मूली-खीरे की खेती से ये किसान कमा रहा लाखों बताया- ऐसे करें बुवाई होगा फायदा
मूली-खीरे की खेती से ये किसान कमा रहा लाखों बताया- ऐसे करें बुवाई होगा फायदा
किसान रूपचंद यादव ने एक- एक बीघे से मूली और खीरे के खेती की शुरुआत की. इससे उन्हें अच्छा लाभ हुआ. आज करीब चार बीघे में मूली और खीरे की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग दो से ढाई लाख रुपये मुनाफा कमा रहे हैं.
बाराबंकी: वैसे तो आमतौर पर मूली सर्दी के मौसम में पाई जाती है. लेकिन गर्मी और बरसात में मिलना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. क्योंकि गर्मी के मौसम में मूली की खेती में ज्यादा देखरेख और पानी की जरूरत पड़ती है, जिससे इसकी खेती कुछ ही किसान करते हैं. इसलिए इन दिनों इसकी कीमत अन्य सीजन के मुकाबले अच्छी मिलती है. इससे किसान मोटी कमाई कर सकते हैं. इस वजह से यहां के किसान मूली और खीरा की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
जनपद बाराबंकी के बड़ेल गांव के रहने वाले किसान रूपचंद यादव ने एक- एक बीघे से मूली और खीरे के खेती की शुरुआत की. इससे उन्हें अच्छा लाभ हुआ. आज करीब चार बीघे में मूली और खीरे की खेती कर रहे हैं. इस खेती से लगभग दो से ढाई लाख रुपये मुनाफा कमा रहे हैं.
इसकी खेती करने वाले किसान रूपचंद ने बताया कि मूली-खीरा की खेती करीब दो सालों से कर रहे हैं. इससे पहले वह पारंपरिक खेती करते थे. इसमें उन्हें कोई फायदा नजर नहीं आया. इसके बाद उन्होंने एक एक बीघे में मूली और खीरे की फसल लगाई. इससे उन्हें अच्छा मुनाफा देखने को मिला. आज करीब दो बीघे में मूली और दो बीघे में खीरे की खेती कर रहे हैं. एक बीघे में 8 से 10 हजार रुपये की लागत आती है और मुनाफा करीब दो से ढाई लाख रुपये तक हो जाता है.
बहुत आसान है मूली-खीरे की खेती
इसकी खेती दो प्रकार से होती है. एक तो बेड या मेड़ बनाकर दूसरा समतल खेत में की जाती है. फसल की बुवाई करने से पहले खेत की जुताई की जाती है. इसके बाद मूली व खीरे के बीज की बुवाई की करें. फिर जब पेड़ थोड़ा बड़ा हो जाता है. तब इसकी सिंचाई करते हैं. फिर खीरे के पौधे में खाद कीटनाशक दवाइयां का छिड़काव करना पड़ता है. इससे पौधा अच्छा चलता है और रोग भी नहीं लगता. वहीं, पौधा लगाने के 40 से 45 दिनों बाद फसल निकलना शुरू हो जाती है. वहीं, मूली एक महीने में निकलने लगती, जिसे हर दिन तोड़कर बाजारों में बेचा जा सकता है. खीरे की फसल करीब 3 महीने तक चलती है. वहीं, मूली की फसल डेढ़ महीने तक रहती है. इसे कई बार तोड़कर बाजारों में बेचा जा सकता है.
Tags: Barabanki News, Local18FIRST PUBLISHED : May 9, 2024, 17:00 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed