पाकिस्तान जिसे समझता था जिगरी यार वह तो भारत से दोस्ती की आस में
पाकिस्तान जिसे समझता था जिगरी यार वह तो भारत से दोस्ती की आस में
पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच अफगानिस्तान अब भारत की ओर आशा की निगाह से देख रहा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी से मुलाकात की है. यह तालिबान के साथ भारत की अब तक की सबसे बड़ी बातचीत है.
हाइलाइट्स अफगानिस्तान की सत्ता में आने के बाद तालिबान नेता के साथ सबसे बड़ी मुलाकात. अफगानिस्तान के विदेशमंत्री बोले-हमारी धरती को भारत के खिलाफ नहीं बोल पाएगा कोई. पाकिस्तान के साथ तालिबान की लड़ाई के बीच मुलाकात को माना जा रहा सबसे अहम.
भारत को घेरने के लिए पाकिस्तान तरह-तरह के हथकंडे अपनाता रहा है. जब अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आया तो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी गदगद हो गई. उसने सोचा कि अब तो अपना जिगरी यार आ गया है. खुशी के मारे आईएसआई चीफ भी मिलने पहुंच गए. लेकिन कुछ सालों में ही हालात बदल गए हैं. जिस तालिबान को पाकिस्तान अपना दोस्त समझ रहा था, अब वही भारत के साथ दोस्ती की आस में है. भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से शेयर की गई इस तस्वीर को देखकर शहबाज शरीफ की नींद उड़नी तय समझिए, क्योंकि अफगानिस्तान पर तालिबानी शासन के कब्जे के बाद यह भारत और अफगानिस्तान के बीच अब तक की सबसे बड़ी बैठक बताई जा रही है.
दरअसल, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी की अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मौलवी अमीर खान मुत्ताकी से दुबई में मुलाकात हुई है. दोनों के बीच द्विपक्षीय और क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर बातचीत हुई. लेकिन सबसे बड़ी बात, अफगानिस्तान के विदेशमंत्री ने भारत की सुरक्षा चिंताओं को गंभीर माना और भरोसा दिया कि उनकी धरती पर कोई भी ऐसा काम करने की इजाजत नहीं देगा, जिससे भारत को नुकसान पहुंचे. विदेश सचिव ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री को भरोस दिया कि भारत जल्द अफगानिस्तान में विकास से जुड़े प्रोजेक्ट पर काम करेगा. भारत ने अफगानिस्तान के लोगों के मदद की बात दोहराई है. इतना ही नहीं, चाबहार पोर्ट के जरिए व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने पर दोनों देश सहमत हुए हैं.
मुलाकात का वक्त अहम
भारत और अफगानिस्तान के बीच बातचीत ऐसे वक्त में हुई हुई है, जब भारत ने अफगानिस्तान पर पाकिस्तानी एयर स्ट्राइक की निंदा की है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, हमने अफगान नागरिकों पर एयर स्ट्राइक की मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं. इस एयर स्ट्राइक में महिलाओं और बच्चों समेत कई निर्दोष लोगों की जान गई है. यह पाकिस्तान की पुरानी आदत है कि वह अपनी आंतरिक विफलताओं के लिए पड़ोसी देशों को दोषी ठहराता है.
पाकिस्तान को क्यों होगी टेंशन
पाकिस्तान की सरकार नहीं चाहती कि अफगानिस्तान किसी भी तरह से भारत से जुड़े. क्योंकि उसे डर लगा रहता कि अगर भारत उनके पड़ोस में आकर बैठ गया, तो उनके लिए मुश्किल हो जाएगी. पाकिस्तानी सेना पहले से ही तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के हमलों से खौफ में है. रोजाना पाकिस्तानी सेना के जवान मारे जा रहे हैं. अगर अफगानिस्तान ने मुंह मोड़ लिया, तो शहबाज शरीफ के लिए एक और मोर्चा खुल जाएगा, जिसे संभाल पाना उनके लिए मुश्किल होगा.
Tags: Afghanistan news, Afghanistan vs Pakistan, Afghanistan-Taliban Fighting, India afghanistan, Taliban afghanistanFIRST PUBLISHED : January 8, 2025, 19:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed