Pitru Paksh 2022: सीवान के इस नदी में पितरों को मिलती है मोक्ष 15 दिन तक लोग करेंगे तर्पण 

सीवान जिले में दरौली सरयू नदी, दाहा नदी, झरही नदी के घाटों पर अपने पितरों को तर्पण करने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है. इस दौरान लोगों ने सरयू नदी में स्नान कर पितृ तर्पण, देवता और ऋषि-मुनियों का तर्पण शंख में जल, अक्षत, पुष्प, सुपारी, द्रव्य रखकर किया. वहीं, कई परिवारों ने दरौली सरयू नदी के घाट पर ही प्रतिपदा का श्राद्ध भी कराया

Pitru Paksh 2022: सीवान के इस नदी में पितरों को मिलती है मोक्ष 15 दिन तक लोग करेंगे तर्पण 
अंकित कुमार सिंह सीवान. पितरों के तर्पण के लिए पितृपक्ष आरंभ हो गया है. बिहार के सीवान जिले में दरौली सरयू नदी, दाहा नदी, झरही नदी के घाटों पर अपने पितरों को तर्पण करने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है. इस दौरान लोगों ने सरयू नदी में स्नान कर पितृ तर्पण, देवता और ऋषि-मुनियों का तर्पण शंख में जल, अक्षत, पुष्प, सुपारी, द्रव्य रखकर किया. वहीं, कई परिवारों ने दरौली सरयू नदी के घाट पर ही प्रतिपदा का श्राद्ध भी कराया. बताया जा रहा है कि जिन लोगों के पितरों की तिथि जिस प्रकार पड़ रही है वो उसके अनुसार दाहा नदी और दरौली के सरयू नदी के घाट पर जाकर अपने पितरों को जल व तिल द्वारा तर्पण और पूजा-अर्चना कर रहे हैं. साथ ही कई परिवार यहां पिंडदान भी कर रहे हैं. बता दें कि, ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में समर्पण की भावना से श्रद्धा पूर्वक किया गया तर्पण पितरों को स्वीकार होता है. पितरों को जल व तिल द्वारा तर्पण करने से उनकी आत्मा तृप्त होती है पितृ पक्ष के संदर्भ में दरौली के रहने वाले ज्योतिषाचार्य पंडित विद्या भूषण दुबे ने बताया कि पितृपक्ष में पितरों को जल व तिल के द्वारा तर्पण किया जाता है. इससे उनकी आत्मा तृप्त होती है. वो प्रसन्न होकर अपने स्‍वजनों को आशीष देते हैं. जिन लोगों की मृत्यु के दिन के बारे में सही जानकारी न हो या जिनकी अकाल मृत्यु हुई हो तो उनकी श्राद्ध अमावस्या तिथि को करने का विधान है. उस दिन उन्हें जल व तिल के द्वारा तर्पण किया जाता है. क्या करते हैं इतिहासकार कृष्ण कुमार सीवान के रहने वाले इतिहासकार और लेखक कृष्ण कुमार सिंह ने पितृपक्ष के संदर्भ में न्यूज़ 18 लोकल से बताया कि पितरों को श्राद्ध, तर्पण व पिंडदान कर प्रसन्न करने वाला पितृपक्ष शुरू हो गया है. सीवान के सरयू नदी, दाहा नदी, झरही नदी के अलावा पोखर व जलाशयों में लोग डुबकी लगाकर अपने पितरों को जल देते हैं. हिंदूू धर्म में पितृपक्ष यानी श्राद्ध का विशेष महत्व होता है. पितृपक्ष में पूर्वजों को श्रद्धापूर्वक याद कर के उनका श्राद्ध कर्म किया जाता है. उन्होंने बताया कि श्राद्ध न केवल पितरों की मुक्ति के लिए किया जाता है, बल्कि उनके प्रति अपना सम्मान प्रकट करने के लिए भी किया जाता है. मान्यता है कि पितृपक्ष में पितरों को श्राद्ध करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और हर प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है. पितृपक्ष 15 दिनों तक चलेगा. पितृपक्ष को लेकर घाटों पर प्रशासन तैनात पितृपक्ष को लेकर सीवान जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है. जिले के विभिन्न घाटों पर पुलिसकर्मियों को तैनात कर रखा गया है ताकि लोग नदियों में ज्यादा अंदर तक प्रवेश न कर सके. लोग सुरक्षित पूजा-अर्चना कर सकें. बता दें कि सीवान के दाहा नदी और दरौली की सरयू नदी काफी उफान पर है. पूर्व में डूबने से कई लोगों की मौत हो चुकी है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि अपनी देखरेख में पितृपक्ष पर लोगों की पूजा अर्चना करा सकें. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Bihar News in hindi, Pitru Paksha, Siwan newsFIRST PUBLISHED : September 13, 2022, 20:17 IST