भारतीय सेना स्वदेशी आधुनिकीकरण के लिए पूरी तरह तैयार रक्षा निर्माण में निजी क्षेत्र की भागीदारी जरूरी- लेफ्टिनेंट जनरल राजू

Defense News: लेफ्टिनेंट जनरल राजू के अनुसार, सरकार ने 400 उत्पादों का आयात नहीं करने और उन्हें स्थानीय स्तर पर बनाने का निर्णय किया है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने अगले 10 साल में आधुनिकीकरण की ओर बढ़ने का फैसला किया है. जब मैं आधुनिकीकरण की बात करता हूं तो मेरा मतलब स्वदेशी आधुनिकीकरण से है.

भारतीय सेना स्वदेशी आधुनिकीकरण के लिए पूरी तरह तैयार रक्षा निर्माण में निजी क्षेत्र की भागीदारी जरूरी- लेफ्टिनेंट जनरल राजू
हाइलाइट्सलेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने सेना के आधुनिकीकरण पर दिया जोरकहा- सेना के उत्पादों का निर्माण स्थानीय स्तर पर करने का निर्णय बेंगलुरु: थल सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बी. एस. राजू ने सोमवार को कहा कि भारतीय सेना स्वदेशी आधुनिकीकरण के लिए तैयार है और उसने रक्षा निर्माण में निजी क्षेत्र के महत्व को रेखांकित किया है. बेंगलुरु के एएससी सेंटर एंड कॉलेज, में ‘आर्मी डिज़ाइन ब्यूरो’ (एडीबी) के एक क्षेत्रीय प्रौद्योगिकी नोड (आरटीएन-बी) के उद्घाटन समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल बी. एस. राजू ने यह बयान दिया. लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने कहा, ‘भारतीय सेना ने रक्षा निर्माण में निजी क्षेत्र के महत्व को रेखांकित किया है. हम निजी क्षेत्र की भागीदारी चाहते हैं.’ उन्होंने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25 प्रतिशत स्थानीय उद्योग के लिए है. लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने कहा कि हम अपने काम में पारदर्शिता रखेंगे. हम आपको समय सीमा के अंदर उत्पाद उपलब्ध कराएंगे. उन्होंने इस क्षेत्र के लोगों से कहा हमें आपको बढ़ने के पर्याप्त अवसर देने चाहिए. देश, स्वदेशी आधुनिकीकरण की तरफ लेफ्टिनेंट जनरल राजू के अनुसार, सरकार ने 400 उत्पादों का आयात नहीं करने और उन्हें स्थानीय स्तर पर बनाने का निर्णय किया है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने अगले 10 साल में आधुनिकीकरण की ओर बढ़ने का फैसला किया है. जब मैं आधुनिकीकरण की बात करता हूं तो मेरा मतलब स्वदेशी आधुनिकीकरण से है. 2016 में हुई थी एडीबी की स्थापना रक्षा विभाग ने एक बयान में कहा कि ‘एडीबी‘ रक्षा क्षेत्र में भारतीय सेना की ‘मेक-इन-इंडिया’ पहल के तहत भारत की बेहद महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है. आपको बता दें कि’आर्मी डिजाइन ब्यूरो’ (एडीबी) की स्थापना 2016 में की गई थी. इसका काम प्रौद्योगिकी पर नजर रखना, लाभ और विकास के लिए प्रौद्योगिकियों की पहचान करना और उद्योग, शिक्षा, रक्षा तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ अनुसंधान एवं विकास प्रयासों को सुविधाजनक बनाना है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Defense minister, Ministry of defenceFIRST PUBLISHED : November 14, 2022, 16:15 IST