुलासे होंगे. वीरेंद्र राम को कथित तौर पर महज 10,000 रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इसी 10 हजार की रिश्वत की गुत्थी को सुलझाते-सुलझाते ईडी 32 करोड़ रुपए के नोटों के पहाड़ तक पहुंची है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल पूछताछ के दौरान आरोपी वीरेंद्र राम ने भ्रष्टाचार के एक जटिल नेटवर्क का खुलासा किया था, जिसमें उसने इस मिलीभगत में शामिल कई अधिकारियों का जिक्र किया था. उसने उस कार्यप्रणाली का खुलासा किया था, जिसमें रिश्वत का पैसा विभिन्न चैनलों के माध्यम से भेजा जाता था, खासकर निविदा प्रक्रिया के दौरान. इसी खुलासे के बाद ईडी ने विभिन्न स्रोतों से जुटाई गई खुफिया जानकारी के साथ राम के दावों की पुष्टि की और फिर एक विस्तृत जांच शुरू की. इसके बाद की पूछताछ में झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग के भीतर भ्रष्टाचार की व्यापक प्रकृति का संकेत मिला, जिसके बाद ईडी ने पिछले साल 9 मई को राज्य के मुख्य सचिव को एक गोपनीय पत्र भेजकर त्वरित कार्रवाई का आग्रह किया. रिपोर्ट में दावा किया गया था कि गोपनीय पत्र उन लोगों के भी हाथ लग गए थे, जो खुद इस जांच के दायरे में थे. यही वजह है कि भ्रष्टाचार के मामलों में मिलीभगत के सामने आते रहे और कार्रवाई नहीं हुई. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जांच एजेंसी ईडी ने फ्लैट से मई 2023 में ईडी की रांची इकाई द्वारा झारखंड के मुख्य सचिव को लिखा गया एक आधिकारिक पत्र भी जब्त किया, जिसमें ठेकेदारों से ली गई कथित रिश्वत के ‘खुलासे’ की स्वतंत्र जांच और प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी. ये कथित खुलासे ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम द्वारा किए गए जिसे इस मामले में पिछले साल ईडी ने गिरफ्तार किया था. सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुकूल स्थानांतरण और पदस्थापना के लिए विधायकों और अन्य बड़े लोगों द्वारा आलम को लिखे गए कुछ सिफारिशी पत्र भी उक्त परिसर से बरामद किए गए हैं. सूत्रों ने बताया कि अभियान के तहत कुल छह परिसर की तलाशी ली गई और एजेंसी ने एक परिसर से 2.93 करोड़ रुपये तथा एक अन्य परिसर से 10 लाख रुपये बरामद किए. यह छापेमारी ग्रामीण कार्य विभाग के पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम के खिलाफ धनशोधन के मामले से जुड़ी है, जिसे ईडी ने पिछले साल गिरफ्तार किया था. एजेंसी ने पिछले साल जारी एक बयान में आरोप लगाया था, ‘रांची में ग्रामीण कार्य विभाग में मुख्य अभियंता के रूप में तैनात वीरेंद्र कुमार राम ने ठेकेदारों को निविदा आवंटित करने के बदले में उनसे रिश्वत के नाम पर अवैध कमाई की थी.’ एजेंसी ने अधिकारी की 39 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी. बयान में कहा गया, ‘इस प्रकार अपराध से अर्जित आय का उपयोग वीरेंद्र कुमार राम और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा ‘आलीशान’ जीवनशैली जीने के लिए किया जाता था.’ वीरेंद्र के खिलाफ धनशोधन का मामला झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एक शिकायत से जुड़ा है. Tags: Enforcement directorate, Jharkhand news, Ranchi newsFIRST PUBLISHED : May 7, 2024, 08:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed