हरियाणा के साथ ही जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. कांग्रेस नेशलन कांफ्रेंस के साथ मिलकर लड़ने का ऐलान कर चुकी है. जबकि बीजेपी अकेले चुनावी मैदान में है. पार्टी ने साफ किया है कि कुछ सीटों पर वह निर्दलियों को समर्थन देगी और अपने प्रत्याशी खड़े नहीं करेगी. कश्मीर रीजन में तो उसने दिल खोलकर मुस्लिम कैंडिडेट दिए हैं. क्योंकि इस रीजन में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है. लेकिन नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को अभी से बीजेपी के एक दांव से डर लग रहा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी कश्मीर में अधिक से अधिक सीटों पर निर्दलीय कैंडिडेट को जिताने की कोशिश कर रही है ताकि जब सरकार गठन की नौबत आए तो उनके साथ गठबंधन किया जा सके.
गांदरबल से पर्चा दाखिल करने के बाद जब उमर अब्दुल्ला बाहर निकले तो उनसे भारी संख्या में निर्दलीय कैंडिडेट खड़े होने पर सवाल पूछा गया. इस पर उमर ने कहा- यह स्पष्ट है और मीडिया में भी ऐसी खबरें हैं कि भाजपा कश्मीर से अधिक से अधिक निर्दलीय उम्मीदवारों को जिताने की कोशिश कर रही है ताकि वह उन निर्दलीय उम्मीदवारों की मदद से सरकार बना सके. हालांकि, मतदाता ऐसा नहीं होने देंगे और जब नतीजे घोषित होंगे तो न तो भाजपा और न ही उसकी चालें सफल होंगी.
उमर अब्दुल्ला के खिलाफ भी कई निर्दलीय
उमर अब्दुल्ला ने कहा, यह देखना बाकी है कि इन निर्दलीय उम्मीदवारों का एजेंडा क्या है. उनके नामांकन पत्र स्वीकार होने दें, फिर हम उनके एजेंडे के बारे में सुनेंगे. वे जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए क्या हासिल करना चाहते हैं और भाजपा को रोकने के लिए उनकी क्या योजना है. पार्टी के पूर्व विधायक इश्फाक जब्बार सहित उनके आलोचकों द्वारा उन्हें बाहरी व्यक्ति करार दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा, गांदरबल के लोगों ने मुझे तीन बार संसद में भेजा है. एक बार अपने विधायक के रूप में भी चुना है. जब्बार तभी विधायक बने जब मैंने उन्हें सीट दी. अगर मैं 2014 में यहां से चुनाव लड़ता, तो वह जीत नहीं पाते. वह जानते हैं कि मैंने उनके लिए सीट इसलिए छोड़ी क्योंकि मैंने उनसे ऐसा करने का वादा किया था.
किस बात का डर
बीजेपी को सरकार बनाने के लिए 90 सीटों में 46 पर जीत चाहिए. इसलिए पार्टी का पूरा फोकस जम्मू रीजन की 43 में से कम से कम 35 से 37 सीटें जीतने पर है. बीजेपी का इस इलाके में दबदबा है, 2014 के चुनाव में बीजेपी ने जम्मू रीजन में सभी दलों का सफाया कर दिया था. उधर, कश्मीर रीजन में पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस का दखल ज्यादा है. अगर बीजेपी जम्मू क्षेत्र से 35 से 37 सीटें निकाल लेती है, तो कश्मीर में कुछ सीटों और निर्दलीयों को मिलाकर उसके लिए राह आसान हो जाएगी. उमर अब्दुल्ला को इसी बात का डर सता रहा है. इतना ही नहीं, बीजेपी ने विकास के वादे के साथ कश्मीर रीजन में भारी संख्या में मुस्लिम कैंडिडेट भी दिए हैं.
Tags: Amit shah, BJP, Jammu kashir latest news, Omar abdullahFIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 19:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed