फ्यूचर में इंसानों अंतरिक्ष में ले जा निजी कंपनियों पर क्या बोले ISRO चीफ
फ्यूचर में इंसानों अंतरिक्ष में ले जा निजी कंपनियों पर क्या बोले ISRO चीफ
सोमनाथ ने हालांकि कहा कि यह तभी संभव है जब सरकार निजी इकाई का समर्थन करे. सोमनाथ ने कहा कि उदाहरण के लिए, नासा के स्वामित्व वाली कुछ तकनीक को स्पेस एक्स में स्थानांतरित कर दिया गया है ताकि वे तेजी से विकास कर सकें. यही कारण है कि स्पेसएक्स ने इतनी प्रगति की है, इस वर्ष उसने लगभग 45 प्रक्षेपण किए.
बेंगलुरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने इसरो के आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज के माध्यम से अंतरिक्ष में दिलचस्पी रखने वालों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में निजी कंपनियां निश्चित रूप से क्षेत्र में अनुसंधान को गति देने में मदद करेंगी.
एक निजी कंपनी स्पेसएक्स के कथित तौर पर अधिकांश देशों की तुलना में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अधिक योगदान देने पर टिप्पणी करते हुए सोमनाथ ने शनिवार को कहा कि निजी कंपनियों को रॉकेट इंजन बनाने के लिए प्रोत्साहित करने और स्पेसएक्स के मामले में इंसानों को लेकर अंतरिक्ष में जाने वाले रॉकेट की संभावना का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करने की अमेरिका की परंपरा को भारत द्वारा दोहराया जा सकता है.
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उन्होंने कहा कि ये कंपनियां प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने, लागत कम करने और अंतरिक्ष को अधिक सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. उन्होंने कहा कि भारत में निजी कंपनियों के लिए भी इस प्रकार की क्षमताएं विकसित करना संभव है.
सोमनाथ ने हालांकि कहा कि यह तभी संभव है जब सरकार निजी इकाई का समर्थन करे. सोमनाथ ने कहा, ‘उदाहरण के लिए, नासा के स्वामित्व वाली कुछ तकनीक को स्पेस एक्स में स्थानांतरित कर दिया गया है ताकि वे तेजी से विकास कर सकें. यही कारण है कि स्पेसएक्स ने इतनी प्रगति की है, इस वर्ष उसने लगभग 45 प्रक्षेपण किए.’
उन्होंने कहा कि भारत में पहले से ही दो कंपनियां काम कर रही हैं- स्काईरूट एयरोस्पेस और अग्निकुल कॉसमॉस. इसरो अध्यक्ष ने कहा, ‘हम सभी भारत को इस तरह आगे बढ़ते हुए देखकर उत्साहित हैं. ये कंपनियां पहले ही प्रक्षेपण वाहनों का परीक्षण कर चुकी हैं. यह एक दिलचस्प विकास है.’ चंद्रयान -4 पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, सोमनाथ ने भारत के अगले चंद्रमा मिशन पर एक जानकारी भी साझा की.
उनके मुताबिक, चंद्रयान-4 मिशन को चंद्रयान श्रृंखला की अगली कड़ी के रूप में विकसित किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की है कि भारत 2040 में चंद्रमा पर उतरने का इरादा रखता है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए चंद्रमा का निरंतर अन्वेषण आवश्यक है.’
उन्होंने कहा, ‘चंद्रयान-4 इस उद्देश्य की दिशा में पहला कदम होगा. मिशन का लक्ष्य चंद्रमा पर एक यान भेजना, नमूने एकत्र करना और उन्हें पृथ्वी पर वापस लाना है. अंततः, जब भारत मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए तैयार होगा, तो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रयोग करने और सुरक्षित लौटने के लिए चंद्रयान से चंद्रमा पर भेजा जाएगा.’
बातचीत एक घंटे तक चली और सोमनाथ ने इस वादे के साथ विदाई ली कि वह मई में फिर मिलेंगे. यह आयोजन युवा पीढ़ी से जुड़ने का एक प्रयास है.
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Tags: ISRO, SpaceFIRST PUBLISHED : April 28, 2024, 23:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed