11 साल बाद अब दोनों पैरों से चलकर स्कूल जा सकेगी प्रियांशु पढ़ें पूरी कहानी
11 साल बाद अब दोनों पैरों से चलकर स्कूल जा सकेगी प्रियांशु पढ़ें पूरी कहानी
Good News: प्रियांशु ने कई संस्थाओं और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मदद मांगी, पर कोई मदद को आगे नहीं आया. बाद में पटना स्थित भारत विकास और संजय आनंद दिव्यांग अस्पताल ने प्रियांशु से संपर्क कर मदद का हाथ बढ़ाया. इसके बाद प्रियांशु को न केवल कृत्रम पैर लगाए गए, बल्कि साइकिल और बैसाखी भी मुहैया कराया गया.
अंकित कुमार सिंह
सीवान. प्रियांशु अब दोनों पैर से चलेगी. पिछले 11 साल से वह एक ही पैर से चलने को मजबूर थी, लेकिन अब सीवान की 11 वर्षीय प्रियांशु हौसले की उड़ान भरी है. प्रियांशु अब एक पैर से नहीं, बल्कि दो पैरों से 2 किलोमीटर का सफर तय कर पढ़ाई करने लिए स्कूल जाएगी. अब उससे कृत्रिम पैर लगाया गया है, जिससे प्रियांशु काफी खुश है. वह हौसले का उड़ान पर वह डॉक्टर बनने कि सपना संजोए हुई है.
सीवान के जीरादेई प्रखंड के बंधु श्रीराम गांव की रहने वाली 11 वर्षीय प्रियांशु कुमारी के पिता राजू शर्मा दिहाड़ी मजदूर हैं. उनकी मां गृहणी हैं. प्रियांशु जन्म से ही दिव्यांग है. उसका बायां पैर नहीं है. घर की आर्थिक स्थिति उतनी बेहतर नहीं थी, जिस वजह से उसके घरवाले कृत्रिम पैर नहीं लगवा रहे थे. इसके बावजूद 11साल की प्रियांशु के अंदर पढ़ाई का जज्बा इतना था कि वह अपने घर से एक पैर की मदद से हर दिन 2 किलोमीटर तक का सफर तय कर स्कूल जाती थी. घर से स्कूल तक जाने वाली सड़क भी काफी जर्जर थी, इसके बावजूद प्रियांशु कभी भी स्कूल नहीं छोड़ती थी. प्रतिदिन एक पैर से स्कूल जाती थी. एक पैर से स्कूल जाते देख आसपास के दूसरे लोग भी अपने बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित करते थे.
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कई बार मांगी मदद, पर कोई नहीं आया
5वीं क्लास की छात्रा प्रियांशु ने News 18 Local से बातचीत में कहा कि वह एक पैर पर संतुलन बनाते हुए रोजाना करीब 2 किलोमीटर की दूरी तय करती स्कूल जाती थी. स्कूल जाने वाली सड़क अच्छी नहीं थी. मुझे आने जाने में काफी परेशानी होती थी. मैंने कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सहायता मांगी थी. इसके बावजूद मदद के लिए कोई सामने नहीं आया.
अब मिली मदद
प्रियांशु ने कई संस्थाओं और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मदद मांगी, पर कोई मदद को आगे नहीं आया. बाद में पटना स्थित भारत विकास और संजय आनंद दिव्यांग अस्पताल ने प्रियांशु से संपर्क कर मदद का हाथ बढ़ाया. इसके बाद प्रियांशु को न केवल कृत्रम पैर लगाए गए, बल्कि साइकिल और बैसाखी भी मुहैया कराया गया. प्रियांशु आज भी अपने गांव के एक निजी स्कूल में पढ़ाई कर रही है. उसने बताया कि उसका सपना डॉक्टर बनने का है.
प्रियांशु बोली- धन्यवाद
न्यूज़ 18 हिन्दी पर प्रियांशु की खबर चलने के बाद पटना स्थित संस्था भारत विकास एवं संजय आनंद दिव्यांग अस्पताल की नजर पड़ी. पांच सदस्यीय टीम प्रियांशु के घर पहुंच कर उससे संपर्क किया औऱ उसे पैर की नापी लेकर कृत्रिम पैर लगाया. प्रियांशु और उसके परिजनों ने न्यूज 18 को धन्यवाद दिया है.
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Tags: Bihar News, Siwan newsFIRST PUBLISHED : September 07, 2022, 10:54 IST