Jammu Kashmir Chunav: भारत सरकार द्वारा आयोजित इस दौरे का उद्देश्य विदेशी प्रतिनिधियों को केंद्र शासित प्रदेश में चल रही चुनावी प्रक्रिया का अनुभव कराना है. इस दौरे का आयोजन उस आज 25 सितंबर को जम्मू-कश्मीर में हो रहे दूसरे चरण के मतदान के लिए किया गया है.
2019 के ऐतिहासिक राजनीतिक बदलाव के बाद का परिदृश्य
यह दौरा 2019 में हुए ऐतिहासिक फैसले के बाद हो रहा है, जब भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया. इस कदम के बाद केंद्र सरकार ने कई बार क्षेत्र में स्थिति सामान्य होने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के बहाल होने की बात कही. यह दौरा उसी प्रयास का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके माध्यम से सरकार जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्थिर और सुचारू रूप से चलाने का संदेश देना चाहती है. एक तरफ जहां पाकिस्तान लगातार सोशल मीडिया के जरिए जम्मू कश्मीर की नकारात्मक छवि पैदा करने के लिए साजिश कर रहा है, वहीं केंद्र की तरफ से राजनयिकों का दौरा आयोजित कर पूरी दुनिया को घाटी की सही तस्वीर दिखाने की पहल की जा रही है.
राजनयिकों की भूमिका और उद्देश्य
प्रतिनिधिमंडल में शामिल राजनयिकों का स्तर उप मिशन प्रमुख (डीसीएम) और उससे नीचे के पदों पर रहेगा. उनके दौरे का मुख्य उद्देश्य घाटी में चुनावी प्रक्रिया को करीब से दिखाने का है. इसके साथ ही, ये राजनयिक जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता के प्रति भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को भी समझेंगे.
अंतरराष्ट्रीय मंच के लिए महत्वपूर्ण दौरा
यह दौरा न केवल जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उजागर करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा, बल्कि यह विदेशी राजनयिकों को केंद्र शासित प्रदेश में हो रहे विकास कार्यों और चुनौतियों को करीब से देखने का मौका भी दिया. यह पहल सरकार के उस प्रयास का हिस्सा है, जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को क्षेत्र की वास्तविक स्थिति से अवगत कराना है. The foreign delegation visited polling stations in Ompora (Budgam), followed by stops at Amira Kadal and SP College, Chinar Bagh, within the Lal Chowk constituency.
At SP College, delegates had the chance to visit a special pink polling station, managed entirely by women.… https://t.co/e17okceVxE
— ANI (@ANI) September 25, 2024
चुनावी प्रक्रिया पर वैश्विक ध्यान
जम्मू-कश्मीर में चल रही चुनावी प्रक्रिया पर दुनिया भर की नजरें टिकी हुई हैं. क्षेत्र में शांति और स्थिरता की दिशा में उठाए गए कदमों के बाद, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह चुनाव कितनी सफलतापूर्वक और पारदर्शी तरीके से सम्पन्न होते हैं. विदेशी राजनयिकों की यह यात्रा निश्चित रूप से क्षेत्र की स्थिति और चुनावी प्रक्रिया की प्रामाणिकता को वैश्विक स्तर पर प्रकट करेगी.
सरकार की रणनीति और संदेश
यह दौरा भारतीय सरकार की एक रणनीतिक पहल का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके माध्यम से वह यह संदेश देना चाहती है कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली और विकास के प्रयास तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. इसके साथ ही, यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह विश्वास दिलाने की कोशिश भी है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में स्थिरता और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है.
FIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 12:53 IST