सपा के लिए एक सबसे मुश्किल सीट 70 साल में सिर्फ एक बार नसीब हुई जीत!

लोकसभा चुनाव 2024 अब पांचवे चरण की ओर बढ़ रहा है. अब तक कुल 379 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है. इस चरण में ही जालौन सीट पर वोटिंग है. यहां मुख्य मुकाबल भाजपा और सपा के बीच है.

सपा के लिए एक सबसे मुश्किल सीट 70 साल में सिर्फ एक बार नसीब हुई जीत!
लोकसभा चुनाव 2024 अपने अंतिम दौर की ओर बढ़ रहा है. इस क्रम में 20 मई को पांचवे चरण की वोटिंग होगी. इस चरण में उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर वोटिंग होगी. इसमें एक सीट जालौन भी है. यह लोकसभा सीट तीन जिलों कानपुर देहात, जालौन और झांसी को मिलाकर बनी है. इसमें कानपुर देहात की भोगनीपुर, जालौन की माधोगढ़, कल्पी, औरई और झांसी जिले की गरौथा विधानसभा सीट शामिल है. जालौन का इतिहास वर्ष 1962 में यह लोकसभा सीट अस्तित्व में आई थी. उस समय 1962 से लेकर 1971 तक लगातार तीन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के रामसेवक चौधरी सांसद बने. फिर आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में यहां जनता पार्टी के रामचरण दोहरे विजयी हुए. वर्ष 1980 में कांग्रेस के नाथुराम शाक्यवार और 1984 में कांग्रेस के ही लच्छी राम विजयी हुए. 1989 में एक बार फिर यह सीट जनता पार्टी के खाते में चली गई और राम सेवक भाटिया विजयी हुए. फिर 1991 में यहां से भाजपा का खाता खुला. 1991 में गया प्रसाद कोरी, 1996 और 1998 में भानू प्रताप वर्मा विजयी हुए. 1999 में यह सीट बसपा के बृजलाल खबरी के पास चली गई. पहली बार सपा को जीत वर्ष 2004 में केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार सत्ता से बाहर हो गई. लेकिन, उस चुनाव में भी यहां से भाजपा के भानू प्रताप सिंह वर्मा फिर विजयी हुए. 20090 में पहली बार यहां से समाजवादी पार्टी के घनश्याम अनुरागी को जीत मिली. फिर 2014 और 2019 में यहां भानू प्रताप वर्मा विजयी हुए. 2024 के लोकसभा चुनाव में भी यहां से भानू प्रताप सिंह वर्मा उम्मीदवार हैं. यूपी की वो सीट जहां कभी भी सपा-बसपा को नसीब नहीं हुई जीत, 4 दशक से खिल रहा कमल भाजपा का गढ़ 1990 के दशक में राममंदिर आंदोलन शुरू होने के साथ ही यह सीट भाजपा के खाते में आ गई. 1991 के चुनाव में पहली बार यहां से भाजपा के गया प्रसाद कोरी जीते. फिर 1996 में यहां से भानू प्रताप सिंह वर्मा विजयी हुए. इस सीट पर उनका जबर्दस्त प्रभाव रहा है. वह फिर 1998, 2004, 2014 और 2019 में पांच बार सांसद चुने गए. 2019 में भानू प्रताप सिंह ने अजय बसपा के अजय सिंह को 1.58 हजार वोटों से हराया था. इससे पहले 2014 में उन्होंने बसपा के बृजलाल खबरी को 2.87 लाख वोटों के बड़े अंतर से हराया था. 2024 की जंग 2024 के लोकसभा चुनाव में यहां से भाजपा के भानू प्रताप वर्मा के खिलाफ सपा-कांग्रेस ने नारायण दास अहिरवार को मैदान में उतारा है. अहिरवार बसपा के संस्थापक सदस्य रहे हैं. वह 2007 से 2011 तक मायावती सरकार में मंत्री थे. 2022 में वह सपा में आ गए थे. वैसे इस सीट पर बसपा का अच्छा खासा वोट है. 2019 में सपा-बसपा गठबंधन में यह सीट बसपा के खाते में गई थी. इससे पहले 2014 में यहां से बसपा के बृजलाल खबरी दूसरे नंबर थे. उन्हें 2.61 लाख वोट मिले थे. अब सपा की रणनीति है कि अहिरवार के जरिए बसपा के कोर वोट बैंक में सेंध लगाकर इस सीट पर मुकाबले को कड़ा बनाया जाए. Tags: Loksabha Election 2024, Loksabha ElectionsFIRST PUBLISHED : May 15, 2024, 11:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed